हरितालिका तीज व्रत के दौरान भूलकर भी ना करें ये काम...
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वेबडेस्क। हरतालिका तीज का व्रत महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए रखती है। महिलाएं निर्जला व्रत रखकर भगवान शिव और माता पार्वती का पूजन करती है। ज्योतिष शास्त्रियों के अनुसार इस व्रत का सनातन संस्कृति में विशेष महत्व है। इस दौरान कुछ विशेष नियमों को अपनाने चाहिए।
शास्त्र अनुसार इस व्रत यदि कोई महिला इस व्रत को रखना शुरू करती है तो उसे आजीवन इस व्रत को रखना अनिवार्य है। सिर्फ एक ही स्थिति में इस व्रत को छोड़ा जा सकता है। जब उपवास रखने वाली महिला गंभीर बीमार हो या असाध्य हो। इसी स्थिति में भी संभव हो सकें तो बीमार महिला के स्थान पर उसके पति या अन्य महिला को ये व्रत रखना चाहिए।
पूजन विधि -
हरितालिका तीज का पूजन करने के लिए मिट्टी से भगवान् शिव और पार्वती की प्रतिमा बनाएं। पूजा के स्थान पर एक चौकी पर लाल वस्त्र डालकर फूलों से सजाएं और भगवन को स्थापित करें। इसके बाद भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश का षोडशोपचार विधि से पूजन करें। इसके बाद माता पार्वती को सुहाग की सारी वस्तुएं चढ़ाएं और भगवान शिव को धोती अंगचा ओढ़ाएं। इसके बाद व्रत की कथा सुनें और रात में जागरण करें।
ये ना करें -
- व्रत के दौरान क्रोध ना करें -
- व्रत के दिन पूरी रात जागरण करके पूजा करनी चाहिए
- व्रत के दिन खाना या पीना नहीं चाहिए
- व्रत के दिन किसी की बुराई न करें
- व्रत के दौरान ध्यान रखें की किसी के प्रति द्वेष का भाव नाआए।
हरितालिका तीज व्रत कथा अनुसार यदि कोई व्रती इस दिन गलती से पानी पी लेती है तो अगले जन्म छिपकली के रूप में जन्म लेती है, इसी प्रकार यदि कुछ खाती है तो बंदर, व रात में जागरण ना कर सो जाने पर अजगर का जन्म मिलता है।
शुभ मुहूर्त -
- पहला मुहूर्त - सुबह 6 बजकर 3 मिनट से सुबह 8 बजकर 33 मिनट तक
- दूसरा मुहूर्त - शाम 6 बजकर 33 से रात 8 बजकर 51 मिनट तक