बिना अनुबंध समूह ने की खरीदी, टीसी डिलीट कर अफसरों की शह पर हुआ फर्जीवाड़ा

बिना अनुबंध समूह ने की खरीदी, टीसी डिलीट कर अफसरों की शह पर हुआ फर्जीवाड़ा
X
रामनगर के अरगट में गेहूं उपार्जन का काम बड़ा जिम्मा उठाने वाले लक्ष्मी स्व सहायता समूह सुलखमा और नागरिक आपूर्ति निगम के बीच बिना अनुबंध खरीदी को अंजाम दिया गया। यहां लाखों रुपए के फर्जीवाड़े में समूह की 14 महिलाएं और एक ऑपरेटर पर बीते गुरूवार को मामला दर्ज कर 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया, लेकिन फर्जीवाड़े के कई खिलाड़ी अभी भी एफआईआर का हिस्सा तक नहीं बने।


केन्द्र से चला नौ सौ क्विंटल गेहूं कहां गया किसी को पता नहीं

लक्ष्मी स्व सहायता समूह के फर्जीवाड़े का मास्टर माइंड है ऑफ रिकार्ड ऑपरेटर रामसकल

सतना। रामनगर के अरगट में गेहूं उपार्जन का काम बड़ा जिम्मा उठाने वाले लक्ष्मी स्व सहायता समूह सुलखमा और नागरिक आपूर्ति निगम के बीच बिना अनुबंध खरीदी को अंजाम दिया गया। यहां लाखों रुपए के फर्जीवाड़े में समूह की 14 महिलाएं और एक ऑपरेटर पर बीते गुरूवार को मामला दर्ज कर 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया, लेकिन फर्जीवाड़े के कई खिलाड़ी अभी भी एफआईआर का हिस्सा तक नहीं बने। किसानों के नाम पर फर्जी भुगतान किए जाने के लिए समूह अध्यक्ष-सचिव और ऑपरेटर जिम्मेदार है तो सवाल उठता है कि किसके आदेश से समूह की तीन टीसी डिलीट की गईं? क्या इस खेल में नागरिक आपूर्ति निगम के कर्मचारी भी शामिल हैं, जिसके कारण टीसी डिलीट का खेल संभव हो पाया। विश्वसनीय सूत्रों की माने तो बिना सक्षम अधिकारी के टीसी डिलीट करना संभव ही नहीं है ऐसे में सवाल उठता है कि केन्द्र से चले तीन ट्रकों का गेहूं आखिर कहां गया? क्या इस फर्जीवाड़े का एक और सच है जिसकी ओर अभी तक जिला प्रशासन ने कोई ध्यान भी नहीं दिया।

गायब है इन ट्रकों का गेहूं

ट्रक नंबर -1

बताया जाता है कि तीन ट्रकों के माध्यम से लक्ष्मी स्व सहायता समूह ने नौ सौ क्विंटल गेहूं भंडारण के लिए कर्णिका वेयरहाउसिंह एंड लॉजिस्टिक सतना भेजा गया था। ट्रक क्रमांक एमपी 17 एचएच 1988 से तीन सौ क्विंटल गेहूं लोड कर 23 मई को गोदाम भेजा गया था। ड्राइवर भागवत सिंह छह सौ बोरी गेहूं गोदाम पहुंचाया। लेकिन इसे समूह के नाम पर जमा नहीं किया गया।किसान अनुज कुमारी द्विवेदी का 55.5 क्विंटल, प्रेमलाल सिंह वैश्य का 69, शिवकुमार सिंह वैस का 19 ,रामकरण वैस का 103, आनंद कुमार पाठक का 8.5 और कमलेश कुमार का द्विवेदी का कुल 47 क्विंटल गेहूं गोदामीकरण के लिए भेजा गया था।

ट्रक क्रमांक -2

23 मई को ही ट्रक क्रमांक एमपी 17 एचएच 3176 को भी तीन सौ क्विंटल गेहूं भर कर भेजा गया। ड्राइवर त्रिलोकी नाथ गेहूं लेकर कर्णिका वेयरहाउसिंह एंड लॉजिस्टिक पहुंचा। हालांकि इस ट्रक का गेहूं भी समूह के नाम पर जमा नहीं किया गया। ट्रक में छह किसानों के नाम का गेहूं था। जिसकी तौल पर्ची बनाई गई। लेकिन जमा पर्ची नहीं बन सकी। ऐसे में इन किसानों का भुगतान किस स्थिति में है पता नहीं चल सका। इस ट्रक से किसान हीरालाल वैस का 35 क्विंटल, छोटेलाल वैस का 70, रामसखा यादव का 52, रामविश्वास मिश्रा का 102.5, नर्मादा सिंह का 35 और कृष्णावतार मिश्रा के नाम पर 4.5 क्विंटल गेहूं परिवहन किया गया था।

ट्रक क्रमांक -3

23 मई को ही ट्रक क्रमांक एमपी 17 एचएच 4167 के माध्यम से तीन सौ क्विंटल गेहूं का लॉट कर्णिका वेयरहाउसिंह एंड लॉजिस्टिक में जमा करने के लिए चालक दिनेश सिंह लेकर गया था। गेहूं खरीदी केन्द्र से निकला गोदाम तक पहुंचा मगर यह भी समूह के नाम पर जमा नहीं हुआ। इस ट्रक में किसान कृष्ण विहारी मिश्रा का 69.5 क्विंटल, अनिल कुमार द्विवेदी का 50, हनुमनी यादव का 39.5, राधा देवी तिवारी का 36, अवध प्रसाद तिवारी का 54 और अमित कुमार तिवारी का 51 क्विंटल गेहूं उपरोक्त ट्रक के माध्यम से जमा कराने के लिए भेजा गया था।

क्या है टीसी डिलीट का नियम

नागरिक आपूर्ति निगम से जुड़े सूत्रों की माने तो कोई भी उपार्जन केन्द्र जब भी टीसी बनाता है तो उसे डिलीट करने का अधिकार संस्था के अध्यक्ष या खरीदी केन्द्र प्रभारी की सहमति तथा नागरिक आपूर्ति निगम के जिला प्रबंधक की अनुमति से होता है। समूह का रिकार्ड बताता है कि टीसी क्रमांक 21,22,23 उसके द्वारा जनरेट की गई। लेकिन बाद में पोर्टल से डिलीट कर दिया गया। ऐसे में सवाल उठता है कि यह सब किसके आदेश से और क्यों किया गया?

कहीं पाला और करुआ के नाम तो जमा नहीं

लक्ष्मी स्व सहायता से जुड़े लोगों को शक है कि इस यह पैसा कहीं अधिकारियों की मिलीभगत से खरीदी केन्द्र पाला या फिर करूआ के नाम पर तो जमा नहीं किया गया। सूत्रों की माने तो करुआ केन्द्र ऑफ रिकार्ड ऑपरेटर रामसकल पटेल की सास द्वारा संचालित किया जा रहा था। इस केन्द्र के नाम पर अभी भी 12 सौ क्विंटल गेहूं शार्टेज की जांच प्रचनल में है। वहीं पाला केन्द्र रामसकल के सहयोगी मनोज के द्वारा संचालित किया जा रहा था। ऐसे में शंका है कि अपना शार्टेज पूरा करने के लिए लक्ष्मी स्व सहायता समूह का अनाज अपने नाम पर चढ़वा लिया।

इनका कहना है

अरगट मामले में टीसी डिलीट हुई या नहीं इसके बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है।

दिलीप सक्सेना, जिला प्रबंधक नागरिक आपूर्ति निगम

56 लाख के फर्जीवाड़े का मास्टरमाइंड ऑफ रिकार्ड ऑपरेटर सहित तीन और गिरफ्तार

तौल कांटा, सिलाई मशीन सहित लेन-देन के रिकार्ड जब्त

अरगट खरीदी केन्द्र में 18 किसानों के नाम पर फर्जी भुगतान कर शासन को 56 लाख की चपत लगाने के मामले में रामनगर थाना पुलिस ने मास्टरमाइंड ऑफ रिकार्ड ऑपरेटर रामसकल सिंह पटेल सहित तीन लोगों को और गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। तीनों आरोपियों के कब्जे से तौल कांटा, सिलाई मशीन सहित लेन-देन के रिकार्ड जब्त किए गए हैं। इसके अलावा मनोज के द्वारा रामसकल के नाम पर जारी किए गए चेक भी बरामद किए गए हैं। अधिकांश चेकों के बाउंस होने की जानकारी मिल रही है। रामनगर थाना प्रभारी आदित्य धुर्वे ने बताया कि आरोपी रामसकल पटेल उर्फ राम सिंह पटेल पिता रामसुहाग सिंह 30 साल निवासी लखवार वार्ड क्रमांक 23 मैहर, मनोज पटेल पिता स्वर्गीय मोतीलाल पटेल 35 वर्ष निवासी तिघराखुर्द थाना अमदरा और कलावती पाल पति सुरेश पाल 40 साल निवासी सुलखमा थाना रामनगर को अपराध क्रमांक 357/2023 धारा 420,467,468, 409, 471 और 34 का प्रकरण पंजीबद्ध किया गया था। जिसके मामले में तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया। इससे पहले समूह की 11 महिलाओं को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है।


Tags

Next Story