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बारिश के कारण खलिहान में जमने लगी धान, उपज नहीं बेच पा रहा किसान
सतना। जिले में मिचोंग तूफान का व्यापक असर देखने को मिल रहा है। दो दिन से हल्की बरसात का दौर जारी है। जिसके कारण किसानों का काम खासा प्रभावित हो रहा है। अपनी उपज बेचने का इंतजार कर रहे किसानों की धान केन्द्र निर्धारण में हो रही देरी और बरसात के कारण नमी बढऩे से खलिहान में ही जमने लगी है। यदि यही मौसम कुछ दिनों तक और जारी रहा तो किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। जिले में खरीफ सीजन की फसल धान विक्रय करने के लिए लगभग 73889 किसानों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया है। प्रदेश सरकार ने लगभग पांच लाख एमटी धान खरीदी का लक्ष्य निर्धारित कर रखा है। वहीं जिले की स्थिति यह है कि तमाम किसान अपनी उपज तैयार कर बैठे हैं, लेकिन कुछ क्षेत्रों में अभी तक केन्द्र भी नहीं खोले जा सके।
दो टर्म में हुई बरसात
दिसंबर माह की एक तारीख से जिले में उपार्जन कार्य चालू है, लेकिन पहले प्रशासनिक अधिकारी मतगणना कार्य में संलग्र रहे जिससे समय पर केन्द्रों का निर्धारण नहीं हो पाया। खरीदी प्रारंभ से लेकर सात दिन बीतने के बाद भी मात्र 74 केन्द्रों के कार्यादेश जारी किए गए हैं। जबकि जिले में प्रत्येक उपार्जन सत्र में लगभग 145 केन्द्रों की आवश्यकता होती है। इस बार केन्द्रों का निर्धारण नहीं होने से भी किसानों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं दो टर्म में बरसात ने भी किसानों की परेशानी को बढ़ा रखा है।
स्लॉट और दूरी भी बनी परेशानी
जिले में संचालित 74 केन्द्रों में फसल विक्री के लिए 2067 स्लॉट बुक हुए हैं। जबकि बीते मंगलवार की स्थिति में तक कुल 175 क्विंटल धान का उपार्जन हो पाए है। यहां तमाम किसान अपने स्लॉट भी बुक नहीं कर पा रहे हैं। और कुछ किसानों के लिए केन्द्रों की दूरी मुसीबत बनी हुई है। शिवराजपुर और द्वारी गांव के किसानों को नागौद केन्द्र धान बेचने आना पड़ रहा है। हालांकि किसान अपने क्षेत्र के केन्द्र का इंतजार कर रहे हैं।