धन, यश और आयु की वृद्धि करने वाला है यह मन्त्र
नई दिल्ली। 27 जुलाई से सावन के महीने की शुरुआत हो चुके है इसलिए भगवान शिव के भक्त हर मंदिर में बड़ी साज सज्जा के साथ शिव की आराधना की जा रही है यह सावन का महीना भगवान शिव का सबसे प्रिय महीना होता है और इस महीने में भगवान शिव सबसे अधिक प्रसन्न रहते हैं। तो आइये हम बताते है आपको शिव के इस विशेष मंत्र-
"ॐ नम: शिवाय शुभं शुभं कुरु कुरु शिवाय नम: ॐ"
शिवपुराण, रूद्रसंहिता, युद्ध खंड के अनुसार यह शुभ मन्त्र महान पुण्यमय तथा शिव को प्रसन्न करने वाला है | यह भक्ति – मुक्ति का दाता, सम्पूर्ण कामनाओं का पूरक और शिवभक्तों के लिये आनंदप्रद है | यह स्वर्गकामी पुरुषों के लिये धन, यश और आयु की वृद्धि करनेवाला है | यह निष्काम के लिये मोक्ष तथा साधन करने वाले पुरुषों के लिये भुक्ति – मुक्ति का साधक है | जो मनुष्य पवित्र होकर सदा इस मन्त्र क कीर्तन करता है, सुनता है अथवा दूसरे को सुनाता है, उसकी सारी अभिलाषाएँ पूर्ण हो जाती हैं |
चातुर्मास में करने योग्य
चातुर्मास में ३ बिल्व पत्र डाल कर "ॐ नमः शिवाय" ५ बार जप करके और "ब्रह्म ही जल रूप बन कर आया है" ऐसी भावना करके नहाना चाहिये । आंवला, जौ और तिल का पेस्ट बनाकर शरीर पर रगड़कर अथवा तो ये तीनो का पाऊडर पानी में डालकर नहाना चाहिये । स्नान में कभी गर्म पानी का प्रयोग ना करें, वायु की तकलीफ वाले ना ज्यादा गर्म ना ज्यादा ठंडा पानी प्रयोग करें। सिर पर तो कभी भी गर्म पानी नहीं डालना चाहिये । ऐसा करने पर सभी तीर्थ स्नान करने का पुण्य मिलता है ।