All England Open: भारतीय शटलरों के लिए ऑल इंग्लैंड ओपन बड़ा मौका, क्या इस बार आएगा खिताब?

All england open Badminton championships :ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन चैंपियनशिप आज से शुरू हो रही है, जहां दुनिया भर के शीर्ष खिलाड़ी खिताब के लिए जोरआजमाइश करेंगे। रोमांचक मुकाबलों की उम्मीद के साथ भारतीय शटलर भी अपनी चुनौती पेश करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। बता दें भारतीय शटलरों को चोट, स्वास्थ्य समस्याओं और खराब फॉर्म के चलते मंगलवार से शुरू हो रहे टूर्नामेंट में कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ेगा। एशियाई मिश्रित चैंपियनशिप से बाहर रहने के बाद पीवी सिंधू इस टूर्नामेंट के जरिए वापसी कर रही हैं।
वहीं, एचएस प्रणय और 2022 के फाइनलिस्ट लक्ष्य सेन को कठिन ड्रॉ मिला है। पिता के निधन के बाद सात्विकसाईराज रेंकीरेड्डी भी कोर्ट पर वापसी कर रहे हैं और अपने जोड़ीदार चिराग शेट्टी के साथ उतरेंगे। गौरतलब है कि 2001 के बाद से किसी भारतीय खिलाड़ी ने इस टूर्नामेंट में खिताब नहीं जीता है।
सिंधू बनाम किम: रोमांचक मुकाबले की तैयारी
29 वर्षीय पीवी सिंधू अपने पहले दौर के मुकाबले में कोरिया की गा यून किम का सामना करेंगी, जबकि अगले दौर में उनका मुकाबला चीन की हान यू से हो सकता है। पेरिस ओलंपिक से पहले चिकनगुनिया से जूझने के कारण एचएस प्रणय की रैंकिंग गिरकर 30वें स्थान पर पहुंच गई है। वह अपने अभियान की शुरुआत फ्रांस के टोमा जूनियर के खिलाफ करेंगे।
वहीं, सात्विकसाईराज रेंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की जोड़ी पहले दौर में डेनमार्क के डेनियल और मैड्स के खिलाफ उतरेगी। दूसरी ओर, त्रिशा जॉली और गायत्री गोपीचंद की जोड़ी ताइवान की शुओ और चियेन के खिलाफ अपना पहला मुकाबला खेलेगी।
जीत की राह पर लौटने को बेताब लक्ष्य
भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ियों ने ओलंपिक, विश्व चैंपियनशिप और अन्य बड़े टूर्नामेंटों में शानदार प्रदर्शन किया है, लेकिन ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन में अब तक कोई करिश्माई सफलता हासिल नहीं कर पाए हैं। पिछले दो वर्षों में त्रिशा जॉली और गायत्री गोपीचंद की जोड़ी महिला युगल के सेमीफाइनल तक पहुंची थी, जबकि लक्ष्य सेन भी पिछले साल सेमीफाइनल में पहुंचे थे।
हालांकि, इस साल लक्ष्य की फॉर्म चिंता का विषय बनी हुई है। वह अब तक दो टूर्नामेंटों के पहले दौर में हार चुके हैं, जबकि एक में दूसरे दौर से बाहर हो गए थे। इस बार अपने अभियान की शुरुआत में उन्हें जापान के कोकी वातानाबे की चुनौती का सामना करना होगा।
पादुकोण और गोपीचंद ने रचा था इतिहास
भारतीय खिलाड़ियों के लिए इस बार ऑल इंग्लैंड चैंपियनशिप की राह आसान नहीं होगी, क्योंकि सिंधू, लक्ष्य और प्रणय को कठिन ड्रॉ मिला है। अब तक भारत के लिए केवल दो ही खिलाड़ी इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में खिताब जीत पाए हैं यानि 1980 में प्रकाश पादुकोण और 2001 में पुलेला गोपीचंद। वहीं, 2015 में साइना नेहवाल और 2022 में लक्ष्य सेन उपविजेता रहे थे। भारतीय शटलरों के सामने इस बार 24 साल के खिताबी सूखे को खत्म करने की बड़ी चुनौती होगी।