समस्याओं के जटिल बनने से पहले उठाएं आवश्यक कदम
हर एक व्यक्ति के जीवन में समस्याएं आती हैं और परेशान भी करती हैं। कोई भी उनसे पूरी तरह बच नहीं सकता। पर कुछ लोगों को समस्याएं ज्यादा ही घेरे रखती हैं। ज्यादातर मामलों में बात भी बड़ी नहीं होती, वे ही उसे बड़ा बना देते हैं। जानिए कैसे?
बहुत कम समस्याएं होती हैं, जो शुरुआत में ही बड़ी होती हैं। वरना ज्यादातर बातें शुरू में छोटी ही होती हैं। कभी हम अपने आलस, टाल-मटोल या लापरवाही से उन्हें बढ़ा देते हैं, जैसे बिल समय पर ना देना या फिर शुरू में ही बीमारी या सामान की टूट-फूट ठीक ना कराना। तो कुछ बातें हमारी बिना सोचे-समझे दी गई प्रतिक्रियाओं के कारण बड़ी हो जाती हैं। यह एक बड़ा सच है कि समस्या हमारे अपने रवैये में भी कम नहीं होती। कुछ बातों का बड़ा होना हम झेल लेते हैं, इसलिए उन्हें बार-बार करने से बाज नहीं आते। पर कुछ बिगड़ चुकी बातों को ठीक करने में समय लग जाता है। कई बार बात संभलती ही नहीं। तब केवल अफसोस रह जाता है कि काश, उस समय थोड़ा सोच लेते, तुरंत प्रतिक्रिया नहीं देते या थोड़ी सी चतुराई से चीजों को वापस ठीक कर लेते।
महत्वपूर्ण बिंदु ....
1. ज्यादा तो नहीं सोचते!
2. समस्याओं का हल तलाशें
3. भरोसा रखें
कभी भी बिगड़ेगी नहीं बात...
*तुरंत कुछ भी कहने से बचें। नहीं बोलना दिक्कत नहीं करता, जितना कि आवेश में बोल बैठना।
*कुछ देर गहरे सांस लें। हृदयगति सामान्य होने दें।
*कुछ देर के लिए उस जगह से हट जाएं। खुले में समय बिताएं। कुछ मनपसंद खाएं या पिएं।
*अपने विचार को बदलें। मन में अगर केवल गलत बात आ रही है तो हालात या व्यक्ति से जुड़ी अच्छी बात सोचें।
*बड़ी तस्वीर देखें। दूसरों को समझने की कोशिश करें। नतीजे और विकल्पों पर ढंग से सोच लें।
*रुख लचीला रखें। गलती हो तो मानने में देरी ना करें।