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सतना जिला मुख्यालय से महज 10 किलोमीटर दूर टिकुरिया गांव में डायरिया का कहर, 4 लोगों की मौत
6 लोगों की हालत गंभीर, जिला अस्पताल में चल रहा उपचार
जांच करने पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम, मौत को लेकर स्वास्थ्य महकमे का अलग दावा
सतना। जिला मुख्यालय से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित टिकुरिया गांव में डायरिया कहर बरपा रहा है। बीते चार दिनों में लगभग 10 लोग डायरिया की चपेट में आ गये। इस दौरान चार लोगों की मौत हो गई जबकि 6 लोगों का इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है हालांकि मौतों को लेकर स्वास्थ्य विभाग का अपना अलग ही दावा है, लेकिन गांव में चर्चा है कि चारों की मौत उल्टी-दस्त के कारण हुई है। टिकुरिया गांव में हुई मौतों के बाद रामपुर बाघेलान ब्लॉक मेडिकल की टीम परीक्षण के लिए गांव पहुंची। जिस नल के पानी का उपयोग ग्रामीणों के द्वारा किया जा रहा था उसे प्रतिबंधित कर दिया गया है। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग तथा पीएचई विभाग ने टिकरिया गांव के सभी जल उपलब्धता वाले संसाधनों मे दवाओं का छिड़काव किया है।
इनकी हुई मौत
टिकुरिया ब्लाक रामपुर बघेलान में उल्टी-दस्त की शिकायत के चलते दुअसिया कोल 80 वर्ष, केमला कोल 90 वर्ष, राज कोल पिता रामकरण कोल 10 वर्ष की और राजा कोल पिता शम्मी कोल 45 वर्ष की मौत हुई है। इन मौतों को लेकर स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि दुआसिया और केमला की स्वाभाविक मौत हुई है। जबकि राज कोल की वायरल इंफेक्शन की वजह से जान गई। वहीं राजा की उल्टी-दस्त से उबरने के बाद मौत हुई।
6 लोगों को पहुंचाया अस्पताल
3 दिन के अंदर चार लोगों की मौत की खबर जब स्वास्थ्य विभाग के सीएमएचओ डॉक्टर एल.के तिवारी के कानों तक पहुंची तो उन्होंने मेडिकल टीम को गांव भेजा। यहां पहुंचने के बाद देखा गया कि अलग-अलग परिवार के छह लोग उल्टी दस्त की चपेट में है लिहाजा उन्हें एंबुलेंस 108 की मदद से जिला अस्पताल पहुंचाया गया। अधिकारियों के मुताबिक सतीश कोल पिता ललन 9 वर्ष, चंदू पिता झरोखा 50 वर्ष, अमित कोल पिता सुरेन्द्र कोल 4 वर्ष, दुर्गा कोल पिता सुरेंद्र 2 वर्ष, रागनी कोल पिता नीरज 9 वर्ष और मोहन कोल पिता नीरज 10 वर्ष डायरिया की चपेट में मिले। सभी का इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है।
हैंडपंप के पानी का उपयोग न करने की सलाह
जिला एवं ब्लाक स्तर की टीम गांव में घर-घर जाकर पीडि़तों की जांच एवं उपचार कर रही है। एहतियात के तौर पर हैंडपंप से पानी का उपयोग करने से रोक लगाई गई है । मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के द्वारा सूचित किया गया कि हैंडपंप का शुद्धिकरण ब्लीचिंग पाउडर के द्वारा करने के उपरांत ही पानी का उपयोग कराया जाए वर्तमान में अब कोई गंभीर रूप से पीडि़त नहीं है।
स्वास्थ्य विभाग का दावा-स्थिति सामान्य
टिकुरिया गांव में उल्टी दस्त का मामला सामने आने के बाद जब सीएमएचओ डॉक्टर एल.के तिवारी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि गांव में स्थिति सामान्य है। जिन लोगों की मौत हुई थी उनकी वजह अलग-अलग है। उल्टी दस्त के चलते किसी की मौत नहीं हुई है। डायरिया की चपेट में जो लोग थे उन्हें अस्पताल में भर्ती कर जरूरी मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। एहतियात के तौर पर दवाई का छिड़काव कराया गया है।
इनका कहना है
गांव में ही चिकित्सा शिविर लगाकर उल्टी-दस्त एवं अन्य बीमारियों के 55 मरीजों का उपचार कर निशुल्क दवाईयां बांटी जा रही हैं।। शिविर के दौरान 6 मरीजों को जिला चिकित्सालय रेफर किया गया है। इसके साथ हैण्ड पम्प के पानी का सेम्पल लैब जांच हेतु लिया गया है। जांच रिपोर्ट आने तक हैण्डपम्प के पानी का उपयोग नहीं करने के निर्देश दिये गये है। वर्तमान में स्थिति नियंत्रण में है।
डां. एल.के तिवारी, सीएमएचओ