कनेड्डा का देशी वाला गुड्डू

कनेड्डा का देशी वाला गुड्डू
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निठल्ला चिंतन: प्रदीप औदिच्य

चबूतरा पर बैठे हुए काका ने अखबार को एक तरफ फेंका। फिर हाथ में तंबाकू लेकर बोले, भैया जे कनेड्डा वाला गुड्डू क्या कह रहा है।

मैंने पूछा दद्दू, कौन सा गुड्डू जो पिछले गली वाला जो चार साल से कनाडा में टैक्सी चला रहा है।

काका ने कहा, नहीं, मैं वहां के प्रधानमंत्री की बात कर रहा हूं। मैंने कहा काका वह गुड्डू नहीं, वह जस्टिन ट्रुडो है...। काका ने कहा ट्रुडो हो या टुडू हो... हरकत तो वह हमारे देश के पप्पू जैसी ही कर रहा है।

मैंने कहा, उसने क्या किया...?

काका ने कहा, वह कह रहा था कि भारत के लोग हमारे लोगों को हमारे देश में आकर ही मार रहे हंै। ये खालिस्तानी आतंकवादी उनके लोग हो कैसे गए। ट्रुडो ने कहा भारत ने हमारे घर में घुस कर हमारे व्यक्ति को मारा।

काका ने अपनी बात अनवरत बिना ब्रेक के जारी रखते हुए कहा कि, कनेड्डा वाले को एक बार पाकिस्तान से तो बात करना चाहिए, उसके हाल तो पूछना चाहिए, वह तो अपना पिछवाड़ा दिखा कर ही रो पड़ेगा।

काका ने पूछा गुड्डू को क्या पड़ी कि वह ये कह दिया। अब दुनिया भर में थू थू हो रही है।

ट्रुडो को एकदम हमारे मोहल्ले के देशी गुड्डू जैसा निकला।

मैंने पूछा, उसको क्या हुआ...।

काका ने कहानी सुनाते हुए कहा,भाई एक बार हमारे मोहल्ले के गुड्डू की लड़ाई, दूसरे मोहल्ले के दादा से हो गई। हमारे मोहल्ले के कुछ लड़के गुड्डू को चने के झाड़ पर चढ़ा कर दूसरे मोहल्ले में ले गए। वहां सब खड़े हुए, गुड्डू ने अपने साथ आए लोगों की दम पर उस दादा को धमकी दे दी। रोष में आकर उसे गाली भी दे दी। बाद में गुड्डू ने देखा तो उसके मोहल्ले के उसके साथ आए लड़के गायब हो गए।

अब दादा ने जो गुड्डू को धरा तो गुड्डू की सिट्टी पिटी गुम। गुड्डू भैया मांफी मांगते देखे गए। यही इस विदेशी गुड्डू का हुआ। अमेरिका सहित अन्य देश कल तक साथ दे रहे दे, वह चुप हो गए। अब वह कह रहा है, भैया मुंह से निकल गई।

मंैने काका से कहा, काका ये बार- बार आप कनाडा को कनेड्डा क्यों बोले रहे हो?

काका ने कहा, उसका पुराना नाम कनाडा है, पर जब से पंजाब के लोग वहां गए है, वह कनेड्डा हो गया है।

आज सारा पंजाब उसे कनेड्डा बोल रहा है।

अब तो वोट के लिए कनेड्डा के प्रधानमंत्री भी खालिस्तान के समर्थन के साथ पंजाबियों के वोट के लिए, उसका नाम कनेड्डा करने वाले हैं।

चार लोग इक_ा होकर खालिस्तान का झंडा लेकर चल पड़ते हैं, उन झंडा पकड़ने वाले को अब डर लगने लगा है, पता नहीं कौन सा ज्ञात-अज्ञात आदमी के हाथ से गोली चले और इनका स्थान खाली हो जाए।

ये कनाडा के प्रधानमंत्री को ज्ञात है कि ये अज्ञात लोग कौन हंै। इसलिए वह अज्ञात के लिए भारत के ऊपर लांछन लगा रहा है।

काका ने नि:श्वांस भरते हुए कहा कि भैया ये अज्ञात लोग, पहले क्यों नहीं आए। अब इंग्लैंड से लेकर कनाडा तक धूम मचाए हुए हैं।

मैंने कहा, काका ये पहले भी थे, पर इनके बंदूक में गोली भरने वाले नहीं थे।

मुझे थोड़ी देर के लिए काका का ट्रुडो का नया नामकरण अच्छा लगा। काका ने अपना चश्मा साफ करते हुए कहा कि घर में घुसकर मारने का सबसे अच्छा उदाहरण पाकिस्तान है।

वह पिटता भी है, और किसी से कहता भी नहीं। कनाडा के गुड्डू को ये सोचना चाहिए कि खुद के पिटने की घोषणा काहे कर रहा है।

काका ने कहा... घर में घुस कर जो पिट जाए फिर मोहल्ले में जाकर शोर मचाए इससे बड़ा पप्पू मतलब गुड्डू कौन होगा।

घर का माहौल तो ठीक ही होता नहीं, दूसरों के मामले में टांग फंसाने वाले को गुड्डू कहते हैं।

ऐसा ही हमारे यहां है, जो वक्त-वक्त पर बयान देकर लोगों का मनोरंजन करता है।

ये ट्रुडो भी केनेड्डा का देशी वाला गुड्डू है.... ये कहकर काका ने दुबारा अखबार उठाया और वर्ग पहेली भरने लगे।

(लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं)

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