महाशिवरातत्रि पंचग्रही योग में करें अपनी राशि अनुसार अभिषेक : डॉ मृत्युञ्जय तिवारी

महाशिवरातत्रि पंचग्रही योग में करें अपनी राशि अनुसार अभिषेक : डॉ मृत्युञ्जय तिवारी
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वेबडेस्क। इस संसार में सब कुछ शिव के अधीन है, ग्रह, नक्षत्र, राशि, तारे, समय, मुहूर्त आदि सभी यहां तक कि ग्रहों के स्वामी भी शिव ही हैं, इन्ही की प्रसन्नता से हमारा जीवन सुखमय हो सकता है ।इस महाशिवरात्रि पर बन रहा ग्रहों का विशेष पंचग्राही योग के साथ 2 शुभ संयोग महाशिवरात्रि का पर्व इस वर्ष मंगलवार, 1 मार्च को मनाया जाएगा । भगवान शिव को समर्पित यह त्योहार इस साल अधिक विशेष होने जा रहा है ।

क्या है विशेष संयोग, ज्योतिष शास्त्र के अनुसार महाशिवरात्रि पर इस साल धनिष्ठा नक्षत्र में परिघ योग रहेगा । धनिष्ठा के बाद शतभिषा नक्षत्र रहेगा । जबकि परिघ योग के बाद शिव योग लगेगा । परिध योग में शत्रुओं के खिलाफ बनाई रणनीतियों में सफलता मिलती है । शत्रु बाधा निवारण के लिए इस दिन विशेष अभिषेक पूजन करना चाहिए । अर्थात् शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने के लिए इसे बहुत महत्वपूर्ण समझा जाता है ।

महाशिवरात्रि पर ग्रहों का योग -

महाशिवरात्रि पर इस बार ग्रहों का विशेष योग बन रहा है । 12वें भाव में मकर राशि में पंचग्रही योग बनेगा । इस राशि में मंगल और शनि के साथ बुध, शुक्र और चंद्रमा रहेंगे । लग्न में कुंभ राशि में सूर्य और गुरु की युति बनी रहेगी । चौथे भाव में राहु वृषभ राशि में रहेगा, जबकि केतु दसवें भाव में वृश्चिक राशि में रहेगा ।

महाशिवरात्रि के दिन सुबह 11.47 से दोपहर 12.34 तक अभिजीत मुहूर्त रहेगा । इसके बाद दोपहर 02.07 से लेकर 02.53 तक विजय मुहूर्त रहेगा । पूजा या कोई शुभ कार्य करने के लिए ये दोनों ही मुहूर्त सर्वश्रेष्ठ हैं । शाम के समय 05.48 से 06.12 तक गोधूलि मुहूर्त रहने वाला है ।

संक्षिप्त पूजन विधि -

महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव को पंचामृत से स्नान करवाकर केसर के 8 लोटे जल चढ़ाएं ।पूरी रात्रि का दीपक जलाएं । चंदन का तिलक लगाएं । बेलपत्र, भांग, धतूरा, गन्ने का रस, तुलसी, जायफल, कमल गट्टे, फल, मिष्ठान, मीठा पान, इत्र व दक्षिणा चढ़ाएं । सबसे बाद में केसर युक्त खीर का भोग लगा कर प्रसाद बांटें । ॐ नमो भगवते रूद्राय, ॐ नमः शिवाय रूद्राय शम्भवाय भवानीपतये नमो नमः मंत्र का यथाशक्ति जाप करें । भगवान भूत भावन आशुतोष केवल अभिषेक से प्रसन्न होते हैं । कुछ भी न उपलब्ध हो तो एक लोटा जल ही पर्याप्त है । और यदि शिव कृपा से आप सामर्थ्यवान है तो इस महाशिवरात्रि पर शिव जी को अपनी राशि अनुसार महादेव जी की पूजा अभिषेक कर आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है ।

मेष राशि -

इस राशि वाले जातक महाशिवरात्रि के दिन शिव जी की गुलाल से पूजा करें और "ॐ ममलेश्वराय नम:" मंत्र का जाप करें, आपको बहुत अधिक लाभ मिलेगा।

वृषभ राशि-

महाशिवरात्रि के दिन इस राशि के लोग शिव जी का दूध से अभिषेक करें और "ॐ नागेश्वराय नम:" मंत्र का जाप करें, सभी कष्टों से मुक्ति मिलेगी।

मिथुन राशि-

महाशिवरात्रि के दिन मिथुन राशि के जातक शिव जी का गंगा जल से अभिषेक करें और इसके साथ ही "ॐ भूतेश्वराय नम:" मंत्र का जाप करें।

कर्क राशि-

इस राशि के जातकों को महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव का पंचामृत से अभिषेक करना चाहिये और महादेव के "द्वादश" नाम का स्मरण करना चाहिये।

सिंह राशि-

इस राशि के जातक महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव का शहद से अभिषेक करें और "ॐ नम: शिवाय" मंत्र का जाप करें।

कन्या राशि-

कन्या राशि के जातक महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव का जल में दूध मिलाकर अभिषेक करें और "शिव चालीसा" का पाठ करें।

तुला राशि-

भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिये महादेव का दही से अभिषेक करें और इस दिन "शिवाष्टक" का पाठ करें।

वृश्चिक राशि-

इस राशि के लोग दूध और घी से शिवजी का अभिषेक करें और "ॐ अंगारेश्वराय नम:" मंत्र का जाप करें।

धनु राशि-

महाशिवरात्रि के दिन शिव जी का दूध से अभिषेक करें और "ॐ सोमेश्वरायनम:" मंत्र का जाप करें, सभी इच्छाएं जल्द पूरी होंगी।

मकर राशि-

महाशिवरात्रि के दिन मकर राशि वाले जातक भगवान शिव का गन्ने के रस से अभिषेक करें और साथ ही "शिव सहस्त्रनाम" का पाठ करें।

कुंभ राशि-

इस राशि वाले जातक महाशिवरात्रि के दिन शिव जी का दूध, दही, शक्कर, घी, शहद इन सभी चीजों से अभिषेक करें इसके साथ ही "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का जाप करें।

मीन राशि:

भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिये महाशिवरात्रि के दिन मौसमी फल के रस से शिव जी का अभिषेक करें, इसके साथ ही "ॐ भामेश्वराय नम:" मंत्र का जाप करें।

(स्वयं न कर पाने की स्थिति में योग्य ब्राम्हण द्वारा करायें)

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