जयकारों के बीच खुले ग्यारहवें ज्योतिर्लिंग केदारनाथ धाम के कपाट
गोपेश्वर। भोले बाबा के जयकारों के साथ आज 6 महीने के लंबे इंतजार के बाद ग्यारहवें ज्योतिर्लिंग केदारनाथ धाम के कपाट खुल गए है। आज सुबह पूजापाठ की संपूर्ण प्रक्रिया को सम्पन्न करने के बाद मंदिर के कपाट भक्तों के दर्शन के लिए खोल दिए गए। इससे पहले 6 मई को कपाट खुलने की प्रक्रिया के अंतर्गत शीतकालीन से गद्दीस्थल से भगवान श्री केदारनाथजी की चल विग्रह पंचमुखी मूर्ति ने प्रस्थान किया था। चल विग्रह मूर्ति को विधिवत स्नान कराया गया था। स्नान कराने के बाद मूर्ति को डोली में विराजमान करके फूल मालाओं से सजाया गया था। इसके बाद पुजारियों द्वारा केदार लिंग की विधिवत पूजा-अर्चना की गई।
यह जानकारी बदरीनाथ, केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डाॅ. हरीश गौड़ ने दी। उन्होंने बताया कि केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की प्रक्रिया के तहत सोमवार को धार्मिक विधि-विधान के साथ पंचमुखी उत्सव डोली केदारनाथ धाम के लिए रवाना हुई। डोली सोमवार को रात्रि विश्राम के लिए अपने प्रथम पड़ाव फाटा पहुंचेगी। पंचमुखी उत्सव डोली सात मई को गौरीकुंड और आठ मई की शाम केदारनाथ धाम पहुंची। नौ मई को प्रातः नौ बजकर 35 मिनट पर केदारनाथ धाम के कपाट आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि सोमवार सुबह भगवान की उत्सव मूर्ति को स्नान कराने के बाद मंदिर में स्थापित कर मंडप में लाकर कर डोली में विराजमान कर फूल मालाओं से सजाया गया। डोली के प्रस्थान के साथ हर-हर महादेव-जय केदार के जयकारों की गूंज से वातावरण भक्तिमय हो गया। इस मौके पर ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। जम्मू-कश्मीर लाइट इंफेंटरी के बैंड की धुनों के बीच डोली यात्रा शुरू हुई। इस अवसर पर श्री केदारनाथ धाम के रावल श्री भीमाशंकर लिंग सहित श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति उपाध्यक्ष अशोक खत्री, पूर्व सदस्य श्रीनिवास पोस्ती, पूर्व सदस्य शिवसिंह रावत, नगर पंचायत अध्यक्ष विजय राणा, कार्याधिकारी एनपी जमलोकी और वेदपाठी विश्वमोहन जमलोकी आदि मौजूद थे।