अंबानी की शादी का रायता

अंबानी की शादी का रायता
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निठल्ला चिंतन-प्रदीप औदिच्य

हमारे देश में शादी और चुनाव दोनों जीवन में उदासी भगाओ दवा की तरह है। जैसे ही सरकार को लगता है देश में उदासी छा रही है। वह चुनाव कराने लगती है, परिवार के लोगों को लगता है कोई काम नहीं है तो चलो बच्चों के विवाह कर लो। ऐसे ही इन दिनों मुकेश भाई अपने रिलायंस वाले ने कहा, नई कंपनी शुरू करने का मन नहीं है, कोई बड़ा प्रोजेक्ट है नहीं, चलो छोटे बच्चे की शादी कर लेते हैं।

जी, बड़े लोग हैं, बड़े काम हैं तो शादी जैसे कार्यक्रम भी बड़े होंगे। मैंने शादी में जाने की योजना बनाई पर, मुझे कार्ड मिला ही नहीं। क्या वो कार्ड भेजना भूल गए होंगे। एक दोस्त से इस बात पर चर्चा हुई कि यार, अम्बानी जी ने शादी में मुझे बुलाया ही नहीं दोस्त ने कहा तुम्हारी कोई जान या पहचान तो है नहीं...तुम्हे क्यों बुलाएंगे..? तुम अपनी औकात में रहा करो कहां अंबानी की शादी में जाने का सपना देख रहे हो। मैंने तुरंत कहा, देख भाई ये औकात वाली बात मत करो। अंबानी खुद हाथ जोड़कर पोस्टर में जिओ की सिम खरीदने का विनती कर रहा था तब जाकर, मंैने जियो की सिम ली है। हर महीने उसका रिचार्ज करवाता हूं... और मेरे घर में दो सिम है...उसके पैसे से अम्बानी ने शादी का खर्च निकाला है।

मैंने स्कूटर में कल ही 110 रुपए का एक लीटर पेट्रोल रिलायंस से जानबूझकर लिया है,चलो इसी बहाने उनको मेरी याद आ जाए, ये बंदा बरसों से रिलायंस का पेट्रोल लेता है... इसको कार्ड भेज दें। मेरे दोस्त ने कहा इससे क्या लगता है अंबानी से जान पहचान हो जायेगी। मैंने झुंझलाकर कहा और क्या करें... उनके कपड़े के स्टोर में गया था... एक शर्ट देखी थी, पर उस पे लिखी कीमत देख कर अपने घर का पूरे महीने का बजट समझा और वापस रिलायंस स्टोर की तरफ न देखने की कसम खाई। लेकिन ऐसा लगा कि अंबानी परिवार दुखी होगा। मैं जो उनके परिवार से अच्छे संबंध बनाने कि कोशिश कर रहा हूं उसको झटका लगेगा, इसलिए संबध बनाए रखने के लिए रिलायंस के किराना स्टोर से एक किलो तुअर दाल खरीद लाया। अब अंबानी परिवार से रिश्ते बनाने के लिए उनके द्वारा बेची जाने वाली सारी चीजें अपनी हैसियत के अनुसार खरीद रहा हूं, अब क्या घर बेच कर उनके साथ घर के सामने टेंट लगाऊं।

शादी में कार्ड कैसे लिए जाते हैं मुझे आता है। एक बार हमारे मोहल्ले में एक शादी होने वाली थी, मैं पंद्रह दिन पहले से उनके घर से सामने से निकलने लगा उन्हें नमस्कार करने लगा। इस बात से उन्हें याद आ गया कि इनको भी शादी का कार्ड देना है। ऐसे ही मैंने मुंबई जाकर अंबानी परिवार के घर के सामने खड़े होने का प्लान बनाया तभी एक दोस्त ने कहा, कोई फायदा ही नहीं है। वह घर से हेलिकॉप्टर से निकलते हैं। सारे प्रयत्न करने के बाद,जब लगा कि कार्ड नहीं है, तब मैंने वर्चुअल माध्यम से शादी में शामिल होने का फैसला लिया।

फिर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे शादी के वीडियो को देखना शुरू किया। मुझे ये फीलिंग आ गई कि मैं शादी में शामिल हुआ हूं। उनके अपने हाथ से खाना परोसते हुए मुझे लगा कि सच में मुझे ही खाना परोस रहे हैं। मैंने भी एक थाली अपने सामने रख ली, खुद को भोज में शामिल मान लिया। कई वीडियो देखे खाने के आइटम देखे जाम नगर का गुलाब जामुन देखा । सब कुछ था लेकिन उसमें एक आइटम की कमी थी। थाली में रायता नहीं था। अंबानी जी क्या फायदा इतने अमीर होने का... बेटे की शादी में रायता तक नहीं बनवा सके, लोग यही कहेंगे कि अम्बानी जी इतनी कंजूसी भी ठीक नहीं। मेरा तो स्वाद ही बिगड़ गया। अब अच्छा हुआ आपने मुझे बुलाया नहीं, ऐसी शादी में मैं जाता ही नहीं हूं जहां तंदूर पे खड़े होकर रोटी के लिए लोग चिल्लाते न दिखे,और रायता न बना हो।

(लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं)

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