अच्छा! यूं होती हैं ईवीएम हैक

अच्छा! यूं होती हैं ईवीएम हैक
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निठल्ला चिंतन

प्रदीप औदिच्य

आज सुबह नहाने के लिए गर्म पानी की जरूरत हुई। मंैने गीजर चालू किया, उसकी लाल बत्ती चालू हो गई। मैंने गीजर की तरफ देखा कि एक स्विच जो लगभग पांच फीट बाहर है उसे चालू करने पर बाथरूम के अंदर लगा गीजर चालू हो गया है। तुरन्त देर किए हुए घाघ विपक्षी नेता की तरह मैंने एक मिनट में सोचा, क्या ऐसे ही ईवीएम हैक होती है? वैसे इस व्यंग्य को नहाने से शुरू करने के पीछे मेरा एक ही मकसद था, आपको ये बता सकूं कि मैं सर्दियों से डरता नहीं हूं, मैं रोज नहाता हूं।

अब आपको बताता हूं कि मैंने ईवीएम की गड़बड़ी कैसे पकड़ी। इस गीजर की गड़बड़ी को चाहूं तो प्रेस कान्फ्रेंस में साबित भी कर सकता हूं। टेक्निकल एजुकेशन की शिक्षा लिए बिना ही मैंने इतनी खोज कर ली है कि कोई छोटा मोटा नोबल प्राइज मुझे मिल सकता है, पर मैं नोबल प्राइज नहीं चाहता हूं। मैं केवल विपक्ष की ओर से पीएम उम्मीदवार के लिए खुद का नाम चाहता हूं... वो जो टूटा हुआ गंठबंधन है, वह मुझे पीएम के लिए घोषित करे तो मैं ईवीएम हैक कैसे होती है ये बता सकता हूं।

बाथरूम में घुस कर मैंने गीजर को ध्यान से देखा जब मैंने बिजली का स्विच ऑन किया तब लाल बत्ती चालू हुई। फिर थोड़ी देर बाद वह हरी बत्ती चालू हो गई...।

मतलब साफ था कि एक ही स्विच से लाल, और हरी बत्ती दो बत्ती कैसे चालू हो सकती है, है ना गड़बड़ी।

मेरा माथा ठनका, मुझे याद आया कि ऐसी ही बत्तियां तो ईवीएम में जलती है। यही तो विपक्ष का आरोप है कि वह कोई बटन दबाता है, बत्ती किसी की जलती है। मुझे लगा कि शायद गीजर भी हैक हो गया। ऐसा तो नहीं घर में लगे वाई फाई से इसका कोई कनेक्शन हो। मंैने वाई फाई को बंद किया। फिर बाथरूम में आया फिर थोड़ी देर के लिए गीजर को बंद किया। फिर चालू किया गीजर में लाल बत्ती जली और पानी ठंडा आने लगा, मैंने वहीं से चिल्लया...'यूरेका ....यूरेका...।Ó

पत्नी किचन से भाग चली आई, क्या हुआ...। मैंने कहा देखो मैंने ईवीएम मशीन की गड़बड़ी पकड़ ली। मैंने गीजर को चालू किया गर्म पानी के लिए पानी गर्म होता है तो हरी बत्ती हो जाती है...यहां पानी आ रहा है ठंडा और बत्ती है लाल।

यानी मतदाता जिसको वोट देना चाह रहा है, वह उसको नहीं जा रहा,जैसा सिस्टम हो गया। बस यही फार्मूला है ईवीएम मशीन का ।

अभी एक नेता जी ऐसे ही ईवीएम को हैक करके बता रहे थे, एक व्यक्ति ने तो दिल्ली में भी ऐसा ही करके बताया था। पत्नी ने थोड़ी देर घूर के मुझे देखा... फिर वह बोली... सर्दी में नहीं नहाना हो तो मत नहाइए, पर आपके हाथ जोड़ती हूं... विपक्षी नेताओं की प्रेस कॉन्फ्रेंस को मत सुना कीजिए।

आप कल फ्रिज में भी ऐसा ही ढूंढ रहे थे, उसका भी दरवाजा बार-बार खोल रहे थे।

अरे... गीजर का यही सिस्टम है, चालू करने में लाल बत्ती जलती है। फिर पानी गर्म होने पर हरी हो जाती है, अब आइए देखिए बाथरूम में गर्म पानी आने लगा, होगा।

मैंने देखा,सच्ची में गीजर में बत्ती भी हरी हुई और पानी भी गर्म आने लगा। फिर मुझे बाथरूम में नहाना पड़ा। इसलिए कि कल जब इतिहास लिखा जाए तो आप ये न कह सकें कि मैंने इस सिस्टम से हार मान कर नहाना कैंसिल कर दिया था। मैं सर्दी में इसलिए नहाया कि आप ये कह सको कि जब-जब लोकतंत्र पर संकट आया तब उसको बचाने के लिए मुझे नहाने की चुनौती स्वीकार करना पड़ी। इस देश में चुनाव निष्पक्ष हो, इसलिए मुझे नहाना पड़ा और ईवीएम को हैक करने से बचाने के लिए मुझे कई तरीके के उपाय भी इसी बाथरूम से नहाने के निकलने वाले है।

(लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं)

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