Football: छेत्री की वापसी ने बदली मैच की तस्वीर! रिटायरमेंट से लौटते ही दागा 95वां गोल, भारत ने मालदीव को बुरी तरह हराया...

India vs Maldives Football
India vs Maldives Football: भारतीय फुटबॉल में सुनील छेत्री की अहमियत किसी परिचय की मोहताज नहीं है। पिछले डेढ़ दशक में उन्होंने अपनी मेहनत और प्रदर्शन से भारतीय टीम का सबसे भरोसेमंद चेहरा बनकर दिखाया है। अगर अब भी किसी को उनके योगदान पर शक था, तो उन्होंने एक बार फिर अपने दमदार कमबैक से वह भी दूर कर दिया। इंटरनेशनल फुटबॉल से संन्यास लेने के करीब एक साल बाद जब छेत्री मैदान पर लौटे, तो उन्होंने पहले ही मैच में गोल दागकर यह साबित कर दिया कि उम्र सिर्फ एक नंबर है। मालदीव के खिलाफ उनके इस गोल की बदौलत भारत को करीब 500 दिनों बाद जीत नसीब हुई।
छेत्री ने पिछले साल जून में अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल से संन्यास की घोषणा की थी। उस समय भी भारतीय टीम मुश्किल दौर से गुजर रही थी और उनके जाने के बाद स्थिति और भी खराब हो गई। ऐसे समय में जब एएफसी एशियन चैंपियनशिप क्वालीफायर में भारत के लिए चुनौतियां बढ़ने लगीं, छेत्री ने वापसी का फैसला करके सबको चौंका दिया। उनकी उम्र को लेकर सवाल उठ रहे थे, क्या वह 40 की उम्र में भी वही प्रदर्शन दोहरा पाएंगे? अब उन्होंने अपने खेल से इन सभी सवालों के जवाब दे दिए हैं और एक बार फिर खुद को भारतीय फुटबॉल का सबसे भरोसेमंद खिलाड़ी साबित कर दिया है।
भारतीय फुटबॉल टीम का इंतजार हुआ खत्म
क्वालीफायर मैच से पहले भारतीय फुटबॉल टीम ने बुधवार 19 मार्च को मालदीव के खिलाफ एक दोस्ताना मैच खेला। शिलांग में हुए इस मैच के जरिए सुनील छेत्री ने टीम में वापसी की और उन्होंने अपने प्रदर्शन से सभी को प्रभावित किया। भारत ने इस मैच में मालदीव को 3-0 से हराया। यह जीत इसलिए भी खास रही क्योंकि टीम इंडिया को लंबे समय बाद सफलता मिली है। बता दें भारत ने 489 दिनों के लंबे इंतजार के बाद कोई मैच जीता है। इससे पहले टीम ने जुलाई 2023 में सैफ चैंपियनशिप का फाइनल जीता था जो उसकी आखिरी जीत थी।
छेत्री ने दागा 95वां इंटरनेशनल गोल
इस मुकाबले में भारत की ओर से पहला गोल राहुल भेके ने 34वें मिनट में किया। वहीं 66वें मिनट में लिस्टन कोलाको ने बढ़त को 2-0 कर दिया। लेकिन भारतीय फैंस के लिए सबसे खास पल 76वें मिनट में आया, जब सुनील छेत्री ने शानदार गोल करके जीत की मुहर लगा दी। नीली जर्सी में उन्हें एक बार फिर गोल करते देखना फैंस के लिए किसी सपने के सच होने जैसा था। यह छेत्री के करियर का 95वां इंटरनेशनल गोल था। उनकी रफ्तार और मैदान पर वही पुराना आत्मविश्वास देखकर साफ हो गया कि इस उम्र में भी उनका कारनाम कम नहीं हुआ है। इस जीत से भारतीय टीम का मनोबल भी बढ़ा है।