10 फरवरी से होगी गुप्त नवरात्रि, सर्वार्थसिद्धि और रवि योग में मनेगी

वेबडेस्क। इस वर्ष की प्रथम गुप्त नवरात्रि 10 फरवरी शनिवार शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से प्रारंभ होगी। इसका समापन 18 फरवरी, रविवार को होगा। ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने बताया कि माघ गुप्त नवरात्रि पर मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा पूरे नौ दिनों तक की जाती है। गुप्त नवरात्रि में साधक देवी मां की 10 महाविद्याओं की गुप्त रूप से साधना कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। इस बार गुप्त नवरात्रि पर रवियोग और सर्वार्थसिद्धि योग बन रहे हैं, जिससे मां दुर्गा की पूजा-उपासना करने वालों को कई गुना अधिक फल प्राप्त होगा।
माघ गुप्त नवरात्रि पर घटस्थापना का शुभ मुहूर्त:-
घटस्थापना का शुभ मुहूर्त 10 फरवरी प्रात: 8:45 से लेकर 10:10 बजे तक है। मुहुर्त की कुल अवधि 1 घंटा 25 मिनट रहेगी। दूसरा घटस्थापना का शुभ मुहुर्त दोपहर 12:13 से 12:58 बजे तक रहेगा। इसकी कुल अवधि 44 मिनट रहेगी।
दस महाविद्याओं की होगी पूजा:-
नवरात्रि में दस महाविद्याओं काली, तारा, छिन्नमस्ता, षोडशी, भुवनेश्वरी, त्रिपुर, भैरवी, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी या कमला। मान्यता है कि देवी मां कि इन 10 महाविद्याओं की पूजा करने से मनुष्य को विशेष सिद्धियां प्राप्त होती हैं। ज्योतिषाचार्य ने बताया कि गुप्त नवरात्रि विशेषकर तांत्रिक क्रियाएं, शक्ति साधना, महाकाल आदि से जुड़े लोगों के लिए विशेष महत्व रखती है। इस देवी भगवती के साधक बेहद कड़े नियम के साथ व्रत और साधना करते हैं। इस दौरान लोग लंबी साधना कर दुर्लभ शक्तियों की प्राप्ति करने का प्रयास करते हैं।
माघ गुप्त नवरात्रि पूजा विधि:-
- भक्त सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।
- घर और पूजा मंदिर को अच्छी तरह से साफ कर लें।
- इस शुभ दिन पर लाल रंग के पारंपरिक कपड़े धारण करें।
- पूजा घर में एक वेदी स्थापित करें।
- देवी दुर्गा की प्रतिमा स्थापित करें और उनके समक्ष शुद्ध देशी घी का दीया जलाएं।
- मां दुर्गा की प्रतिमा को सजाएं।
- मां को लाल फूलों की माला अर्पित करें।
- कुमकुम का तिलक लगाएं।
- शृंगार की सामग्री अर्पित करें।
- विधि अनुसार कलश की स्थापना करें।
- हलवा-पूड़ी और चना का भोग लगाएं।
- मां का आव्हान वैदिक मंत्रों से करें।
- दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।
- मां दुर्गा की आरती के साथ पूजा को पूर्ण करें।
- अंत में घर के सभी सदस्यों में प्रसाद का वितरण करें।