सतना के कारीगोही खरीदी केन्द्र से गोदाम चला 4 हजार क्विंटल गेहूं गायब, नागरिक आपूर्ति निगम के डीएम की भूमिका संदिग्ध

सतना के कारीगोही खरीदी केन्द्र से गोदाम चला 4 हजार क्विंटल गेहूं गायब, नागरिक आपूर्ति निगम के डीएम की भूमिका संदिग्ध

मैपिंग में थी यूनिट 2 की गोदाम, टीसी डायवर्ट कर रेलवे रैक में दर्शाने का रचा कुचक्र

सतना। (नवस्वदेश)। समर्थन मूल्य पर उपार्जित होने वाले गेहूं में हर साल करोड़ों का गेम करने वाले अफसरों ने इस बार भी करीब 4 हजार क्विंटल गेहूं गायब कर दिया। मझगवां विकासखण्ड के कारीगोही खरीदी केन्द्र में उपार्जित के गेहूं के 13 ट्रक अनाज लेकर गोदाम लेकर निकले मगर मैप्ड भण्डार केन्द्र यूनिट 2 तक पहुंचे ही नहीं। खेल यह हुआ नागरिक आपूर्ति निगम के जिला प्रबंधक अमित गौड़ की ऑफिसयल लागिन आईडी से टीसी डायवर्ट कर रेलवे रैक में भेजने का कुचक्र रच दिया गया। एक दिन में 13 ट्रकों की लोडिंग और रेलवे रैक में एक साथ पहुंचाए जाने की बात किसी को पची नहीं जिससे नागरिक आपूर्ति निगम के अंदर चल रहा खेल बेनकाब हो गया। अब देखना यह होगा कि 4 हजार क्विंटल के फर्जीवाड़े में जांच अधिकारी कब तक अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करते हैं और जिम्मेदारों पर क्या कार्रवाई होती है।

गेहूं उपार्जन सत्र 2024-25 के तहत मझगवां विकास खण्ड के कारीगोही खरीदी केन्द्र में जिम्मा जैतमाल बाबा महिला स्वसहायता समूह को दिया गया था। यह समूह नागरिक आपूर्ति निगम में पदस्थ एक ऑपरेटर के नजदीकी रिश्तेदार का है। इस समूह के जरिए नागरिक आपूर्ति निगम के अफसरों ने एक ही दिन में करोड़ों कमाने का कुचक्र रचा जिसमें कई किसानों के नाम पर फर्जी फीडिंग कराई गई और उनका भुगतान भी हो गया। बताया जाता है कि नागरिक आपूर्ति निगम के इशारे पर समूह के ऑपरेटर अजय सिंह के द्वारा 13 ट्रकों की एडवांस फीडिंग कराई गई और टीसी डायवर्ट कर रेलवे रैक भेजने की स्वीकृति भी सर्वेयर के माध्यम से करा ली गई। इस स्वीकृति के पश्चात तमाम किसानों के खातों में पैसे भी पहुंच गए मगर वास्तव में न तो समूह द्वारा तब कोई खरीदी की गई थी और न ही किसी प्रकार का परिवहन किया गया। कमाल की बात यह है कि जिन ट्रकों से परिवहन दर्शाया गया वे उस अवधि में सतना जिले की सीमा में भी नहीं थे। अब यदि इस मामले की गहन जांच हुई तो जिला प्रबंधक नान अमित गौड़ की गर्दन नपना लगभग तय है।

इन टीसी के जरिए हुआ खेल

जैतमाल बाबा स्वसहायता समूह कारीगोही के खरीदी केन्द्र से 13 ट्रकों में एक घंटे के अंदर लोडिंग परिवहन और रैक तक अनलोडिंग का खेल हुआ इसके लिए नागरिक आपूर्ति निगम ने टीसी क्रमांक 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12, 20, 21, 22, 23 और 24 को जनरेट कराने के पश्चात जिला प्रबंधक की आईडी से डाटवर्ट किया। यह टीसी डायवर्ट करने के खेल का मास्टर माइंड कौन था फिलहाल प्रभारी कलेक्टर ने जांच के लिए प्रभारी डीएसओ एलआर जांगिड़ और डिप्टी कलेक्टर सोमेश द्विवेदी को सौंपा है।

किसकी आईडी से एक्सेप्ट हुआ गेहूं

13 ट्रक गेहूं भण्डार केन्द्र न भेजकर रेलवे रैक पहुंचाने के पीछे अफसरों का मकसद क्या था इसका इशारा इसी बात से मिलता है कि आम तौर पर भण्डार केन्द्रों में मटेरियल जमा करने से पहले नाक-भौं सिकोडऩे वाले सर्वेयरों ने आनन-फानन में एक्सेप्ट कर लिया। क्या यहां भी डमी सर्वेयर खड़े कर नागरिक आपूर्ति निगम ने खेल किया या फिर पूरा एक गिरोह फर्जीवाड़े के लिए बनाया गया था जिसमें सबके रोल नागरिक आपूर्ति निगम के डीएम ने निर्धारित कर रखे थे।

तीन भण्डार केन्द्र थे मैप

जैतमाल बाबा स्वसहायता समूह कारीगोही में उपार्जित गेहूं को जमा करने के लिए तीन केन्द्रों की मैपिंग कराई गई थी। महामाया वेयर हाउस तिघरा, भागीरथी वेयर हाउस और यूनिट 2 की सरकारी गोदाम को मैप किया गया था। खरीदी केन्द्र के ऑपरेटर अजय सिंह के द्वारा 13 ट्रकों की टीसी यूनिट 2 के लिए ही बनाई गई थी बाद में सभी टीसी डायवर्ट कर रेलवे रैक भेज दी गई, यहां गौर करने वाली बात यह है कि अब तक गेहूं का रैक रेलवे ने लगाया ही नहीं था।

जांच का दिखावा करने पहुंचे डीएम अमित गौड़

जब कारीगोही स्वसहायता समूह के फर्जीवाड़े का मामला सोशल मीडिया में उछला तो नागरिक आपूर्ति निगम के डीएम अमित गौड़ जांच की नौटंकी करने खरीदी केन्द्र कारीगोही पहुंच गए। उन्होंने समूह अध्यक्ष सीतागिरी पटेल और ऑपरेटर अजय सिंह से उपार्जित गेहूं के संबंध में जानकारी ली। सूत्र बताते हैं कि इस दौरान इनका पूरा फोकस इस बात पर रहा कि समूह यह पूरा मामला अपने ऊपर ले ले।

इनका कहना है

कारीगोही खरीदी केन्द्र के मामले की जांच के लिए टीम गठित कर दी गई है। रिपोर्ट प्रस्तुत होने के बाद संबंधितों के खिलाफ आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

स्वप्निल वानखड़े, प्रभारी कलेक्टर

गोदामों में जमा हो गया गीला गेहूं, उड़ रही दुर्गंध

पिछले दिनों हुई जोरदार बरसात से तमाम खरीदी केन्द्रों के अंदर रखा गेहूं गीला हो गया। बावजूद इसके गेहूं को भण्डार गृहों में जमा कर दिया गया। गेहूं जमा होने के बाद अधिकांश गोदामों के हालात बेहद दर्दनाक हो चुके हैं। बोरियों के अंदर अनाज सड़ रहा है और दुर्गंध के कारण वहां काम करने वाले लोगों को मुश्किल हो रही है। मजदूरों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि गेहूं सडऩे के कारण काफी बदबू रहती है जिससे अंदर सांस लेने में दिक्कत हो रही है। पिछले दिनों शुकवाह सोसायटी में रखा गेहूं भीग गया था इस गेहूं को बिना सुखवाये समिति प्रबंधक द्वारा जमा कराया गया यह गेहूं गैवीनाथ वेयर हाउस हरिहरपुर में जमा हुआ है। इसी प्रकार से अन्य वेयर हाउस में गीला गेहूं जमा कर शासन को क्षति पहुंचाने की कोशिश हुई है।

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