होलिका दहन में डाले ये...वस्तुएं, बुरी नजर, बाधा और गृह क्लेश होंगे दूर
वेबडेस्क। होली का पर्व ढेर सारी खुशियां और उल्लास लेकर आता है। 17 मार्च को होलिका दहन होगा और उसके अगले दिन 18 मार्च को रंगों वाली होली खेली जाएगी। इस वर्ष होली का पर्व बेहद खास है। होली ग्रहों के ऐसे शुभ संयोग में खेली जाएगी जो बहुत दुर्लभ ही बनता है। हालांकि होलिका दहन की शाम भद्रा दोष भी रहेगा इसलिए इस बार होलिका शाम की बजाय रात में जलाई जाएगी।
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार होलिका दहन के दिन ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति 3 राजयोग बना रही हैं। इस दिन गजकेसरी योग, वरिष्ठ योग और केदार योग बन रहे हैं। होली पर ग्रहों का ऐसा शुभ महासंयोग पहले कभी नहीं बना है। इतने शुभ योग में होलिका दहन का होना देश के लिए बेहद लाभदायी साबित होगा। एक साथ 3 राजयोगों का बनना मान-सम्मान, पारिवारिक सुख-समृद्धि, तरक्की और वैभव लाता है। उस पर होलिका दहन के दिन गुरुवार का होना बेहद शुभ माना जाता है। साथ ही सूर्य भी गुरु की राशि मीन में रहेंगे। कुल मिलाकर ग्रहों की ऐसी शुभ स्थिति बीमारियों, दुख और तकलीफों का नाश करेगी साथ ही दुश्मनों पर जीत भी दिलाईगी।
काली हल्दी डालने से बुरी नजर दूर होती
ज्योतिषशास्त्र के हिसाब से होलिका दहन में कुछ विशेष वस्तुएं डाली जाती हैं। जो आपके जीवन की समस्याओं को दूर कर सकती हैं। मान्यता के मुताबिक होलिका अग्नि में काली हल्दी डालने से बुरी नजर दूर होती है। वहीं, गोमती चक्र अर्पित करने से अदृश्य बाधाएं दूर होती हैं। कौड़ियां अर्पित करने से जीवन में चल रही धन संबंधी बाधाओं का दूर किया जा सकता है। इसी तरह से अग्नि में नींबू अर्पित करने से नजर और हाय दूर होती है। अग्नि में गुंजा डालने से शत्रुओं से रक्षा होती है, वहीं एक, दो, पांच और दस रुपये के सिक्के रोग और घर में व्याप्त कलेश को दूर करते हैं। सिक्कों को पांच, 11 या 21 के क्रम में चढ़ाएं (जैसे पांच रुपए के पांच सिक्के, 11 सिक्के या 21 सिक्के)
होलिका दहन मुहूर्त -
रात 9 बजकर 6 मिनट से लेकर 10 बजकर 16 मिनट तक। अवधि 01 घण्टा 10 मिनट भद्रा पूंछ रात 9 बजकर 6 मिनट से लेकर 10 बजकर 16 मिनट तक। भद्रा मुख रात 10 बजकर 16 मिनट से लेकर 18 मार्च की दोपहर 12 बजकर 13 मिनट तक।