स्वस्थ जीवनशैली है योग
वेबडेस्क। 11 दिसंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मान्यता दी थी ।21 जून को 2015 में पहली बार विश्व योग दिवस मनाया गया था।इस बार कोरोना महामारी के चलते अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को घर में रहते हुए अपने परिवार के साथ योग करना है। अंतरराष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा संगठन आईएनओ और सूर्या फाउंडेशन इस वर्ष आयुष मंत्रालय के सहयोग से फेस बुक लाइव पेज के माध्यम से 21 जून को प्रात: 6:30 से 7:30 बजे तक देश के 427 जिलों के पांच लाख से अधिक परिवारों को कॉमन योगा प्रोटोकॉल के अनुसार योगाभ्यास कराएगा। आज यहां जानकारी प्रस्तुत है कि कोरोना व अन्य संक्रामक बीमारियों से बचने के लिए हम शरीर की इम्यून पावर यानि रोग प्रतिरोधक क्षमता योगासन के माध्यम से कैसे बढ़ाएं।
(दिनेश चाकणकर)
प्राणायाम मधुमेह के रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। खासतौर से, भ्रामरी और भस्रिका प्रणायाम तो मधुमेह रोगियों को जरूर करना चाहिए। इनके नियमित अभ्यास से स्ट्रेस लेवल कम होता है और शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ती है। भ्रामरी प्राणायाम करने के लिए पद्मासन में बैठ जाएं। अंगूठे से कान बंद करें और ऊपर की तीन उंगलियों को आंखों पर रखें। अब गहरी सांस लेते हुए गले से ओउम उच्चारण करें। भस्रिका प्रणायाम के लिए पद्मासन में बैठ जाएं। गहरी सांस लें और उसे जल्दी-जल्दी छोड़ें। इस प्रक्रिया में मुंह बंद रखें और सांस की सारी प्रक्रिया नाक से ही करें।
आशा है आप अब कुछ समय जरुर देंगे साथ ही इसे उन लोगों तक भी पहुंचाये जिनकी आपको फिक्र है।
अगर आपके पास सभी आसनों को करने का पूरा समय नहीं है तो रोज दो से तीन बार सूर्य नमस्कार अवश्य करें। सिर्फ इस आसन को करने से भी आप काफी हद तक इस रोग को नियंत्रित कर सकेंगे। इससे श्वास, पेट और प्रतिरोधी क्षमता को लाभ पहुंचता है।
सूर्य नमस्कार
सूर्य नमस्कार इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए सबसे अच्छा आसन माना जाता है। शुरुआत में आप इसे 3-4 बार कर सकते हैं। सूर्य नमस्कार करते समय श्वांस पर ध्यान देना जरूरी है। इस आसन से सूर्य से ऊर्जा तो मिलती ही है साथ ही इम्युनिटी भी बढ़ती है। भुजंगासन:
भुजंगासन रोग प्रतिरोधक क्षमता यानि इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए भुजंगासन करें। भुजंगासन सूर्य नमस्कार के आसनों का ही एक भाग है।त्रिकोणासन
त्रिकोणासन इम्यून सिस्टम मजबूत करने के लिए रामबाण है। त्रिकोणासन आपके खाने को पचाने में मददगार है। यह पेट से जुड़ी समस्याओं से भी राहत दिला सकता है।
ताड़ासन
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए सबसे बेहतर योगासन ताड़ासन को ही माना जाता है। आप इसे दिन में किसी भी समय कर सकते हैं। इससे डिप्रेशन और उच्च रक्तचाप में भी लाभ मिलता है।
उष्ट्रासन
उष्ट्रासन फेफड़ों को ज्यादा से ज्यादा ऑक्सीजन प्रदान करता है। इसके लिए सबसे पहले वज्रासन में बैठ जाएं। उसके बाद अपने कूल्हों को एडिय़ों पर टिकाकर ऊपर की ओर लाएं। अपने घुटनों के बीच एक से 2 इंच की जगह छोड़ें। अब श्वास भरते हुए अपने हाथों को धीरे धीरे पीछे की तरफ ले जाएं और अपनी एडिय़ों को पकडऩे की कोशिश करें। साथ ही साथ आपनी गर्दन को पीछे की तरफ से जाएं और आपने पेट और छाती आगे की तरफ फैला लें और पीछे जाते हुए सांसें छोड़ें। फिर गर्दन को ऊपर लाएं और हाथों को भी ऊपर तरफ ले जाएं। फिर वापस वज्रासन में बैठें। अगर आपको किसी तरह की घुटनों में कोई कठिनाई है तो यह आसन ना करें।