अरगट के किसानों से फर्जीवाड़े की एक और परत उजागर, समूह ने रुकवाया फर्जी किसानों का भुगतान, नान ने खातों में भेज दी रकम..!

अरगट के किसानों से फर्जीवाड़े की एक और परत उजागर, समूह ने रुकवाया फर्जी किसानों का भुगतान, नान ने खातों में भेज दी रकम..!

भुगतान न पाने वाले किसानों ने सौंपी थाने को सूची, क्या नान ही कर रहा किसानों से छल

सतना। रामनगर के अरगट खरीदी केन्द्र में गेहूं उपार्जन सत्र 2023-24 के दौरान हुए फर्जीवाड़े की एक और परत उजागर हो गई। एक तरफ पात्र किसानअपनी उपज का पैसा पाने के लिए दर-दर की ठोकर खा रहे हैं तो दूसरी ओर फर्जी किसानों के खातों में रोक के बाद भी दनादन भुगतान हो गया।यहां सवाल यह भी है कि जब समूह ने लिखित रुप से फर्जी किसानों की सूची सौंपी थी और राशि रोकने के लिए कहा था तब किसके आदेश से नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारियों ने अपात्र किसानों को भुगतान कर दिया।

उल्लेखनीय है कि जिला प्रबंधक नागरिक आपूर्ति निगम को लक्ष्मी महिला स्व सहायता समूह सुलखमा के द्वारा फर्जीवाड़े के संबंध में अवगत कराते हुए फर्जी किसानों को सूची पांच जून 2023 और सहकारी केन्द्रीय बैंक को जुलाई 2023 को उपलब्ध कराई थी। समूह के द्वारा फर्जी किसानों के भुगतान पर रोक लगाने को कहा था। जिसके बाद आठ किसानों का पैसा रोक दिया गया। वहीं अब उनके खातों में भी भुगतान कर दिया गया। हालांकि कोई इस बात का जवाब देने को तैयार नहीं है कि यह किसके आदेश से किया गया। ऐसे में अब किसानों से फर्जी किसानों के भुगतान वाली सूची रामनगर थाने को उपलब्ध कराई है।

इनके भुगतान पर लगाई गई थी रोक

लक्ष्मी महिला स्व सहायता समूह की अध्यक्ष आशा यादव के द्वारा डीएम नान को पत्र लिखकर राशि रोकने का आग्रह किया था। इस सूची में बालमुकुंद दुबे करौंधिया के 580125 रुपए, रामसेवक यादव उरदनी के 165750 रुपए, शकुंतला बाई झुकेही के 235875 रुपए, विद्या सिंह रघुनाथपुर के 227377 रुपए, आकांक्षा सिंह रघुनाथपुर के 388750 रुपए, लक्ष्मण प्रसाद पाल खेरवा सानी के 85000 रुपए, अशोक कुमार पटेल रुपगंज के 565250 रुपए और रमाकांत सिंह रघुनाथपुर के खाते के 361250 रुपए का भुगतान रोकने के लिए कहा था। वहीं अब सभी किसानों के खातों में रकम का भुगतान कर दिया गया है। जिसके संबंध में पात्र किसानों ने सूची सौंपकर इनके नाम पर भी एफआईआर कराने की मांग की है।

इन किसानों के भुगतान में फंसी है पेंच

अरगट केन्द्र में अपनी उपज बेचने वाले किसान अनुज कुमारी द्विवेदी का 55.5 क्विंटल, प्रेमलाल सिंह वैश्य का 69क्विंटल, शिवकुमार सिंह वैस का 19 क्विंटल,रामकरण वैस का 103 क्विंटल, आनंद कुमार पाठक का 8.5 क्विंटल ,कमलेश कुमार द्विवेदी का कुल 47 क्विंटल , हीरालाल वैस का 35 क्विंटल, छोटेलाल वैस का 70 क्विंटल, रामसखा यादव का 52क्विंटल, रामविश्वास मिश्रा का 102.5 क्विंटल, नर्मदा सिंह का 35क्विंटल, कृष्णावतार मिश्रा का 4.5 क्विंटल गेहूं , कृष्ण विहारी मिश्रा का 69.5 क्विंटल, अनिल कुमार द्विवेदी का 50, हनुमनी यादव का 39.5, राधा देवी तिवारी का 36 क्विंटल, अवध प्रसाद तिवारी का 54 क्विंटल और अमित कुमार तिवारी का 51 क्विंटल गेहूं के अनाज का भुगतान बकाया है। इनके नाम समूह के द्वारा पोर्टल में अपलोड किए गए थे जिन्हें नान ने ट्रांसपोर्टर के कहने पर डिलीट कर दिया।हवाला दिया गया कि उनके ट्रक की एडवांस लोडिंग दर्शायी गई।

दर्ज है एफआईआर

अरगट खरीदी केन्द्र में गेहूं खरीदी का जिम्मा लक्ष्मी महिला स्व सहायता समूह को दिया गया था। जिनके द्वारा 2681.50 क्विंटल गेहूं का भंडारण नहीं कराया गया। लिहाजा रामनगर थाना में शिकायत होने के बाद 17 अगस्त को प्रकरण दर्ज कर जेल भेज दिया। जेल जाने वाली महिलाओं में लक्ष्मी स्व सहायता समूह सुलखमा की आशा यादव (समूह अध्यक्ष), सुश्री कोमल गुप्ता, फुलझरिया, ममता, चंदाबाई, अनीता, गुड्डी, मुरतिया, कलाबती, बबली अनुसुइया, दुआसिया, फुद्दन और फूलबाई सहित ऑपरेटर रामसकल सिंह पटेल व अन्य के खिलाफ धारा 409, 420 ,468, 467, 471 का मुकदमा पंजीबद्ध किया गया था।

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