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'चित्रकूट सब दिन बसत, प्रभु सिय लखन समेत'-प्रधानमंत्री
कामतानाथ पर्वत के अवलोकन से ही सभी पापों का नाश हो जाता है- श्री मोदी
चित्रकूट में प्रधानमंत्री मोदी ने सुनाई रामचरित मानस की चौपाइयां
भाई अरविंद मफतलाल की 100वीं जयंती पर डाक टिकट जारी
ट्रस्ट के सुपर स्पेशियलिटी विंग का किया लोकार्पण
रामभद्राचार्य जी की तीन पुस्तकों का प्रधानमंत्री ने विमोचन
सतना। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने गैर राजनीतिक दौरे पर शुक्रवार की दोपहर भगवान राम की तपोस्थली चित्रकूट पहुंचे। यहां उन्होंने सद्गुरु सेवा संघ ट्रस्ट के कार्यक्रम में भाग लिया। प्रधानमंत्री श्री मोदी चित्रकूट पहुंचते ही श्री रघुवीर मंदिर गए। यहां उन्होंने विशेष पूजा की। इसके बाद उन्होंने श्री राम संस्कृत महाविद्यालय में कक्षाओं का निरीक्षण किया। इस दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और राज्यपाल मंगू भाई पटेल भी साथ रहे। इसके पश्चात पीएम मोदी सद्गुरू सेवा संघ ट्रस्ट द्वारा आयोजित स्व.अरविंद भाई मफतलाल के शताब्दी वर्ष समारोह में शामिल हुए। इस दौरान पीएम ने सद्गुरू संघ सेवा ट्रस्ट की प्रदर्शनी और सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल का उद्घाटन किया। उन्होंने इस अवसर पर स्वामी रामभद्राचार्य महाराज की पाणिनि अष्टाध्यायी पर लिखी पुस्तक का विमोचन भी किया। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए इशारों इशारों में विरोधियों पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि गुलामी के एक हजार सालों में भारत की संस्कृति को जड़ से उखाडऩे का काम किया गया।
-पढ़ीं रामचरित मानस की चौपाईयां
प्रधानमंत्री श्री मोदी दोपहर 1.52 बजे चित्रकूट पहुंचे। इस दौरान उन्होंने उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित करते हुए सबसे पहले रामचरित मानस के दोहे और कुछ चौपाइयां भी पढ़ीं। उन्होंने कहा-
'चित्रकूट सब दिन बसत, प्रभु सिय लखन समेत'
'कामद भे गिरि राम प्रसादा। अवलोकत अपहरत बिषादा'
प्रधानमंत्री ने इन चौपाइयों का अर्थ भी बताया। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि कामतानाथ पर्वत के अवलोकन से ही सभी पापों का नाश हो जाता है। चित्रकूट में भगवान राम, लक्ष्मण और जानकी हमेशा विराजमान रहते हैं। श्री मोदी ने कहा कि मैं मफतलाल की समाधि पर श्रद्धासुमन अर्पित करने गया हूं, अस्पताल का भ्रमण किया है। मानव सेवा का महान हिस्सा बनने के लिए सद्गुरु सेवा संघ ट्रस्ट का महत्पूर्ण योगदान है। प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे विश्वास है जानकी कुंड चिकित्सालय से लाखों मरीजों को नया जीवन मिलेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि मैंने भाई अरविंद मफतलाल की जयंती पर उनके नाम का डाक टिकट जारी किया है। जो अपने जीवन काल में उत्तम काम करता है, उसकी सराहना तो होती है। उन्होंने कहा मुझे इस बात की खुशी है कि अरविंद भाई का परिवार उनकी पुरानी पूंजी को लगातार संजोए है। मैं उनको और उनके पूरे परिवार को विशेष बधाई देता हूं।
राम संस्कृत महाविद्यालय के छात्रों से मिले
चित्रकूट दौरे पर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सद्गुरू सेवा संघ ट्रस्ट द्वारा संचालित आंखों के अस्पताल का अवलोकन भी किया। इस दौरान उन्होंने संत रणछोड़ दास महाराज के दर्शन किए।
चाक-चौबंद रही व्यवस्था
प्रधानमंत्री के चित्रकूट आगमन के पूर्व सुरक्षा और व्यवस्था में किसी तरह की खामी न रहे, इसके लिए कई बार सेना के दो हेलीकॉप्टर से हेलीपैड पर अभ्यास व आसपास के इलाके का दूरबीन से निरीक्षण किया। प्रधानमंत्री के काफिलेे वाली कारों ने हेलीपैड से लेकर जानकीकुंड अस्पताल के विभिन्न प्रकल्प, रघुवीर मंदिर व तुलसी पीठ तक का जायजा लिया। इस दौरान आरोग्यधाम व पुराने बस स्टैंड से मार्ग को बंद कर दिया गया था। चप्पे-चप्पे पर पुलिस का सख्त पहरा रहा, वहीं आसमान से लेकर जमीन तक पल-पल निगरानी की जा रही थी।
स्वामी रामभद्रचार्य की तीन पुस्तकों का विमोचन
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने जगद्गुरू रामभद्राचार्य की तीन पुस्तकों अष्टाध्यायी भाष्य, रामानंदाचार्य चरित और भगवान श्री कृष्ण की राष्ट्र लीला का विमोचन किया। पुस्तकों का विमोचन करने के बाद प्रधानमंत्री ने कहा कि रामभद्राचार्य ऐसे संत हैं जिनके अकेले ज्ञान पर दुनिया की कई यूनिवर्सिटी स्टडी कर सकती हैं। भौतिक नेत्र न होने के बाद भी रामभद्राचार्य ने अपने चक्षुओं को जागृत कर न केवल ज्ञान अर्जित किया बल्कि कई किताबें भी लिखी हैं। श्री मोदी ने कहा कि रामभद्राचार्य की मेधा व्यक्तिगत नहीं बल्कि पूरे राष्ट्र की धरोहर है।
टार्च की रौशनी में किया गया था मोतियाबिंद का पहला आपरेशन
भूखे को अन्न, गरीबों को व और नेत्ररोगियों की आंखो का निशुल्क इलाज संत रणछोड़दास जी का था संकल्प
संत रणछोड़दास महाराज का संकल्प था कि भूखे को अन्न, गरीबों को वस्त्र और नेत्ररोगियों की आंखों का इलाज मुफ्त होना चाहिए। इसी उद्देश्य से सद्गुरू नेत्र चिकित्सालय का शुभारंभ किया गया। इस अस्पताल में मोतियाबिंद का पहला ऑपरेशन टार्च की रोशनी में किया गया था। गोपाल सूरदास जी महाराज के अनन्य सेवक व भक्त अरविंद भाई मफतलाल ने कार्तिक माह की चतुर्थी यानि 30 अक्टूबर 2011 को अंतिम सांस ली थी। यहीं पर उनकी समाधि भी बनाई गई थी। सेठ अरविंद भाई मफतलाल की जयंती अंग्रेजी तारीख के बजाय तिथि के हिसाब से प्रति वर्ष मनाई जाती है।
लाखो मरीजों को मिलेगा नया जीवन
स्वर्गीय अरविंद भाई मफतलाल के शताब्दी जन्म वर्ष समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उम्मीद जताई कि आज जानकीकुंड चिकित्सालय के जिस नए विंग का लोकार्पण हुआ है, इससे लाखों मरीजों को नया जीवन मिलेगा। आने वाले समय में सद्गुरू मेडिसिटी में गरीबों की सेवा के इस अनुष्ठान को नया विस्तार मिलेगा। इस अवसर पर अरविंद भाई मफतलाल की स्मृति में भारत सरकार ने विशेष डाक टिकट भी जारी किया। प्रधानमंत्री ने ट्रस्ट के कार्यो की प्रशंसा करते हुए कहा कि ये पल अपने आप में हम सबके लिए गौरव का पल है, संतोष का पल है। मैं आप सबको इसके लिए बधाई देता हूं।
संस्कृत भाषा के विनाश का षडयंत्र किया गया
उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री श्री मोदी ने मंच से ही इशारों-इशारों में विरोधियों पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि गुलामी के 1 हजार सालों में भारत को तरह-तरह से जड़ से उखाडऩे का काम हुआ। इनमें से एक था संस्कृत भाषा का विनाश। हम आजाद हुए लेकिन जिन लोगों की गुलामी की मानसिकता नहीं गई वो संस्कृत के प्रति बैर-भाव पालते रहे। संस्कृत का उनने सम्मान नहीं किया, संस्कृत भाषा को जानना ये लोग पिछड़ेपन की मानसिकता मानते हैं। श्री मोदी ने कहा कि इस मानसिकता के लोग एक हजार साल से हारते आ रहे हैं और आगे भी कामयाब नहीं होंगे।
चित्रकूट में ढाई घंटे रहे प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री धर्मनगरी में लगभग ढाई घंटे तक दौरे पर रहे। यह दौरा मध्य प्रदेश में चुनाव आचार संहिता के चलते पूरी तरह से गैर राजनीतिक रहा।