आज से आग उगलेगा सूरज...नौतपा शुरू, जानिए इसका विज्ञान

आज से आग उगलेगा सूरज...नौतपा शुरू, जानिए इसका विज्ञान
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भारत में भयंकर गर्मी पड़ने की शुरुआत हो चुकी है। कई शहरों में तापमान 45 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया है। मौसम विभाग की भविष्‍यवाणी है कि फिलहाल तो लू से राहत नहीं मिलेगी। दोपहर में बाहर ना निकलने को भी कहा गया है। सूरज के तेवर अगले कुछ दिन बेहद तीखे रहेंगे। भारतीय ज्‍योतिष में इस समय को 'नौतपा' कहा जाता है। मान्‍यता के मुताबिक, सूर्य अपने चक्‍कर लगाते हुए इसी वक्‍त रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करता है। इसकी अवधि 15 दिन की होती है। शुरू के नौ दिन भयानक गर्मी पड़ती है। मौसम विज्ञानी भी अनुमान लगा रहे हैं कि अगले दो-तीन में कुछ इलाकों का पारा 48 डिग्री तक पहुंच सकता है। सूरज की गति के आधार पर 'नौपता' का समय होता है, इसका साइंस से कनेक्‍शन बड़ा सीधा है।

ज्‍योतिष के मुताबिक, साल में एक बार रोहिणी नक्षण की नजर सूरज पर पड़ती है। बताते हैं इस दौरान सूर्य और पृथ्‍वी के बीच की दूरी कम हो जाती है। धूप और तीखी होने लगती है। आंधी-तूफान की संभावना होती है।

भारत के ठीक बीचों-बीच से होकर कर्क रेखा गुजरती है। आठ राज्‍यों को काटती हुई यह इमैजिनरी लाइन मौसम के लिहाज से बड़ी अहम है। मई-जून वह वक्‍त होता है जब सूरत की किरणें सीधी इस रेखा पर पड़ती हैं। जब धूप सीधे पड़ेगी तो गर्मी बढ़ना स्‍वाभाविक है। इसके अलावा सूरज और धरती के बीच बनने वाला ऐंगल भी भारत में गर्मी के लिए जिम्‍मेदार है। इस ऐंगल के आधार पर ही तय होता है कि धूप कितनी तीव्रता से धरती पर आएगी।

ज्‍योतिष के मुताबिक, नौतपा के दौरान सूरज आग बरसाता है। इस बार कहीं-कहीं बादल फटने की भविष्‍यवाणी भी की गई है। दरअसल मैदानी इलाकों में गर्मी की वजह से कम दबाव का क्षेत्र बनता है। समुद्र की लहरें इस ओर आकर्षित होती हैं। ठंडी हवाएं मैदानों की ओर चलती हैं जिससे बाद में बारिश होती है।

मौसम विभाग के मुताबिक, अगले चार-पांच दिन भयानक गर्मी पड़ेगी। दिल्‍ली, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और राजस्‍थान के लिए 'रेड' वार्निंग जारी की गई है। उत्‍तर प्रदेश, मध्‍य प्रदेश, विदर्भ, तेलंगाना, छत्‍तीसगढ़, गुजरात, ओडिशा, सेंट्रल महाराष्‍ट्र, तटीय आंध्र प्रदेश, उत्‍तरी कर्नाटक में भी लू का प्रकोप देखने को मिलेगा।

IMD के अनुसार, मैदानी इलाकों में लू के हालात तब बनते हैं जब एक्‍चुअल टेम्‍प्रेचर 45 डिग्री या उससे ज्‍यादा हो। गंभीर या भयानक लू की स्थिति 47 डिग्री या उससे ज्‍यादा तापमान पर बनती है। लू में हवा के बेहद गर्म थपेड़े चलते हैं जो इंसानों को झुलसा देते हैं।

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