शंख योग में जन्म लेंगे जगत के पालनहार

शंख योग में जन्म लेंगे जगत के पालनहार
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नई दिल्ली। स्मार्त सम्प्रदाय के लोग 2 सितंबर को जन्मोत्सव मनाएंगे वही वैष्णव सम्प्रदाय के लोग 3 सितंबर को पौराणिक धर्मग्रन्थ पदम पुराण, मत्स्य पुराण, अग्नि पुराण,में भाद्रपद कृष्णपक्ष की अष्टमी को मध्यरात्रि के रोहिणी नक्षत्र वृषभ चंद्रमा में श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था।

दो दिन मनेगा जन्मोत्सव, 2 सितंबर को गृहस्थ व 3 को सन्यासी मनाएंगे पर्व

श्रावण मास के समाप्त होने के बाद भगवान श्रीकृष्ण और गणेश को प्रिय भादों मास की शुरुआत हो जाएगी। भादों मास आम लोगो के लिए जलमास के तौर पर अधिक जाना जाता है इस मास में बारिश की प्रधानता रहती है, सनातन धर्म प्रेमियों के लिए कई प्रमुख त्यौहार इस मास में पड़ते है।

ज्योतिषाचार्य पंडित सतीश सोनी के अनुसार, भादों मास हिन्दू पञ्चांग कैलेंडर का छटवां महीना है। भादों मास के स्वामी भगवान श्रीकृष्ण और भगवान गणेश है जिनकी पूजा से लोगो के विशेष काम बन जाते है, इस बार श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर तुला राशि में देव गुरु बृहस्पति तथा दैत्य गुरु शुक्र की युति जन्मोत्सव पर शंख योग बनायेगी ज्योतिष में यह शुभ मानी जाती है वर्ष में दोनों ग्रहों की युति एक बार ही होती है वही भादों मास में पांच सोमवार होना भी विशेष लाभकारी रहेंगे। जन्मोत्सव पर्व 2 सितंबर को गृहस्थ व 3 सितंबर को मंदिरों में सन्यासी संतो द्वारा मनाया जायेगा। रविवार 2 सितंबर को शाम 8:47 बजे रोहिणी नक्षत्र में अष्टमी तिथि में जन्मोत्सव मनेगा। इस दिन सूर्य उदय से रात्रि 8:50 बजे तक रवियोग के साथ त्रिपुष्कर योग भी रहेगा। जो कृष्ण भक्तों को तीन गुना लाभदायक रहेगा। इस दिन अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र, वृषभ का चन्द्रमा का संयोग शुभ रहेगा।

जन्मोत्सव पर व्रत उपवास करने से ग्रहो के दोष शांत होंगे। इस दिन श्रीकृष्ण सहस्त्र नाम का पाठ करें। और 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मन्त्र का जप करें। वहीं गुरु और शुक्र की युति से लोगों में पूजा पाठ की रूचि बढ़ेगी। दोनों ग्रहो के असर से देव व दैत्य विचारों में धार्मिक प्रभाव बढ़ेगा।

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