नवरात्रि में तीनों शक्तियों की आराधना के मूल मंत्रों का जप करने से मिलेगा लाभ
नई दिल्ली/स्वदेश वेब डेस्क। नवरात्रि एक हिंदू पर्व है। जिसका अर्थ होता है 'नौ रातें'। इन नौ रातों और दस दिनों के दौरान, शक्ति / देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि में तीनों शक्तियों की आराधना के मूल मंत्रों का जप करने से बहुत लाभ मिलता है।
1. दुर्गा जी का उत्तमोत्तम नवाक्षर मंत्र महामंत्र है। इसको मंत्रराज कहा गया है। नवार्ण मंत्र की साधना धन-धान्य, सुख-समृद्धि आदि सहित सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करती है।
"ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे"
2. लक्ष्मी जी का मूल मंत्र जिसके द्वारा कुबेर ने परमऐश्वर्य प्राप्त किया था ।
"ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं कमलवासिन्यै स्वाहा"
3. सरस्वती जी का वैदिक अष्टाक्षर मूल मंत्र जिसे भगवान शिव ने कणादमुनि तथा गौतम को, श्रीनारायण ने वाल्मीकि को, ब्रह्मा जी ने भृगु को, भृगुमुनि ने शुक्राचार्य को, कश्यप ने बृहस्पति को दिया था जिसको सिद्ध करने से मनुष्य बृहस्पति के समान हो जाता है ।
"श्रीं ह्रीं सरस्वत्यै स्वाहा"