मैक्सिको की संसद में एलियंस

मैक्सिको की संसद में एलियंस
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प्रमोद भार्गव

अभी तक एलियंस के दावे हवा-हवाई थे। लेकिन अब वैज्ञानिकों ने मैक्सिको की संसद में एलियंस के दो शव पेश करके दुनिया को हैरानी में डाल दिया है। ऐसा पहली बार हुआ है कि कथित एलियंस की ममियां पेश करके उनकी उम्र 700 और 1800 वर्ष बताई गई है। इन एलियन की खास बात है कि इनके हाथों में पांच की जगह तीन-तीन ऊंगलियां हैं और सिर लंबे व चोंचनुमा हैं।

अब इस मामले में प्रश्न उठाए जा रहे है कि क्या वाकई ये लाशें एलियन की ही हैं। क्या यह हरकत किसी षड्यंत्र का हिस्सा है। बावजूद वैज्ञानिकों का दावा है कि इन ममियों को पेरू के कुस्को क्षेत्र से प्राप्त किया गया है। इन्हें मैक्सिकन पत्रकार और यूफोलॉजिस्ट जैमे मोसन ने हासिल किया है। मोसन दाश्कों से अलौकिक घटनाओं की पड़ताल में लगे हैं। इस अवसर पर अमेरिकन फॉर सेफ एयरोस्पेस के निदेशक रेयान ग्रेव्स भी मौजूद थे। इन वैज्ञानिकों का दावा है कि ये दोनों लाशें धरती के इंसान की नहीं है। ये जीव हैं जो उन्हें उड़न तश्तरियों के मलबे से मिले हैं। चूंकि ये धरती के जीव नहीं हैं इसलिए इन्हें पराग्रही अर्थात दूसरे ग्रह का प्राणी कहा जा रहा है।

एलियंस होने के दावे कोई नई बात नहीं है। अनेक मर्तबा यूएफओ और एलियंस को देखे जाने के दावे तो किए गए हैं लेकिन वैज्ञानिक एलियन का कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर पाए। ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी देश की संसद में एलियन की लाशें बतौर सबूत पेश की गई हैं। हैरानी इस बात पर भी है कि जिस पराग्रही जीव के होने के अंदाज लगाए जाते रहे हैं उनके बारे में वैज्ञानिक दावे हैं कि ये चोरी-छिपे पृथ्वी पर आते हैं और पृथ्वीवासी मनुष्य की गतिविधियों पर नजर रखते है। विज्ञान की उपलब्धियों में ये हमसे हजारों गुना ज्यादा जानते हैं। जिस यूएफओ अर्थात हवा में उड़ने वाला एक ऐसा वाहन जिसकी पहचान अभी तक निश्चित नहीं हो पाई है।

एलियन अर्थात पराग्रही हैं तो यह प्रश्न स्वाभाविक है कि ब्रह्माण्ड के असीम विस्तार में पृथ्वी के अलावा भी जीवन की संभावनाएं हैं। हमारे ही नहीं विश्व के प्रत्येक प्राचीन धर्म की पौराणिक कथाओं में सुदूर ग्रह या लोकों के देवताओं के पृथ्वी पर आने-जाने का उल्लेख मिलता है। इन पौराणिक कथाओं के शाब्दिक अर्थों के प्रकाश में उनकी तार्किक उपस्थिति की पड़ताल के लिए वैज्ञानिक सक्रिए हुए हैं। एलियंस के आ रहे चित्रों, विज्ञान -कथाओं व फिल्मों में जीवंत पात्र की भूमिका ने इसकी एक काल्पनिक छवि हमारी स्मृति में उकेर दी है। इनके अस्तित्व और मानव सभ्यता पर इसके प्रभाव को लेकर शोध निरंतर जारी हैं। प्रसिद्ध वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग ने एलियंस से संपर्क नहीं करने की चेतावनी दी थी। उन्होंने इन्हें पृथ्वी निवासी मानव अस्तित्व के लिए बड़ा खतरा बताया था। उनकी शंका थी कि एलियंस हमसे बेहतर तकनीक वाले जीव हो सकते हैं। हमारे पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने भी एलियंस के अस्तित्व की संभावना से इंकार नहीं किया है।

रूस में जिस एलियंस की लाश एक महिला के घर में मिली है उसकी आकृति हुबहू मनुष्य जैसी ही है लेकिन वह बौना है। उसकी ऊँचाई मात्र दो फीट है। हालांकि हमारे कुछ वैज्ञानिकों की धारणा है कि पराग्रही शायद इतने विकसित हो चुके हैं कि वे स्वयं खतरों की आशंका वाली अंतरिक्ष यात्रा पर नहीं निकलेंगे। बल्कि वहां के वैज्ञानिक और जीववैज्ञानिकों ने मिलकर अब तक एक ऐसे मानव की उप-प्रजाति विकसित कर ली होगी। जो दूसरे ग्रहों के जीवन उपयोगी लक्षण समझने में सक्षम हों जैसे कि हम रोबोट के जरिए कृत्रिम मानव और क्लोन के मार्फत हूबहू मानव विकसित करने की प्रक्रिया में लगे हैं। बहरहाल जब तक जीवित एलियन से मनुष्य का सामना नहीं हो जाता। तब तक एलियन के अस्तित्व पर प्रश्न चिन्ह लगाए जाते रहेंगे।

(लेखक वरिष्ठ साहित्यकार और पत्रकार हैं)

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