2 सितम्बर को ही मनाई जाएगी गणेश चतुर्थी, यह बन रहे है संयोग

2 सितम्बर को ही मनाई जाएगी गणेश चतुर्थी, यह बन रहे है संयोग
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ग्वालियर/स्वदेश वेब डेस्क। भगवान गणेशजी के प्राकट्य होने के समय ग्रहों के जो संयोग बने हुए थे। वैसे ही संयोग इस वर्ष भी गणेश चतुर्थी पर रहेंगे। गणेश चतुर्थी पर इस बार हस्त व चित्रा योग रहेगा। इनके साथ ही रवि योग व चतुर्ग्रही योग भी रहेगा। सोमवार को गणेश चतुर्थी होने के कारण भक्त भगवान गणेश एवं शिव की एक साथ आराधना भी कर सकेंगे।

ज्योतिषाचार्य सतीश सोनी के अनुसार मंगलमूर्ति और विघ्नहर्ता भगवान श्री गणेशजी महाराज की स्थापना इस बार 2 सितम्बर को गणेश चतुर्थी पर होगी। गणेश उत्सव को लेकर शहरभर में तैयारियां प्रारंभ हो चुकी हैं। जहां मूर्तिकारों ने गणेश जी की मूर्तियां बनाना प्रारंभ कर दिया है। वहीं जिन स्थानों पर भगवान गणेश जी को विराजमान किया जाना है वहां पर अभी से तैयारियां प्रारंभ कर दी गई हैं। भगवान श्रीगणेश का प्राकट्य के समय चित्रा, व हस्त योग था। इसके साथ ही रवियोग और चतुर्ग्रही योग भी इस बार रहेगा। 2 सितम्बर को सूर्योदय की तिथि के पहले ही चतुर्थी लग जाएगी। साथ ही यह पूरे दिन रहेगी। साथ ही हस्त नक्षत्र भी दोपहर तक रहेगा। इसके बाद चित्रा नक्षत्र का संयोग बनेगा। इस साल गणेश स्थापना के समय भद्रा का साया नहीं रहेगा। लेकिन देर शाम 7 बजकर 46 मिनट पर भद्रा लग जाएगी। भगवान श्री गणेश का जन्म दोपहर के समय हुआ था। इस कारण मूर्ति स्थापना व पूजा अर्चना के लिए दोपहर का समय ही श्रेष्ठ रहेगा।

ज्योतिषाचार्य सतीश सोनी के अनुसार 2 सितंबर को गणेश स्थापना, 3 सितंबर को ऋषि पंचमी, 4 सितंबर मोरछठ, 5 सितंबर संतान सप्तमी, 6 सितंबर राधाष्टमी, 7 सितंबर हरि जंयती, 8 सितंबर सुंगध धूपदशमी, 9 सितंबर डोल ग्यारस, 10 सितंबर वामन जयंती, 11 सितंबर प्रदोष व्रत, 12 सितंबर अस्त चतुर्थी रहेगी।

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