सोमवती अमावस्या पर होंगे पंच महायोग, तीन को होगी वट वृक्ष की पूजा
ग्वालियर। अगले माह 3 जून को तीन ग्रहों के योग यानि त्रियोग में शनि जयंती, सोमवती अमावस्या, देवपितृ अमावस्या, वट सावित्री व्रत मनाया जाएगा। इस दिन दानपुण्य करने से पितृदोष की शांति होगी। जबकि शनि के दुष्परिणाम दूर होंगे वहीं पति की भी दीर्घायु होगी।
ज्योतिषाचार्य सतीश सोनी के अनुसार शनि जयंती, देवपितृ अमावस्या तथा वट सावित्री व्रत व सोमवती अमावस्या के दिन 3 जून को सर्वार्थ सिद्घी योग सुबह 5 बजकर 49 बजे तक रहेगा। वहीं अमृत योग रात्रि 12 बजे से प्रारंभ होकर सुबह 5 बजकर 49 मिनट तक रहेगा। इसके साथ ही बुध, मंगल और राहु का त्रिग्रही योग भी बन रहा है। साथ ही केतु के साथ शनि की उपस्थिति होने के कारण इसका व्यापक असर प्रत्येक जातक पर पड़ेगा। खासकर उन लोगों के लिए यह खास दिन होगा जो शनि की साढ़े साती ढैयया या जन्मकुण्डली में शनि की महादशा, अंतर्दशा या शनि की खराब स्थिति के कारण परेशान चल रहे हैं। इस बार अमावस्या सोमवार के दिन रोहिणी नक्षत्र तथा वृषभ राशि के चंद्रमा की उपस्थिति में मनाई जाएगी। इस दिन शनिदेव की आराधना करने से जातकों को विशिष्ठ शुभफल प्रदान होंगे। तीर्थो में स्नान करने से पितृदोषों की शांति तर्पण श्राद्ध एवं गीता पाठ करने से घर में सुख शांति भी बढ़ेगी।
पूजा करने से प्रसन्न होंगे शनिदेव महाराज
शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए शनि जयंती के दिन भगवान शनिदेव के मंत्रों का जाप करने से लाभ मिलेगा। साथ ही महाकाल शनि मृत्युंजय स्त्रोत के पाठ के साथ शनिदेव का तेलाभिषेक करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। जिन जातकों को निरंतर शारीरिक पीड़ा रहती है। वे शनि जयंती पर शनि वज्रपिंजर कवच के 11 पाठ करें इससे शारीरिक कष्टों से मुक्ति मिल सकती है।
इस बार बनेगी त्रिग्रही युति
ज्योतिषाचार्य पं. सतीश सोनी के अनुसार अमावस्या के अवसर पर इस बार बुध, मंगल और राहु का मिथुन राशि में त्रिग्रही युति बना रहे हैं। अमावस्या के दिन सात्विक ग्रह बुध के साथ मंगल और राहु की उपस्थिति होने के कारण लोगों में आपसी मनभेद और दुष्ट लोगों के प्रभाव बढ़ने जैसी घटनाएं होगी। योग के प्रभाव से भीषण गर्मी बारिश, आंधी आने की आशंका भी रहेगी।
राशियों पर यह रहेगा असर
मेघ, सिंह , कन्या, तुला वृश्चिक राशि के लिए यह त्रिग्रही संयोग का अशुभ असर होने की संभावना है। वहीं वृषभ, धनु, कुंभ व मीन के लिए यह समय अच्छा रहेगा।
वट सावित्री व्रत से अखण्ड रहेगा सौभाग्य
ज्योतिषाचार्य सतीश सोनी के अनुसार ज्येष्ठ मास के कृष्णपक्ष अमावस्या 3 जून को देशभर में महिलाएं अखण्ड सौभाग्य के लिए महिलाएं वट सावित्री व्रत रखेंगी। इस दिन सर्वार्थ सिद्घी योग भी रहेगा। वट सावित्री व्रत पर अमावस्या भी रहेगी। अमावस्या की तिथि 2 जून की शाम को 4 बजकर 39 मिनट से प्रारंभ होगी। वट सावित्री अमावस्या के दिन माता सावित्री ने यमराज से अपने पति सत्यवान के प्राणों की रक्षा की थी। इस दिन वटवृक्ष के नीचे सावित्री व सत्यवान की कथा का श्रवण करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। सोमवती अमावस्या के दिन नदी में स्नान करने एवं दान का विशेष महत्व है। इस दिन मौन भी रखा जाता है इसके कारण इसका एक नाम मौनी अमावस्या भी है।