शनिदेव को सरसों का तेल क्यों चढ़ाते हैं?: जानें धार्मिक मान्यता और वैज्ञानिक कारण

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Shanidev: शनिवार को अक्सर हमने लोगों को शनिदेव पर सरसों का तेल चढ़ाते हुए देखा होगा। जानें क्या है इसके पीछे का कारण।

शनिदेव: शनिवार के दिन शनिदेव की पूजा की जाती है। इस दिन इनकी पूजा में सरसों का तेल और काला तिल चढ़ाया जाता है। कुछ श्रद्धालु इन्हे प्रसन्न करने के लिए इस दिन उपवास भी रखते हैं। शनिदेव पर सरसों का तेल चढ़ाने की प्रक्रिया न सिर्फ धार्मिक है बल्कि इसके पीछे कई मान्यताएं भी जुड़ी हुई हैं।

दरअसल शनिदेव को सभी नवग्रहों में न्याय का देवता कहा जाता है। ये सूर्य पुत्र और छाया देवी के पुत्र माने जाते हैं। इनका रंग काला बताया गया है और इनकी सवारी कौवा को माना जाता है। शनिदेव को कर्म, समय, अनुशासन और प्रतिशोध के प्रतीक के रूप में माना जाता है। लोगों की यह भी मान्यता है कि शनि देव लोगों को उनके कर्मों के आधार पर फल देते हैं।

क्यों चढ़ाया जाता है सरसों का तेल

एक पौराणिक कथा के अनुसार, जब रावण ने सभी ग्रहों को बंदी बना लिया था, तब शनिदेव को न्यायप्रियता के कारण विशेष रूप से कष्ट दिया गया। उन्हें उल्टा लटकाकर बंदीगृह में रखा गया। जब हनुमानजी माता सीता की खोज में लंका पहुंचे और रावण ने उनकी पूंछ में आग लगाई, तब हनुमानजी ने पूरी लंका को जला दिया। इस दौरान कई ग्रह स्वतः मुक्त हो गए, लेकिन शनिदेव अब भी उल्टे लटके थे और उन्हें भयंकर पीड़ा हो रही थी।

हनुमानजी ने जब यह देखा तो उन्होंने सरसों के तेल से शनिदेव की मालिश की, जिससे उन्हें राहत मिली और वे दर्द से मुक्त हो गए। तभी से यह परंपरा शुरू हुई कि शनिवार को सरसों का तेल शनिदेव को चढ़ाया जाता है, ताकि वे प्रसन्न होकर अपने भक्तों को कष्टों से राहत दें।

ज्योतिष और धार्मिक दृष्टिकोण से लाभ

ज्योतिष शास्त्र में ऐसी मान्यता है कि जिन लोगों की कुंडली में शनि की साढ़े साती या ढैय्या चल रही होती है, उन्हें विशेष रूप से शनिवार को सरसों का तेल चढ़ाने की सलाह दी जाती है। यह उपाय शनि दोष को शांत करता है और जीवन में चल रही अड़चनों, मानसिक तनाव, आर्थिक समस्याओं और स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों को दूर करने में सहायक माना जाता है।

वैज्ञानिक और स्वास्थ्य लाभ

धार्मिक मान्यताओं के साथ-साथ सरसों के तेल के वैज्ञानिक लाभ भी अनदेखे नहीं हैं। यह तेल शरीर की मालिश के लिए उत्तम माना जाता है। इससे रक्तसंचार बेहतर होता है और मांसपेशियों को मजबूती मिलती है। सरसों का तेल ठंड के मौसम में विशेष रूप से लाभदायक होता है और इसमें मौजूद औषधीय गुण सर्दी-जुकाम से भी बचाते हैं।

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