पेंटागन की रिपोर्ट के अनुरूप भारत को तैयार कीजिए
अमेरिकी रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन की नई रिपोर्ट चौंकाने वाली है। भारत के लिए ये चिंताकर है। भारत चीन सीमा पर रिपोर्ट चीन की युद्ध तैयारी का खुलासा करती है। साथ ही इस बात का संकेत है कि भारत को अपनी सुरक्षा को बहुत मजबूत करना होगा। अपने को इस तरह ढालना होगा कि एक साथ दो देशों से युद्ध की स्थिति का वह मजबूती के साथ मुकाबला कर सके। अमेरिकी रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन की नई रिपोर्ट भारत को सचेत करने के लिए है। इसमें कहा गया है कि चीन भारत से लगी सीमा एलएसी (लाइन ऑफ एचुअल कंट्रोल) पर बड़े स्तर पर जंग की तैयारी कर रहा है। पेंटागन की रिपोर्ट में बताया गया है कि चीन एलएसी पर अपने सैन्य जमावड़े को कम नहीं कर रहा है। बल्कि वह अपनी सैन्य क्षमता बढ़ा रहा है। चीन एलएसी के पास अंडरग्राउंड स्टोरेज सुविधा, सड़क, दोहरे इस्तेमाल वाले गांव, एयर फील्ड और हेलीपैड बना रहा है। चीन युद्ध के सभी डोमेन में अपनी सेना को सक्रिय रूप से आधुनिक बना रहा है। राष्ट्रपति शी जिनपिंग का लक्ष्य 2049 तक चीन की सेना को विश्व-स्तरीय बनाने का है। चीन ने 3,488 किलोमीटर लंबे एलएसी के पास अपनी सेना को 2023 में भी तैनात रखा।
चीन ने एलएसी के पश्चिमी क्षेत्र (लद्दाख) में शिनजियांग और तिब्बत सैन्य जिलों के डिवीजनों द्वारा समर्थित सीमा रेजिमेंटों को तैनात किया है। ये बल टैंक, तोपखाने, एयर डिफेंस मिसाइल और अन्य हथियारों से लैस हैं। इसके अतिरिक्त, चीन ने पूर्वी (सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश) और सेंट्रल (उत्तराखंड, हिमाचल) क्षेत्रों में लाइट-टू-मेडियम संयुक्त-आर्म्स ब्रिगेड (सीएबीएस) को तैनात किया है। चीन ने डोकलाम के पास भूमिगत भंडारण सुविधाएं तैयार की है। वह एलएसी के पास नई सड़कें बना रहा है। चीन ने भूटान में विवादित क्षेत्रों में नए गांव बसाए हैं। उसने पंगोंग झील पर दूसरा पुल तैयार किया है। इसके साथ ही हवाई अड्डे और कई हेलीपैड तैयार किए हैं।
दोनों देशों की सेनाएं लगभग तीन साल से आधुनिक शस्त्रों के साथ आमने-सामने हैं। भारत और चीन ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पार पूर्वी लद्दाख सेक्टर में 50,000 से अधिक सैनिकों को तैनात किया है। कई जगह तो वह बहुत ही नजदीक हैं। भारत चीन के बीच सीमा विवाद का कोई हल नहीं निकल रहा। सीमा पर तनाव होने के बावजूद शांति है। तीन साल पहले हुए गलवान घाटी संघर्ष के बाद 2022 में अरुणाचल के तवांग घाटी में कोई घटना नहीं हुई। यह सब बहुत ही अच्छा है। लेकिन चीन के इरादे कुछ और कहते हैं। उसकी तैयारी कुछ और इशारा करती हैं। हालांकि वह पहले भी कभी ऐसा पड़ौसी नहीं रहा, जिसका यकीन किया जा सके, जिस पर विश्वास किया जा सके। दूसरे अमेरिकी रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन की नई रिपोर्ट अब आई है किंतु सीमा के हालात से भारत वाकिफ नहीं होगा, ऐसा नहीं लगता। उसे भी सब पता होगा।
जो भी हो चीन की तैयारी हमें यह बताने के लिए काफी है, कि उसका कोई भरोसा नहीं किया जा सकता। दूसरे दुनिया की दो शक्तियां अमेरिका और रूस यूक्रेन में लगी हैं। अब अमेरिका इजराइल में फंस गया। दुनिया की तीसरी शक्ति चीन अभी शांति के साथ अपने को मजबूत करने में लगा है। उससे भारत के लिए सदा सचेत रहने और उससे युद्ध के लिए अपने को तैयार करने के लिए लगे रहना होगा। भारत का इसके लिए भी तैयार रहना होगा, कि चीन के साथ युद्ध की हालत में चीन का मित्र देश पाकिस्तान भी भारत के खिलाफ मोर्चा खोल सकता है। इसे देखते हुए एक साथ दो मोर्चों पर युद्ध के लिए तैयार करना होगा।
अब तक चीन का रवैया युद्ध करना नहीं, युद्ध का हौवा खड़ा करके सामने के देश पर दबाव बनाकर लाभ उठाना रहा है। किंतु इस बार वह अपनी इस रणनीति में कामयाब नहीं हो पा रहा। चीन ने भारत सीमा पर सेना बढ़ाई तो भारत ने भी सीमा पर सैना तैनात कर दी। इतना ही नहीं भारत ने आधुनिक तोप और लड़ाकू विमान भी तैनात कर दिए हैं। चीन से बात करने के लिए सामने वाले का मजबूत होना और सीना तान कर सामने खड़ा होना जरूरी है। आज भारत इस हालत में है। उसने स्पष्ट भी कर दिया है कि भारत अपने हितों की रक्षा के लिये तैयार है।
भारत को वर्तमान हालात में अपने को युद्ध के लिए, आने वाले युद्ध की चुनौती के लिए युद्ध स्तर पर अपने को तैयार करना होगा। हालांकि भारतीय सुरक्षा एजेंसियां इसमें लगातार लगी हैं। किंतु जरा सी चूक और लापरवाही देश को भारी पड़ सकती है।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं)