उत्तर प्रदेश में 'कर्मयोग' के कौशल से कंट्रोल में कोरोना
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लखनऊ (अतुल कुमार सिंह): उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस लगभग नियंत्रण में आ गया है। आंकड़े इसकी सच्ची गवाही करते हैं। पिछले 24 घंटे के दौरान कोरोना के संक्रमण के नए मामले घटकर 1,908 पर आ गए। दो माह में पहली बार यह संख्या 2,000 के नीचे आई है। 24 अप्रैल को यह संख्या सर्वाधिक 38,055 थी। उदाहरणस्वरूप पीक से रोजाना के संक्रमण में करीब 95 फीसद की कमी आ चुकी है। इसके पीछे का कारण मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का अनथक परिश्रम और उनके कर्मयोग की ताकत है, जिसके बल पर उन्होंने महज एक पखवाड़े में उत्तर प्रदेश के लगभग सभी जनपद मथ लिए हैं।
इसी प्रकार सक्रिय केसेज की संख्या सिमटकर 41,214 पर आ गई। 29 मई को यह संख्या 46,201 थी। 30 अप्रैल को यह 3,10,783 के रिकॉर्ड स्तर पर थी। इसकी तुलना में यह 87 फीसद घटी है। रिकवरी रेट लगातार सुधरते हुए 96.40 फीसद पर पहुंच गई। कल यह 96.10 फीसद थी। यह कई राज्यों और देश के रिकवरी दर से बेहतर है। पॉजिटिविटी रेट भी लगातार सुधरते हुए .8 फीसदी पर आ गई है। रही मौतों की बात तो 4 मई को एक दिन में सर्वाधिक 372 मौतें हुई थी, उसके बाद से अपवाद के कुछ दिनों को छोड़ दें तो यह संख्या लगातार घटी है। 28 मई को यह घटकर 159 पर आ गई। 29 मई को यह 157 रही। 20 मई के बाद से यह लगातार 200 के नीचे बनी हुई है। प्रदेश में अब सिर्फ 27 जिले ऐसे हैं जहां संक्रमण के मामले 500 से ऊपर हैं। 10 जिलों में यह संख्या 100 से ऊपर है।
टीम के कैप्टन की तरह ग्राउंड जीरो पर उतरे योगी :
कोरोना को नियंत्रित करने में यह सब यूं ही नहीं हो गया। इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टीम 11 की जगह टीम 9 के नाम से नई टीम गठित की। कोरोना के लिहाज से महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों (ऑक्सीजन की उपलब्धता, हॉस्पिटल्स में बेड और दवाओं की उपलब्धता) को विकेंद्रित करते हुए टीम-9 के लोगों को जवाबदेह बनाया। प्रभारी मंत्रियों को उनके प्रभार वाले जिलों में भेजा गया। हर जिले में निगरानी के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को नोडल अधिकारी बनाकर वहां भेजा गया। खुद की सेहत की चिंता किए बगैर इन सारी व्यस्थाओं का भौतिक सत्यापन करने मुख्यमंत्री एक कप्तान की तरह पिछले कई एक पखवाड़े से ग्राउंड जीरो पर हैं। इन समन्वित प्रयासों का नतीजा भी सबके सामने है। इन नतीजों के नाते ही आज देश दुनिया विश्व स्वास्थ्य संगठन, नीति आयोग, बॉम्बे हाईकोर्ट और इलाहाबाद उच्च न्यायालय मुख्यमंत्री योगी के कोविड प्रबंधन की तारीफ कर रही है।
दूसरे चरण में किया डटकर मुकाबला :
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली प्रदेश सरकार ने कोरोना की दूसरी लहर का डटकर मुकाबला किया। मालूम हो कि मध्य अप्रैल से मई के पहले हफ्ते के दौरान जब कोरोना के संक्रमण की दूसरी लहर चरम पर थी तो हर कोई कोरोना से डरा था। मीडिया के हर प्लेटफार्म पर सिर्फ कोरोना से जुड़ी खबरें ही सुर्खियां बनती थीं। उसी दौरान एक दिन के संक्रमण, सक्रिय रोगियों की संख्या और एक दिन में सर्वाधिक मौतों का भी रिकॉर्ड बना, पर योगी सरकार ने पहले चरण की तुलना में 30 से 50 फीसद संक्रामक दूसरे दौर का डटकर मुकाबला किया।
आज हर मोर्चे से आ रहीं हैं सकारात्मक खबरें :
दो महीने से कम समय में आज कोरोना के हर फ्रंट से अच्छी खबरें हैं। इन्ही वजहों से अब लोगों में कोरोना को लेकर भय नहीं है। अलबत्ता लोग सतर्क जरूर है। सरकार की मंशा भी यही है। वह लगातार संदेश दे रही है कि कोरोना को लेकर डरें नहीं, सतर्क जरूर रहें और रक्षा कवच के रूप में टीका जरूर लगवाएं। रही बात सरकार की तो वह अपनी पूरी ताकत और संसाधनों के साथ इस जंग में आपके साथ है। इस मुकम्मल यकीन के साथ कि सबके सहयोग से हम इस जंग को जीत लेंगे और वह भी बहुत जल्दी।
तीसरी लहर के लिए मजबूत बनाई किलेबंदी :
उत्तर प्रदेश सरकार देश में कोरोना की तीसरी लहर आने की आंशकाओं के मद्देनजर तैयारियां कर रही है और इसके लिए व्यापक इंतजाम किए जा रहे हैं, बताया जा रहा है कि सरकार ने ग्रामीण क्षेत्र के हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने की प्रक्रिया को हरी झंडी दी है। वहीं बारह साल से कम आयु वाले बच्चों के अभिभावकों लिए स्पेशल टीकाकरण शिविर लगेगा साथ ही पीआईसीयू, एनआईसीयू की ज़िला अस्पतालों में स्थापना की कार्रवाई शुरू होगी।
इसके साथ ही जनप्रतिनिधियों को भी इस कार्रवाई में जोड़ा गया, अस्पताल गोद लेने को कहा गया वहीं कोरोना की तीसरी लहर से बच्चों को बचाने की तैयारी में जुटे सीएम योगी,आयुष कवच से बच्चों को जोड़ने के लिए किया जा रहा नया फीचर तैयार साथ ही सरकार हर जिले में बच्चों के लिए बना रही अलग से वार्ड, 20 से 25 बेड बच्चों के लिए होंगे। वहीं, जापानी इंसेफलाइटिस से निपटने के लिए तैयार किए गए 38 अस्पतालों को भी इसमें शामिल किया गया है।
जनप्रतिनिधियों को गोद लेने होंगे अस्पताल :
मुख्यमंत्री योगी ने जनप्रतिनिधियों को भी आगे आकर कोरोना नियंत्रण में सहभागिता करने का आग्रह किया है। जानलेवा कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने उत्तर प्रदेश को काफी ज्यादा प्रभावित किया है। अब धीरे-धीरे हालात में सुधार हो रहा है और नए कोरोना मामलों में लगातार कमी देखी जा रही है। इस बीच कोरोना की संभावित तीसरी लहर को रोकने के लिए योगी सरकार ने तैयारी शुरू कर दी है। यूपी में बारह साल से कम आयु वाले बच्चों के अभिभावकों के लिए स्पेशल टीकाकरण शिविर लगेगा। जिला अस्पतालों में पीआईसीयू, एनआईसीयू के स्थापना की कार्रवाई भी शुरू हो गई है। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्र के हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने की प्रक्रिया को हरी झंडी दी गई है। जनप्रतिनिधियों को भी इस कार्रवाई में जोड़ा गया है और अस्पताल गोद लेने को कहा गया है।
मुख्यमंत्री योगी खुद तैयारी में मजबूती से जुटे :
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद कोरोना की तीसरी लहर से बच्चों को बचाने की तैयारी में जुटे हुए हैं। आयुष कवच से बच्चों को जोड़ने के लिए नया फीचर तैयार किया जा रहा है। सरकार हर जिले में बच्चों के लिए अलग से वार्ड बना रही है। इन वार्ड में 20 से 25 बेड बच्चों के लिए होंगे। इसमें जापानी इंसेफलाइटिस से निपटने के लिए तैयार 38 अस्पतालों को भी शामिल किया गया है। बता दें कि पूर्वांचल में जापानी इंसेफेलाइटिस के लिए 38 जिलों में बच्चों के लिए अलग से वार्ड बनाए गए थे। लखनऊ पीजीआई के डायरेक्टर की अध्यक्षता में विशेषज्ञ डॉक्टरों की सरकार ने कमेटी भी बनाई है। कमेटी में लखनऊ मेडिकल कॉलेज, लोहिया संस्थान समेत कई विशेषज्ञ डॉक्टरों को रखा गया है। बच्चों के लिए दवा और बेड की उपलब्धता रहेगी साथ ही अलग से एंबुलेंस की व्यवस्था भी सरकार करेगी जिसे रिजर्व किया जाएगा।