विकसित भारत का संकल्प

विकसित भारत का संकल्प
प्रो. रवीन्द्र नाथ तिवारी

भारत अपने अमृतकाल से गुजर रहा है, यह समृद्धि का काल है।अनुमान है कि 21वीं सदी भारत की सबसे समृद्ध सदी होगी क्योंकि राष्ट्र अपनी क्षमताओं से पूरी तरह अवगत होकर आत्मविश्वास से भविष्य की ओर आगे बढ़ रहा है। वर्तमान में, यह वैश्विक स्तर पर पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, और आईएमएफ के अनुमान के अनुसार, 2027 तक 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के सकल घरेलू उत्पाद के आंकड़े को पार करने का अनुमान है, जो दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगी। इसके अतिरिक्त, वर्ष 2047 तक, भारत संपन्न अर्थव्यवस्था के साथ-साथ एक विकसित राष्ट्र बनने की ओर अग्रसर है। देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रारंभ की जा रही 'विकसित भारत संकल्प यात्राÓ इस दिशा में अनुकरणीय एवं सराहनीय कदम है।

भारत ने आधारभूत संरचना और नीतियों में महत्वपूर्ण बदलाव किये हैं। व्यापक शिक्षा, विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के विस्तार और प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना जैसे विभिन्न कौशल विकास कार्यक्रमों जैसी नीतियों और पहलों के माध्यम से, सामाजिक और आर्थिक बुनियादी ढांचे में पर्याप्त वृद्धि हुई है। पिछले दशक में, विश्वविद्यालयों, कॉलेजों और स्टैंड अलोन संस्थानों की संख्या कई गुना बढ़ गई है, जिसके परिणामस्वरूप 1,113 विश्वविद्यालयों/ विश्वविद्यालय स्तर के संस्थानों, 43,796 कॉलेजों और 11,296 स्टैंडअलोन संस्थानों के साथ एक उच्च शिक्षा प्रणाली तैयार हुई है, जो 4.33 करोड़ छात्रों को शिक्षा प्रदान करती है। उच्च शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) लगातार बढ़कर 28.4 हो गया है। केंद्र सरकार द्वारा लागू की गई नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 भारत को शिक्षा के क्षेत्र में वैश्विक महाशक्ति बनाने में महत्वपूर्ण होगी। इसी तरह, स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में सभी पहलुओं में व्यापक विस्तार देखा गया है। 2022 तक 1,56,000 आयुष्मान भारत केंद्र थे जो निकटवर्ती समुदायों को प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान कर रहे थे। इसके अतिरिक्त, लगभग 13.97 लाख आंगनबाड़ी केंद्रों का विशाल नेटवर्क लगभग 10 करोड़ बच्चों को प्रारंभिक बचपन देखभाल और शिक्षा प्रदान करता है। शिशु मृत्यु दर (आईएमआर), मातृ मृत्यु दर (एमएमआर) और कम वजन वाले बच्चों के प्रतिशत जैसे प्रमुख स्वास्थ्य संकेतकों में महत्वपूर्ण गिरावट देखी गई है। 2018 में शुरू किए गए पोषण मिशन ने 10 करोड़ से अधिक महिलाओं और बच्चों को कवरेज प्रदान किया है। इसके अलावा, मिशन इंद्रधनुष के तहत मजबूत टीकाकरण कार्यक्रमों ने पूर्ण टीकाकरण कवरेज को 62 प्रतिशत से बढ़ाकर 81 प्रतिशत कर दिया है। इससे आगे बढ़ते हुए, स्वास्थ्य सेवा को वैश्विक स्तर पर ले जाना महत्वपूर्ण है।

ग्रामीण भारत में भी बदलाव आ रहा है। बिजली, स्वच्छ पेयजल, बैंक खाते, सड़कें, मोबाइल कनेक्टिविटी और विभिन्न सुविधाओं तक सार्वभौमिक पहुंच प्राप्त करने के निकट है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना और मनरेगा के माध्यम से भी गरीबों को सहायता प्राप्त हो रही है। प्रधानमंत्री आवास योजना सभी के लिए आवास सुनिश्चित कर रही है। भारत में मोबाइल फोन और इंटरनेट के उपयोग में व्यापक वृद्धि हुई है। यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) के लगभग 300 मिलियन उपयोगकर्ता हैं और प्रति माह लगभग 10 बिलियन लेनदेन होते हैं। सभी डिजिटल लेनदेन का 40 प्रतिशत से अधिक यूपीआई के माध्यम से हो रहा है। रेलवे प्रणाली ने क्षमता में सुधार किया है और वंदे भारत जैसी नई ट्रेनें प्रारंभ हुई हैं तथा बुलेट ट्रेन की महत्वाकांक्षी परियोजना में भी पूर्ण रूप ले रही है। अत्याधुनिक आधारभूत संरचनाओं का तीव्र गति से विस्तार बेहतर क्षमताओं का एक और उदाहरण है। राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क 60 प्रतिशत बढ़कर लगभग1,45,240 किलोमीटर हो गया है। हवाई अड्डों में शतप्रतिशत की वृद्धि हुई है।

विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में, भारत ने चंद्रयान और अन्य मिशनों के माध्यम से उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। सेवा उद्योग में हमारे आईटी और गैर-आईटी क्षेत्रों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्धि हासिल की है। भारत में युवाओं के पास अपार रचनात्मकता और नवाचार क्षमता है, और डिजिटल इंडिया और स्टार्टअप इंडिया जैसी सरकारी पहलों के साथ, वे नौकरी निर्माता बन रहे हैं। भारत अब 100 से अधिक यूनिकॉर्न का घर है, जिनकी कीमत लगभग340 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक है, जो इसे दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा यूनिकॉर्न पारिस्थितिकी तंत्र बनाता है। समावेशिता को प्राथमिकता देने वाले एक व्यापक शासन मॉडल के माध्यम से, लक्षित योजनाओं ने 2030 के सतत विकास लक्ष्यों को पार करते हुए 135 मिलियन लोगों को बहुआयामी गरीबी से बाहर निकाला है। इसके अतिरिक्त, जन धन खातों के माध्यम से वित्तीय समावेशन सुनिश्चित किया है। भारत का कोविड टीकाकरण कार्यक्रम विश्व में सबसे बड़ा टीकाकरण कार्यक्रम है। इसके अतिरिक्त, भारत एकमात्र ऐसा देश है जिसने अपनी पेरिस 2015 जलवायु प्रतिबद्धताओं को निर्धारित समय से नौ साल पहले पूरा कर लिया है।

ये सभी कारक प्रगति के वर्तमान क्षण को दर्शाते हैं जिसे सम्पूर्ण राष्ट्र अनुभव कर रहे हैं, जिसमें सबसे महत्वपूर्ण कारक हमारा जनसांख्यिकीय लाभांश है। 1.44 अरब की आबादी वाला भारत दुनिया के सबसे युवा देशों में से एक है, जहां औसत आयु 29 वर्ष है। यह वैश्विक युवा आबादी का लगभग 20 प्रतिशत प्रतिनिधित्व करता है। इस लाभांश का प्रभावी ढंग से उपयोग करके भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाकर विश्वगुरु बनने की ओर अग्रसर हो सकते हैं।

(लेखक भारतीय शिक्षण मण्डल महाकौशल प्रान्त अनुसंधान प्रकोष्ठ के प्रान्त प्रमुख हैं)

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