हिंदू धर्म में बेहद पवित्र है गुड़ी पड़वा का दिन, भूलकर भी ना करें ये...काम, टूट पड़ेगा मुश्किलों का पहाड़
नईदिल्ली। हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा के दिन से हिंदू नव संवत्सर (वर्ष ) की शुरुआत होती है। इसे गुड़ी पड़वा के रूप में भी मनाया जाता है। इस साल 9 अप्रैल दिन मंगलवार को को बड़े ही उत्साह से मनाया जाएगा। इसी दिन चैत्र नवरात्रि की भी शुरुआत होती है।
गुड़ी पड़वा दो शब्दों से मिलकर बना है। गुड़ी शब्द का अर्थ होता है विजय पताका और पड़वा का अर्थ होता है प्रतिपदा तिथि। इस दिन लोग अपने घरों में विजय पताका के रूप में गुड़ी सजाते हैं। शास्त्रों के अनुसार, इस दिन देवी-देवताओं के पूजन और कुछ नियमों का पालन करने से लोगों को साल भर अनेक प्रकार के सुख की प्राप्ति होती है। इसके अलावा विधि-विधान से पूजन करने पर लोगों की मनोकामनाएं भी पूरी होती है।
कौन से काम शुभ -अशुभ
इस उत्सव को मनाते समय कुछ बातों का ध्यान रखना आवश्यक है कि इस दिन क्या करें और क्या ना करें। आइए जानते है किन-किन कामों का करना चाहिए और किन कामों का नहीं करना चाहिए -
गुड़ी पड़वा पर करें ये काम -
गुड़ी पड़वा के दिन ब्रह्म मुहूर्त में जागकर उबटन लगाकर स्नान करें, इसके बाद गंध, पुष्प, धूप, दीप इत्यादि से भगवान की पूजा-अर्चना करें।
गुड़ी पड़वा के दिन पूजन के बाद घर में गंगाजल छिड़के, इसके बाद माँ दुर्गा का ध्यान करें।
माँ के पूजा के लिए नई चौकी या वेदी पर सफेद रंग का वस्त्र बिछाएं और उस पर हल्दी या केसर से अष्टदल कमल बनाएं। कमल के मध्य में ब्रह्मा जी मूर्ति स्थापित कर पूजा करें।
गुड़ी पड़वा के दिन उत्तम स्वास्थ्य के लिए नीम के पत्ते का चूर्ण बनाकर उसमें नमक, हींग, जीरा, काली मिर्च, अजवाइन और मिश्री डालकर सेवन करें।
गुड़ी पड़वा के दिन अपने व्यवसाय कार्यालय अथवा दुकान के द्वार पर दोनों तरफ हरिद्रा के कुछ दाने डाल दें। इसे धन की आवक बढ़ेगी।
यदि व्यवसाय में किसी प्रकार कीबाधा आ रही है तो गुड़ी पड़वा के दिन घर की किसी छोटी कन्या से एक कटोरी साबुत चावल किसी निर्धन व्यक्ति को दान करवाएं। इसे बाधाएं दूर होंगी एवं व्यापार में वृद्धि होगी।
गुड़ी पड़वा पर भूल से भी न करें ये काम
हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार गुड़ी पड़वा का दिन बेहद पवित्र होता है। ऐसे में इस दिन मांस-शराब का सेवन ना करें
गुड़ी पड़वा के दिन नाखून नहीं काटने चाहिए और न ही दाढ़ी-मूंछ और बाल कटवाने चाहिए।
गुड़ी पड़वा के दिन में सोना भी नहीं चाहिए।