बीता हुआ साल बहुत कुछ सिखा गया

बीता हुआ साल बहुत कुछ सिखा गया
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गोवर्धन दास बिन्नाणी "राजा बाबू"

स्वदेश वेबडेस्क। वैसे तो बीते वर्ष 2020 में हमने मानसिक तनाव बहुत झेला है | यह मानसिक कष्ट कई कारणों से रहा जिसमें प्रमुख रहा चीन पाकिस्तान के साथ युद्ध का भय व कोरोना महामारी | परन्तु हम सभी यह भी जानते हैं कि हमारी सरकार ने चीन व पाकिस्तान दोनों पर अपना दबदबा बनाये रखा और कोरोना महामारी पर बहुत हद तक काबू भी पाने में सफल रही | लेकिन इन सभी के बीच बीता साल हमें बहुत कुछ सिखा के भी गया है और उस शिक्षा नें हमारी सोच व कार्य पद्धति में आमूल-चूल परिवर्तन कर दिया है | अब हम उस पर ही यहाँ संक्षेप में चर्चा करते हैं -

1] कोरोना के चलते जो लॉकडाउन लगा, उसमे सीमित संसाधनों में भी कैसे जी सकते हैं,सिखा दिया |

2] लॉकडाउन के दरमियान हम घर की चार दीवारी में रहने के लिए आवश्यक संयम का महत्व सीख गये |

3] बीते 2020 वाले साल ने हमें हर तरह की समस्या से संघर्ष करना भी सिखाया है |

4] इसी तरह इसी साल ने हमें स्वयं का काम स्वयं करना चाहिये ,के महत्व को बतला दिया |

5] सच में देखा जाए तो देश में हमारे आस-पास स्वच्छता - सफाई , जिसका सरकार पीछे कई वर्षों से अभियान चलाये हुए थी उसका सही अर्थों में महत्व इस बीते 2020 साल नें हमें सिखा दिया |

6] हम सभी बिना बाल कटाए, दाढ़ी बनवाये, मेकअप के बिना यानि बिना सैलून गए भी रह सकते हैं इसकी पुष्टि भी इसी बीते साल में देखने को मिल ही गयी |

7] वैसे तो हम सभी जानते ही हैं की सावधानी रखना कितनी जरूरी है लेकिन "सावधानी हटी और दुर्घटना घटी" का महत्व इस बीते साल में बखूबी मालूम पड़ा है |

8] इसी तरह एक दूसरे की मदद करना भी हमें बचपन से सिखाया गया है लेकिन इसका महत्व भी बहुत ही बढ़िया ढ़ंग से हमें इस बीते साल में सीखने को मिला है |

9] अन्न की कीमत क्या होती है इसका अनुभव भी हर स्तर के लोगों को देखने मिला है |

10] मानसिक संतुलन की आवश्यकता क्यों और इसे कैसे बनाये रखना है इसको भी हमनें अच्छी तरह से सीखा है |

11] इसी साल में हमने यह भी सीखा है कि घर के काम में सभी हाथ बंटाते हैं तो कितनी आसानी से सारे गृहकार्य निपट जाते हैं यानि घर के काम में हाथ बंटाना भी सीखा गया |

12] प्रकृति को सहेजना चाहिये यह तो सभी जानते हैं लेकिन उसके प्रभाव का प्रत्यक्ष अनुभव भी इसी बीते साल में हुआ है |

13] बीते साल में अमीरी-गरीबी का भेद जिस तरह से मिटा है यानि प्रकृति ने किसी से भेदभाव नहीं किया,वह भी एक अलग तरह का अनुभव हुआ है |

14] बीते साल नें यह भी अनुभव करा दिया कि सीमित लोगों के साथ कम खर्च में शादी सम्पन्न की जा सकती है |

15] इसी तरह बीते साल ने अंतिम संस्कार की पद्धति ही बदल कर रख दी जिससे यह स्पष्ट हो गया कि कम लोगों की उपस्थिति में भी अंतिम संस्कार हो सकता है |

16] किसी भी बीमारी से पार पाने में मानसिकता का अलग महत्व है | यही बात यानि आनेवाली किसी भी तरह की विपदा को मजबूती से निपटाने की मानसिक तैयारी कैसी हो यही हमें बीते साल में सीखने मिला है |

17] हम सभी प्रायः नित्य ही अपने अपने पूजा स्थल जाते हीं रहे हैं लेकिन कोरोना काल में पूजा स्थल बन्द हो जाने से बीते साल वाले समय ने उस सर्वशक्तिमान प्रभु का घर पर ही दर्शन, अर्चना करना सिखा दिया |

18] जो लोग समय अभाव के कारण पूजा अर्चना कर नहीं पाते थे उन्हें आध्यात्मिक चिंतन करना इसी बीते साल में सीखने मिला |

19] कृपया ध्यान दे लें बीता साल जीवन का सही मूल्य समझा कर विदा हो गया है |

20] बीते साल कोरोना के चलते शिक्षा संस्थान बन्द करने पड़े | उस समस्या से निपटने के लिये बीते साल वाले समय ने ऑनलाइन पढाई की ब्यवस्था से उस पर पार पाना सिखाया |

21] हम डिजिटल युग में रह रहे हैं लेकिन उसका सदुपयोग कर हम क्या क्या लाभ उठा सकते हैं , इस विषय को विस्तार से समझाया गया और लोगों ने उसका लाभ भी खूब उठाया |

22] समयाभाव के चलते या किसी भी कारण से जो लोग व्यायाम / योगाभ्यास नियमित नहीं करते थे उन्हें इसका महत्व गत वर्ष समझ में आ गया और तब से अब तक वो कर ही रहे हैं |

23 ]प्रायः आम लोग आयुर्वेदिक दवा को अहमियत नहीं देते थे लेकिन कोरोना के कारण बीते साल केवल आम लोग ही नहीं बल्कि ऐलोपेथिक डॉक्टर भी आयुर्वेदिक काढ़ा सभी को नियमित सेवन की सलाह भी दी और स्वयं भी लेना शुरू किया यानि हमारे वैदिक काल वाली दवा कितनी कारगर है ,यह सभी ने माना |

निष्कर्ष में यही बताना चाहता हूँ कि बीता साल 2020 ने हमारी सोच, व्यवहार , चिंतन को एक नयी अनूठी दिशा प्रदान की है | बीते साल ने हमे स्पष्टरूप से समझा दिया है कि सही सोच, हिम्मत और धैर्य से हम सभी प्रकार की मुसीबतों से राहत पा सकते हैं और इसी सोच अनुसार इस साल वैक्सीन के आ जाने पर यह सभी लाभर्थियों तक पहुँचाने में सरकार के साथ सहयोग कर अपनी सहभागिता निभानी है |

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