संसदीय मर्यादा पर तीर्यक खींचती मोहुआ मोईत्रा
दो तन-एक मन
वैश्विक स्तर पर प्रतिष्ठित संस्था अरब वर्ल्ड फॉर रिसर्च एंड डेवलपमेंट द्वारा गाजा पट्टी एवं पश्चिमी तट के फिलिस्तीनियों के बीच करवाए गए एक वृहद सर्वेक्षण में यह चौंकाने वाला तथ्य उजागर हुआ है कि सात अक्टूबर को इजराइल पर हमला कर एक हजार तीन सौ निर्दोष इजराइली नारी, पुरुष एवं शिशुओं की निर्मम हत्या करने वाले आतंकी संगठन हमास तथा उक्त आतंकी वारदात को 83 प्रतिशत फिलिस्तीनी अपना समर्थन देते हैं। साथ ही हमास द्वारा सभी इजराइली यहूदियों का नरसंहार कर उस समूचे भू-भाग पर केवल एक फिलिस्तीनी देश की संकल्पना को भी 75 प्रतिशत फिलिस्तीनियों का पूर्ण समर्थन है। इस सर्वेक्षण में फिलिस्तीनियों ने हमास आतंकियों को आतंकी नहीं माना, बल्कि फिलिस्तीन की आजादी के लिए लड़ने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानी निरूपित किया।
- द यरुशलम पोस्ट, इजराइल
(टिप्पणी- भारत से अमेरिका, यूरोप से अफ्रीका समूचे विश्व में सड़कों पर जुलूस निकल रहे हैं, प्रदर्शन हो रहे हैं, अत्याचार, पीड़ित यहूदी नर-नारी, शिशुओं के लिए नहीं, बल्कि निर्मम खूनी हमास जिहादी आतंकियों के पक्ष में, उन्हें महान स्वाधीनता संग्राम सेनानी घोषित करते हुए भारत के कई स्वघोषित सेकुलर दलों ने कुटिलतापूर्वक भ्रामक बयान जारी किए कि वे यह प्रदर्शन असहाय फिलिस्तीनी भाई-बहनों के लिए कर रहे हैं तथा हमास एवं फिलिस्तीन पूर्णत: अलग-अलग दो समूह है। चतुराईपूर्वक के फिलिस्तीन मतदाताओं ने ही भारी मतों से इजराइल हानियेह के नेतृत्व में हमास पार्टी को गाजा पट्टी की शासक सरकार बनवा दिया तथा 2017 से गाजा पट्टी की हमास सरकार का नेतृत्व आतंकी याहया सिनवार कर रहा है। इसलिए फिलिस्तीनी और हमास अलग नहीं, बल्कि दो तन-एक मन है और भारत में जुलूस आतंकी हमास और उसकी खूनी वारदातों के पक्ष में ही माने जाने चाहिए।)
खलनायिका या नायिका?:
भारतीय राजनीति में सुंदरता और दृढ़ निश्चय की पर्याय बन चुकी तृणमूल कांग्रेस सांसद मोहुआ मोईत्रा शराब एवं विदेशी वेशभूषा एवं जूतों की शौकीन है, पर जब वह कट्टरपंथी हिन्दुत्व वादियों के निशाने पर आती हैं, तब डटकर पलटवार करने में भी सक्षम हैं। डेनमार्क निवासी पति लारस ब्रोरसन से तलाक ले चुकी तलाकशुदा मोहुआ वकील जय अनंत देहादराय के साथ प्रेम संबंध में रहीं। मोहुआ मोईत्रा भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं उनकी हिन्दुत्ववादी सरकार की प्रखर आलोचक रही है। आजकल मोहुआ रिश्वत लेकर संसद में प्रश्न पूछने के घोटाले में उलझी हुई है, परन्तु फिर भी निरंतर पलटवार कर रही है।
- द गार्जियन, लंदन, ब्रिटेन
(टिप्पणी- दिनांक 24 जुलाई 2020 को तृणमूल कांग्रेस सांसद मोहुआ मोईत्रा ने बयान दिया कि भारत के हिन्दू तभी तक हिन्दू रहेंगे, जब तक भारत में मुसलमान है, अन्यथा उनकी हिन्दू पहचान समाप्त हो जाएगी। जुलाई 2022 में मोहुआ ने बयान दिया कि हिन्दू देवी महाकाली मांस खाती है और शराब पीती है। मई 2022 में मोहुआ ने ट्वीटर पर मुंबई के मामा आणविक शोध केन्द्र का एक फोटो जारी कर लिखा कि इसे खोदने पर काशी विश्वनाथ शिवलिंग मिलेगा, क्योंकि यह ढांचा भी शिवलिंग जैसा ही है। दिनांक 10 अगस्त 2023 को मोहुआ ने ट्वीटर पर लिखा कि भारत के नए संसद भवन में सेन्गोल धर्मदंड स्थापना के समय भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा अधीनम हिन्दू संतों को साष्टांग दण्डवत होकर प्रणाम करने को सेकुलर भारतीयों के लिए शर्मनाक बताया। मोहुआ के हिन्दू विरोधी कृत्यों की सूची लंबी है, तभी तो मोहुआ भारत के सुकलर झंडाबरदारों के लिए सेकुलरवाद का जीवंत प्रतीक बन गई है और अब पैसे लेकर प्रश्न पूछने वाले घोटाले में मोहुआ की संसद सदस्यता समाप्ति पर यह झंडाबरदार कह रहे हैं, दिल के अरमान आंसुओं में बह गए।)
मुखौटे में छिपा खौफनाक चेहरा:
गाजा पट्टी में प्रवेश कर चुकी इजराइली सुरक्षा सेना ईडीएफ को गाजा के सबसे बड़े अस्पताल अल शिफा के नीचे हमास आतंकियों के छुपने की कई सुरंग मिली हैं, जहां से भारी मात्रा में गोला-बारूद एवं घातक हथियार बरामद हुए है। अल शिफा अस्पताल परिसर से हथियारों से भरे हुए ट्रक भी बरामद हुए है, यह जानकारी इजराइली सेना के प्रवक्ता डेनियल हागारी ने पत्रकारों को दी और इससे संबंधित चित्र तथा वीडियो भी प्रमाण स्वरूप उपलब्ध करवाए। ऐसा ही हथियारों का जखीरा गाजा पट्टी के एक और बड़े अस्पताल अल कुडस से भी बरामद हुआ है। रानटीसी अस्पताल के नीचे भी हमास आतंकियों के छुपने की सुरंग मिली हैं। इन अस्पतालों के अनेक कंप्यूटरों में भी हमास आतंकियों द्वारा सूचनाओं के आदान-प्रदान के प्रमाण मिले हैं।
- द टाइम्स ऑफ इजराइल, यरूशलम
(टिप्पणी- विश्व के सभी छोटे-बड़े मानवाधिकार संगठन विगत दो सप्ताह से छाती पीटकर हल्ला मचा रहे थे कि क्रूर एवं अमानवीय इजराइली यहूदी सेना अस्पतालों और विद्यालयों पर बम बरसाकर निर्दोष मुस्लिम मरीजों और बच्चों का कत्लेआम कर रहे हैं। अब प्रमाण विश्व मीडिया के सामने है कि यह सभी अस्पताल और विद्यालय हमास जिहादी आतंकियों के छुपने के स्थान थे, जहां से इजराइली सेना पर हमले हो रहे थे। अब विद्यालय के बच्चों और अस्पताल के मरीजों के पीछे छुपकर लड़ने वाले जाबाज लड़ाके तो कदापि नहीं हो सकते।)
(लेखक अंग्रेजी के सहायक प्राध्यापक हैं)