भारत समेत दूसरे देशों में भी दिखा सूर्यग्रहण, अद्भुत नजारा 296 साल बाद देखने को मिला
नई दिल्ली। वर्ष 2019 का सबसे बड़ा और आखिरी सूर्य ग्रहण शुरू हो चुका है। इससे पहले इस साल 6 जनवरी और 2 जुलाई को आंशिक सूर्यग्रहण लगा था। यह सूर्य ग्रहण को देश के दक्षिणी भाग में कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु के हिस्सों में दिखाई दिया जबकि देश के अन्य हिस्सों में यह आंशिक सूर्य ग्रहण के रूप में दिखाई दिया। यह सूर्य ग्रहण खंडग्रास वलयाकार ग्रहण है और आज सूर्य 'रिंग ऑफ फायर' की तरह दिखेगा। यह नजारा बेहद खूबसूरत होगा, लेकिन नासा ने इसके लिए चेतावनी जारी की है।
नासा ने कहा है कि यह सूर्य ग्रहण जितना सुंदर होगा, उतना ही खतरनाक भी होगा, इसलिए सूर्य ग्रहण के दौरान नंगी आंखों से सूर्य ग्रहण की तरफ न देखें। यही नहीं इसको देखने के समय विशेष सावधानी बरतें।
खासकर सूर्य ग्रहण के दौरान आपके पास चश्मा होना चाहिए। इसके अलावा अगर आप फोटोग्राफ लेना चाहते हैं तो आपके पास सोलर फिल्टर्स होने चाहिए। दरअसल कहा जाता है कि सूर्य ग्रहण के दौरान इससे खास तरह की किरणें निकलती हैं जो हमारी आंखों को नुकसान पहुंचा सकती हैं।
इस ग्रहण को सीधे आंखों से देखने से बचें। ये सूर्य ग्रहण धनु राशि और मूल नक्षत्र में बनेगा इसलिए व्यक्तिगत रूप से धनु राशि और मूल नक्षत्र में जन्मे लोगों पर इस ग्रहण का विशेष प्रभाव पड़ेगा। इसलिए धनु राशि के लोगों को सूर्य ग्रहण नहीं देखना चाहिए। चैन्नई में भी सूर्य पर चंद्रमा की छाया पड़ने लगी है।
- चंद्रमा ने सूर्य को कवर करना शुरू कर दिया है
- यहां आप सूर्य ग्रहण की केरल से लेटेस्ट तस्वीरें भी देख सकते हैं। इसके अलावा भुवनेश्वर से भी सूर्य ग्रहण की ताजा तस्वीरें सामने आ रही हैं।
भारतीय समय अनुसार आंशिक सूर्य ग्रहण सुबह 8.04 मिनट से शुरू होगा और सूर्य ग्रहण सुबह 9.24 से चंद्रमा सूर्य के किनारे को ढकना शुरू करेगा। पूर्व सूर्य ग्रहण सुबह 9.26 पर दिखाई देगा। वहीं, 11.05 तक यह सूर्य ग्रहण खत्म हो जाएगा। इस ग्रहण की अवधि तीन घंटे बारह मिनट होगी।
25 दिसम्बर की रात 8:17 पर सूतक लग चुके हैं जो सूर्य ग्रहण के बाद समाप्त होंगे। हरिद्वार में सूर्य ग्रहण के चलते गुरुवार को गंगा आरती सुबह न होकर पूर्वाह्न 11.30 बजे होगी। सूर्य ग्रहण के कारण लगने वाले सूतक को लेकर यह निर्णय लिया गया है। मनसा देवी, चंडी देवी, माया देवी समेत सभी मंदिरों के कपाट देरी से खुलेंगे।