VHT: ऑस्ट्रेलिया से लौटते ही मैदान पर धमाल, विजय हजारे ट्रॉफी में भारतीय खिलाड़ी की ताबड़तोड़ सेंचुरी...
Devdutt Padikkal century
Devdutt Padikkal century: ऑस्ट्रेलिया दौरे पर लंबे समय तक टीम इंडिया का हिस्सा रहे बाएं हाथ के बल्लेबाज देवदत्त पडिक्कल ने भारत लौटते ही बल्ले से धमाल मचा दिया है। ऑस्ट्रेलिया में अनऑफिशियल टेस्ट और फिर बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का हिस्सा रहे पडिक्कल को सीरीज में सीमित मौके मिले। रोहित शर्मा की वापसी के बाद उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया और वह केवल एक मैच खेल पाए। हालांकि, विजय हजारे ट्रॉफी में लौटते ही पडिक्कल ने शानदार प्रदर्शन किया। कर्नाटक और बड़ौदा के बीच खेले जा रहे क्वार्टर फाइनल में उन्होंने कर्नाटक के लिए ओपनिंग करते हुए ताबड़तोड़ शतक ठोक दिया।
देवदत्त पडिक्कल की धमाकेदार वापसी,शानदार शतकीय पारी से खोला खाता
ऑस्ट्रेलिया दौरे से लौटने के बाद, देवदत्त पडिक्कल ने विजय हजारे ट्रॉफी में कर्नाटक और बड़ौदा के बीच खेले गए क्वार्टर फाइनल मुकाबले में बेहतरीन प्रदर्शन किया। 11 जनवरी को हुए इस मैच में, कर्नाटक की ओर से ओपनिंग करने उतरे पडिक्कल ने अपने गुस्से और जज्बे को बल्ले से जाहिर किया। उन्होंने सिर्फ 92 गेंदों में सेंचुरी पूरी की और कुल 99 गेंदों में 102 रन बनाए। इस पारी में उन्होंने 15 चौके और 2 छक्के लगाए।
ऑस्ट्रेलिया में सीमित मौके, विजय हजारे में लाजवाब प्रदर्शन
ऑस्ट्रेलिया दौरे पर, पडिक्कल ने अनऑफिशियल टेस्ट मैचों में कुछ महत्वपूर्ण पारियां खेली थीं। हालांकि, पर्थ टेस्ट में प्रदर्शन उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा। पहली पारी में शून्य और दूसरी पारी में केवल 25 रन बनाने के बाद, रोहित शर्मा की वापसी से उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया। भारत लौटने के बाद, उन्होंने विजय हजारे ट्रॉफी में खुद को साबित करते हुए धमाकेदार वापसी की।
शुरुआत दमदार, लेकिन कर्नाटक का संघर्ष जारी
कर्नाटक ने 31 ओवर में 2 विकेट खोकर 172 रन बनाए और शानदार शुरुआत की। हालांकि, पडिक्कल के आउट होने के बाद टीम लड़खड़ा गई। लगातार अंतराल पर विकेट गिरने से कर्नाटक की पारी कमजोर होती चली गई। टीम ने 50 ओवर में 8 विकेट खोकर कुल 281 रन बनाए, लेकिन अपनी मजबूत शुरुआत का पूरा फायदा नहीं उठा सकी।
बड़ौदा के खिलाफ कर्नाटक की चुनौती
क्रुणाल पंड्या की कप्तानी वाली बड़ौदा और मयंक अग्रवाल की अगुवाई वाली कर्नाटक के इस मुकाबले में पडिक्कल ने अपनी छाप छोड़ी। हालांकि, टीम को बड़े स्कोर तक पहुंचाने में नाकामी मिली। इस प्रदर्शन के बावजूद, पडिक्कल का शतक कर्नाटक की उम्मीदों को जिंदा रखने में अहम साबित हुआ।