बंगाल बना हमला प्रदेश
कभी आजादी की लड़ाई के लिए क्रांतिकारियों के लिए प्रेरणा व सहारा बना बंगाल आज हमला प्रदेश बनता दिखाई दे रहा। लगातर बंगाल में हमले हो रहे हैं। अभी मकर संक्रांति के पर्व पर गंगा सागर में स्नान करने जा रहे तीन भगवाधारी साधुओं को भीड़ ने सड़क पर सार्वजनिक रूप से बुरी तरह पीटा। केवल पीटा ही नहीं उनको निर्वस्त्र करके उनके सिर व दाड़ी के बाल खींच-खींच कर अपमानित कर जान से मारने की कोशिश की। वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि ये घटना महाराष्ट्र के पालघर वाली घटना को दोहराने की थी। कुछ स्थानीय लोगों ने पुलिस की मदद से बड़ी मुश्किल से इन तीनों साधुओं की जान बचाई। भगवा धारण कर सबको हाथ उठाकर आशीर्वाद देने वाले संन्यासी हाथ जोड़कर जान की भीख मांग रहे थे। क्रांतिकारियों की जननी बंगाल की भूमि पर ये सब होना बड़ा दुर्भाग्य है। ये कोई पहली बार नहीं हुआ है। ममता सरकार बनने के बाद से लगातार किसी न किसी पर हमले हो रहे हैं। पहले हमलों में बंगाल की गरीब जनता तथा गैर टीएमसी दल के लोगों को हमला करके मारा जाता था। अब धीरे-धीरे हमलों का ये सिलसिला आम जनता से ऊपर उठने लगा है। विधानसभा चुनाव के परिणाम आते ही भीड़ ने टीएमसी को वोट न देने वाले लोगों को लक्षित करके मारा, दुकान लूटी, बलात्कार किये तथा उनकी दुकानों व घरों में आग लगा दी थी। सरकार व प्रशासन की तरफ से कोई मजबूत कार्यवाही आजतक नहीं हुई। राज्यपाल पर भीड़ हमला करती है, उपराष्ट्रपति पर भीड़ जानलेवा हमला करती है,भ्रष्टाचार के आरोपियों को पकड़ने जब ईडी जाती है उन पर जानलेवा हमला किया जाता है। आखिर किस दिशा में जा रहा है बंगाल। अगर ये सब सरकार की देखरेख में हो रहा तब भी बंगाल के लिए ठीक नहीं और अगर ये सरकार की देखरेख में न हो रहा तब भी बहुत चिंता की बात है। सत्ता पाने के लिए वोट पाने की लालसा ने वहां ऐसी हरकतें करने की खुली छूट दे रखी है। ऐसी घटनाओं में पुलिस की ढील साबित करती है कि हमलावरों को ममता सरकार का आशीर्वाद प्राप्त है। ममता को समझना चाहिए कि अगर इन घटनाओं पर अंकुश नहीं लगाया तो निश्चित ही इसकी लपटें उन पर भी जरूर आएंगी। भारत सरकार को भी इस घटना पर कठोर कदम उठाने चाहिए क्योंकि बंगाल की पीड़ित जनता को आपसे ही उम्मीद है। बंगाल में साधुओं पर किये इस जानलेवा व अपमानजनक हमले का विरोध पूरे देश को करना चाहिए। पूरा देश जहां रामलला प्राणप्रतिष्ठा की खुशियां मनाने के लिए भगवा रंग में रंग गया है वहीं भगवासाधुओं की भीड़ द्वारा हत्या करने के इस प्रयास ने बंगाल को भारत की नजरों में नीचे दिखाया है। बंगाल में लगातार हिन्दूओं को ही निशाना बनाया जा रहा है। इसका कारण है बंगाल में हिंदुओं की सहनशीलता। बंगाल के हिंदुओं को समझना चाहिए कि अधिक सहना भी कायरता की निशानी है। भगवे के इस अपमान पर बंगाल के हिंदुओं को सड़क पर आकर अपनी शक्ति का परिचय देना ही चाहिए। नहीं तो ये घटनाएं बड़ी समस्या का रूप बनकर आपके ही सामने आएंगी।