14 अक्टूबर को सर्व पितृ मोक्ष अमावस्या पर सूर्य ग्रहण, इस दिन गलती से भी ना करें ये...काम

Solar Eclipse
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भारत में 14 अक्टूबर को पड़ेगा साल का आख़िरी सूर्यग्रहण 

शरद पूर्णिमा पर चंद्रग्रहण लगेगा, जो भारतवर्ष में दिखाई देगा।

नईदिल्ली। एक ही माह में दो ग्रहण लगने वाले हैं। पितृमोक्ष अमावस्या के दिन 14 अक्टूबर को सूर्यग्रहण होगा और शरद पूर्णिमा के पर्व 28 अक्टूबर को चंद्रग्रहण पड़ रहे हैं। हालांकि सूर्यग्रहण भारत में नजर नहीं आने वाला है। इस बार शरद पूर्णिमा पर चंद्रग्रहण रहेगा, जो भारतवर्ष में दिखाई देगा। चंद्रमा की शीतल रोशनी में बनने वाली खीर भी इस बार ग्रहण के कारण मध्यरात्रि में नहीं बन पाएगी।

सर्व पितृमोक्ष अमावस्या, 14 अक्टूबर को सूर्यग्रहण रहेगा, जबकि शरद पूर्णिमा 28 अक्टूबर को चंद्रग्रहण रहेगा।अमावस्या पर रात 8:34 से शुरू होगा और मध्य रात्रि 2:25 तक रहेगा। सूर्यग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए हमारे यहां न तो इसका कोई सूतक मान्य होगा और न ही कोई दोष लगेगा, इसलिए पितृमोक्ष अमावस्या के दिन सभी प्रकार के आयोजन निर्विघ्न होंगे। इसी प्रकार शरद पूर्णिमा पर चंद्रग्रहण लगेगा, जो भारतवर्ष में दिखाई देगा। इस ग्रहण का सूतक दोपहर बाद से प्रारंभ होगा, जो मध्यरात्रि के बाद तक रहेगा। इस दिन रात्रि में मंदिरों के पट बंद रहेंगे, मंदिरों में भजन कीर्तन तो होंगे, लेकिन खीर का भोग नहीं लगेगा।

शनिश्चरी अमावस्या भी

अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या 14 अक्टूबर को शनिश्चरी अमावस्या है। वैसे अश्विन मास कृष्ण पक्ष की अमावस्या को सर्वपितृमोक्ष अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। इसके पहले वर्ष 2019 में इस तरह का योग बना था। जब शनिवार के दिन सर्व पितृमोक्ष अमावस्या आई थी। पितृमोक्ष अमावस्या के दिन धार्मिक क्रियाओं का विशेष लाभ मिलता है। पित्रों के पूजन तथा शनि पूजन की मान्यता बताई जाती है।

सर्वपित्र अमावस्या पर ना करें ये काम -

  • इस दिन तुलसी की पूजा न करें। तुलसी के पत्ते भी नहीं तोड़। ऐसा करने पर मां लक्ष्मी नाराज हो जाएंगी।
  • अमावस्या के दिन जप-तप-व्रत करने वाले व्यक्ति को ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
  • इस दिन भूलकर भी शारीरिक संबंध नहीं बनाना चाहिए।
  • इस दिन तामसिक भोजन न बनाएं, न ही खाएं।
  • भूलकर भी श्मशान घाट, सूनसान जंगल में न जाएं।

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