भारत ने दिखाया मालदीव को आईना

भारत ने दिखाया मालदीव को आईना
विदेशी अखबारों के झरोखे से

डॉ. सुब्रतो गुहा

सनातन पुनर्जागरण का संकेत: भारत के अयोध्या शहर में 22 जनवरी को सांप्रदायिक विभाजनकारी श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के उद्घाटन से ग्यारह दिन पूर्व भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने घोषणा की है कि वे इन ग्यारह दिनों में विशेष पूजा करेंगे एवं उपवास भी रखेंगे। जिस स्थान पर छह दिसंबर उन्नीस सौ बयानवें को हिन्दू उग्रवादियों ने बाबरी मस्जिद को ध्वस्त किया था, ठीक उसी स्थान पर निर्मित श्रीराम मंदिर का उद्घाटन प्रधानमंत्री मोदी करेंगे। इस मंदिर उद्घाटन से कुछ ही माह बाद होने वाले संसदीय चुनाव से पूर्व हिन्दू समुदाय के हितों के रक्षक के रूप में मोदी की छवि और मजबूत होगी तथा चुनाव में लाभ मिलेगा। मीडिया में जारी एक संदेश में मोदी ने कहा - 'मैं भाग्यशाली हूँ कि में भव्य मंदिर उद्घाटन के अति शुभ अवसर का साक्षी बनूंगा। ईश्वर ने मुझे भारत के लोगों का इस मंगल बेला में प्रतिनिधित्व करने का अवसर दिया है।Ó दस वर्ष पूर्व सत्ता संभालने के बाद से ही भारत जैसे घोषित सेकुलर देश में मोदी ने अपनी हिन्दू धार्मिक मान्यताओं को अपनी राजनीति का हिस्सा बनाया है।

- द डान, कराची, पाकिस्तान

(टिप्पणी- दिनांक ग्यारह मई 1950 को जब भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने गुजरात में मुस्लिम आक्रांताओं द्वारा ध्वस्त किए गए सोमनाथ मंदिर के नवनिर्मित भव्य स्वरूप का उद्घाटन किया, तब उससे पूर्व सोमनाथ मंदिर उद्घाटन का भारी विरोध करते हुए प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को वहां नहीं जाने के लिए कहा था, क्योंकि इससे हिन्दू पुनरुत्थान का खतरा उत्पन्न होगा। नेहरूजी की चेतावनी ठुकराते हुए राष्ट्रपति राजेन्द्र प्रसाद ने कहा था मैं राष्ट्रपति बाद में हूँ, पहले एक निष्ठावान सनातनी हिन्दू हूँ। इसलिए अवश्य जाऊंगा। विडंबना देखिए सन 2024 में नेहरू के अनुयायी सेकुलर झंडाबरदार प्रधानमंत्री मोदी द्वारा भव्य श्रीराम जन्मभूमि मंदिर उद्घाटन का यह कहते हुए विरोध कर रहे हैं कि इससे सेकुलर भारत में हिन्दू पुनरुत्थान का खतरा बन जाएगा। वैसे हिन्दू पुनरुत्थान तो हो चुका है, जो अपने विरोधियों को ललकार रही है, हमको मिटा सके यह जमाने में दम नहीं, हम से है जमाना, जमाने से हम नहीं।)

अपराध मूल्यांकन का धार्मिक चश्मा

भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने उन ग्यारह हिन्दू पुरुषों की जेल की सजा बहाल कर दी है, जो 2008 से 2022 तक जेल की सजा काट चुके थे और चौदह वर्ष जेल की सजा के बाद 2022 में जेल से रिहा हुए थे। इन ग्यारह हिन्दुओं को सन 2002 के गुजरात दंगों के दौरान एक मुस्लिम महिला बिल्किस बानो से बलात्कार करने का दोषी पाया गया था। सन 2022 में चौदह वर्ष सजा पूर्ण कर चुके जेल के कैदियों की रिहाई हो पाने संबंधी एक कानूनी प्रावधान के अंतर्गत भारत के गुजरात राज्य सरकार ने इन्हें रिहा कर दिया था। इस रिहाई के निर्णय के विरोध में बिल्किस बानो ने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका लगाई थी।

द इन्डीपेन्डेन्ट, लंदन, ब्रिटेन

(टिप्पणी- हत्या, बलात्कार, इत्यादि जघन्यतम अपराधों के प्रसंग में समूचे विश्व में लाखों जिहादियों को सजा मिली है, परन्तु जैसे ही उस जिहादी अपराधी का उल्लेख मीडिया में इस्लाम के अनुयायी के रूप में होता है, वैसे ही समस्त संसार के सेकुलर एवं प्रगतिशील झंडाबरदार आग बबूला होकर विरोध करते हुए कहते हैं, उसे मुस्लिम मत कहो, अपराधी का कोई धर्म नहीं होता। परन्तु किसी हिन्दू अपराधी के धर्म का उल्लेख करते हुए समूचे हिन्दू समाज को अपराध में सहभागी बताने का प्रयास होता है। बिल्किस बानो निश्चित ही हम सबकी सहानुभूति की पात्र है। परन्तु जब सन उन्नीस सौ नब्बे में जम्मू कश्मीर में जिहादी इस्लामी आतंकियों ने गिरिजा टिक्कू के साथ सामूहिक बलात्कार के बाद उसके शरीर को आरी से दो टुकड़ों में काट दिया, सरला भट्टा से सामूहिक बलात्कार के बाद उसके शरीर के टुकड़े-टुकड़े कर सड़क किनारे फेंक दिए और ऐसा ही हजारों कश्मीरी पंडित महिलाओं के साथ किया, तब क्या इन सेकुलर झंडाबरदारों की आंखों से एक बूंद भी आंसू गिरा। स्पष्ट उत्तर है नहीं, क्योंकि हिन्दू की पीड़ा पर आंसू बहाना सांप्रदायिक है। समय आ गया है कि इस सेकुलर प्रपंच के खेल से पर्दा उठे और हिन्दू समाज जागृत होगा।)

ईंट का जवाब पत्थर से

भारत के प्रधानमंत्री मोदी द्वारा भारतीय क्षेत्र स्थित लक्ष्यदीप में पर्यटन को बढ़ावा देने की घोषणा से मालदीव सरकार के तीन मंत्रियों ने भारतीय प्रधानमंत्री को आतंकवादी एवं अन्य घोर अपमानजनक शब्दों से विभूषित किया। मीडिया में यह समाचार आते ही भारत सरकार ने कड़ी प्रतिक्रिया दी तथा हजारों भारतीय पर्यटकों ने मालदीव जाने के टिकट निरस्त कर दिए। इससे वित्तीय दबाव में आए मालदीव सरकार ने उन तीन मंत्रियों को मंत्रिमंडल से निलंबित कर दिया, परन्तु दोनों देशों में तनाव जारी है।

- द न्यूयार्क टाईम्स, अमेरिका

(टिप्पणी - कड़वे बोल का दुष्प्रभाव देखिए। प्रति वर्ष विदेशी पर्यटकों से प्राप्त तीन बिलियन डालर राशि में से एक बिलियन डालर मालदीव ने पिछले एक सप्ताह में ही खो दिया, क्योंकि ईज माई ट्रिप सहित अधिकांश भारतीय पर्यटन कंपनियों एवं हजारों भारतीय पर्यटकों ने मालदीव की यात्राएं निरस्त कर दी, वहां के होटलों का आरक्षण भी निरस्त कर दिया। पांच लाख पच्चीस हजार की जनसंख्या वाले इस्लामी देश मालदीव के वर्तमान राष्ट्रपति मोहम्मद मुईजू ने इस्लामिक स्टेट एवं अन्य जिहादी संगठनों की संरक्षण दे रखा है तथा चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के आगे नतमस्तक है। वे भूल गए कि आज का भारत पहले जैसा एक गाल पर मारने पर दूसरा गाल आगे कर देने की नीति पर नहीं चल रहा है, बल्कि एक गाल पर मारने वाले हाथ को ही तोड़ देने की नीति पर चल रहा है। राष्ट्रीय स्वाभिमान व सुरक्षा सर्वोपरि।)

(लेखक अंग्रेजी के सहायक प्राध्यापक हैं)

Next Story