अमेरिका से सतर्क रहने की जरूरत
वर्तमान समय में जिस प्रकार से भू राजनीतिक स्थितियां बदल रही हैं। उससे भारत को बेहद सतर्क रहने की जरूरत है। बीते दिनों भारत-कनाडा तथा अमेरिका को लेकर जिस तरीके से संबंधों में उतार-चढ़ाव देखा गया है। उसकी बिल्कुल अनदेखी नहीं की जा सकती साथ ही अमेरिका के राष्ट्रपति का गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में ना आना भी इन रिश्तों में कहीं ना कहीं जटिल स्थिति की ओर इशारा करता है तो उधर पाकिस्तान के सैन्य प्रमुख का अमेरिका की यात्रा पर जाना और उनका अमेरिका द्वारा शानदार स्वागत करना यह बात भी भारत के लिए चिंताजनक है जहां भारत पूरी दुनिया में आतंकवाद को सही और गलत के रूप में न देखकर आतंकवाद को मानवता के सबसे बड़े दुश्मन के रूप में देखने का आह्वान करता है तो वहीं पश्चिमी देशों द्वारा आतंकवाद में भी अच्छे आतंकवाद और बुरे आतंकवाद के फर्क को लाकर समय-समय पर उसी के अनुरूप अपने हितों के लिए नियम बनाए जाते रहे हैं ऐसे समय में जब भारत अपने दोनों पड़ोसी मुल्कों पाकिस्तान तथा चीन से सीमा पर तनाव की स्थिति से गुजर रहा है ऐसे में अमेरिका द्वारा भारत के दुश्मन देश के स्वागत में रेड कारपेट बिछाना भारत के लिए स्वाभाविक रूप से चिंताजनक है साथ ही इस ओर भी इशारा करता है कि अमेरिका अपनी नीतियों के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध नहीं है वह समय परिस्थिति के अनुसार अपनी नीतियों को बदलता रहता है तो वहीं यह बात भी सही है कि अमेरिका पाकिस्तान को पूरी तरीके से चीन का गुलाम बनता नहीं देख सकता कारण वह उससे मेलजोल बढ़ाने में लगा है परंतु इससे भारत के हितों की अनदेखी होती है यह अमेरिका को भी समझना चाहिए तथा दक्षिण एशियाई क्षेत्र में जहां भारत एक मजबूत शक्ति के रूप में वर्तमान समय में उभर रहा है साथ ही हम हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी नौसेना व्यवस्था को भी मजबूत कर रहे हैं ऐसे में अमेरिका का उस देश को आगे बढ़ाना जो देश वर्तमान में आर्थिक रूप से दिवालिया हो चुका है और इसी वर्ष अगस्त में पाकिस्तान तथा अमेरिका के बीच एक समझौता हुआ जिसमें संयुक्त सैन्य अभ्यास प्रशिक्षण तथा हथियारों की खरीद शामिल थी निश्चित तौर पर इस तरह के कदम भारत के लिए चिंताजनक हैं भारत को अब अमेरिका पर से पूरी निर्भरता को कम करना होगा हालांकि अभी व्यापार में अमेरिका हमारा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है वर्ष 2023 के वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़े के अनुसार 128.78 बिलियन डॉलर के व्यापार के साथ अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है वर्तमान समय में जहां भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था है तो वहीं जी-20 का सफल आयोजन करके पूरी दुनिया को एक नया नेतृत्व देने का सफल प्रयास किया है जिससे जाहिर है कि हम पश्चिमी देशों की आंखों में खटकने लगे हैं निश्चित तौर पर इस तरह के भारत विरोधी देश से अन्य देशों के मेल-मिलाप तथा समझौते आने वाले समय में बढ़ेंगे परंतु भारत को ऐसी स्थिति में बेहद सावधानी पूर्वक अपने संबंधों को संतुलित रखना होगा।