शरद पूर्णिमा पर कल लगेगा चंद्र ग्रहण, जानिए चांद की रोशनी में कब रखे खीर ?

Sharad Purnima
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शरद पूर्णिमा पर कल लगेगा चंद्र ग्रहण,

शाम 4.05 बजे ही बंद हो जाएंगे मंदिरों के कपाट

नईदिल्ली। वर्ष 2023 का अंतिम चंद्र ग्रहण कल शनिवार को मध्य रात्रि के उपरांत लगेगा। भारत में यह मध्य रात्रि के बाद 01 बजकर 05 मिनट से 02 बजकर 24 मिनट तक रहेगा। शनिवार को आश्विन माह की पूर्णिमा है। आश्विन माह की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। इस चंद्र ग्रहण को भारत में देखा जा सकेगा जिस कारण से इसका सूतक काल मान्य होगा।

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार चंद्र ग्रहण का सूतक ग्रहण के स्पर्श से 9 घंटे पूर्व लग जाता है। इसलिए ग्रहण का सूतक 28 अक्टूबर को सायंकाल 4 बजकर 5 मिनट से लगेगा। सूतक की शुरुआत होते ही मंदिरों के कपाट बंद हो जाएंगे।ग्रहण का सूतक काल आरम्भ होने से लेकर ग्रहण के मोक्ष तक देव प्रतिमाओं का स्पर्श वर्जित होता है। इसलिए घर व मंदिरों के कपाट 28 अक्टूबर को ग्रहण का सूतक लगने के साथ ही बंद कर दिए जायेंगे। बताया कि ग्रहण के सूतक काल से ग्रहण मोक्ष तक यदि ऐसा संभव न हो तो ग्रहण काल में जप, पाठ करना पुण्य फलदायी होता है। जिनकी कुंडली में ग्रहण योग है वे इस दौरान स्वयं जप करें या ब्राह्मणों के द्वारा भी जप कराया जा सकता है।

शरद पूर्णिमा पर खीर ऐसे रखें -

बता दें कि शरद पूर्णिमा के दिन खीर बनाकर चन्द्रमा की शीतल छाया में रात्रि में रखने और अगले दिन उसको खाने का विधान है। किन्तु चन्द्र ग्रहण लगने के कारण लोगों में खीर बनाने और रात्रि में रखने को लेकर ऊहापोह की स्थिति है। लोगों को शंका है कि सूतक काल में खीर कैसे बनायी जा सकती है और ग्रहण काल में उसे कैसे रखा जा सकता है।इस संबंध में ज्योतिष शास्त्रियों का कहना है कि सूतक काल आरम्भ होने से पूर्व खीर को बनाकर रखा जा सकता है। सूतक काल आरम्भ होने पर उसमें तुलसी पत्र व कुशा डालकर रात्रि में किसी कपड़े ढ़ककर चन्द्रमा की चांदनी में रखा जा सकता है, किन्तु सूतक काल व ग्रहण काल में खीर बनाना, खाना वर्जित बताया गया है।

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