बीसीसीआई ने आईपीएल 2020 की टाइटल स्पॉन्सरशिप की नीलामी के लिए कंपनियों को दिया न्योता

बीसीसीआई ने आईपीएल 2020 की टाइटल स्पॉन्सरशिप की नीलामी के लिए कंपनियों को दिया न्योता
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नई दिल्ली। बीसीसीआई ने सोमवार को कोरोना वायरस की वजह से यूएई में होने वाले आईपीएल 2020 के टाइटल स्पॉन्सरशिप के लिए कंपनियों को इनवाइट किया है। आईपीएल संयुक्त अरब अमीरात में 19 सितंबर से 10 नवंबर के बीच शारजाह, दुबई और अबुधाबी में खेला जाएगा और बोर्ड को इसका आयोजन आयोजन संयुक्त अरब अमीरात में कराने के लिए केंद्र सरकार से औपचारिक मंजूरी भी मिल गई है। लीग के चेयरमैन बृजेश पटेल ने सोमवार को यह जानकारी दी है। इसके साथ उन्होंने यह भी कहा कि टूर्नामेंट के नए टाइटल प्रायोजक की घोषणा 18 अगस्त तक हो जाएगी। इच्छुक कंपनियों को बोली जमा करने के लिए सात दिन का समय दिया जाएगा।

जो भी कंपनी आईपीएल के टाइटल स्पॉन्सरशिप के अधिकार अपने नाम करेगी, उसे 18 अगस्त 2020 से लेकर 31 दिसम्बर 2020 के लिए यह अधिकार मिलेंगे। इसके साथ ही बीसीसीआई ने इस बात पर भी जोर दिया है कि संबंधित कंपनी का टर्नओवर 300 करोड़ से अधिक का होना चाहिए। बीसीसीआई के मुताबिक, जो भी पार्टी या कंपनी इस बोली के लिए इंटरेस्ट दिखाती है, वो 14 अगस्त शाम 5 बजे तक बोर्ड को सूचित कर दे।

बता दें कि चीनी मोबाइल कंपनी वीवो से करार टूटने के बाद बीसीसीआई को प्रायोजन तलाशने में भी दिक्कत हो रही है। यह 440 करोड़ रूपये का करार था जो भारत और चीन के सैनिकों के बीच सीमा पर हुई हिंसक झड़प के कारण चीनी उत्पादों और कंपनियों के बहिष्कार की मांग के बीच इस साल के लिए रद्द कर दिया गया है। बाबा रामदेव की पतंजलि ने नया टाइटल प्रायोजक बनने में रुचि दिखाई है। पटेल ने कहा कि वीवो का अलग होना कोई झटका नहीं है। कई कंपनियां पहले ही रुचि दिखा चुकी है। चाहे भारतीय कंपनी हो या विदेशी, जो सबसे ज्यादा बोली लगाएगी उसे ही अधिकार मिलेंगे। पूरी प्रक्रिया 18 अगस्त तक पूरी हो जाएगी।

पतंजलि के प्रवक्ता एस के तिजारावाला ने कहा कि हम आईपीएल को इस साल प्रायोजित करने की सोच रहे हैं, ताकि पतंजलि को ग्लोबल मार्केट मिल सके। वहीं ब्रांड रणनीतिकार हरीश बिजूर ने कहा, 'आईपीएल के छोटे प्रायोजक होने से आईपीएल से ज्यादा पतंजलि का फायदा होगा। राष्ट्रीय नजरिये से भी यह उनके लिए उपयोगी होगा, क्येंकि भारत में इस समय चीन विरोधी लहर चल रही है।' टाइटल प्रायोजन आईपीएल के व्यवसायिक राजस्व का अहम हिस्सा है, जिसका आधा भाग सभी आठों फ्रेंचाइजी में बराबर बराबर बांटा जाता है। वीवो ने 2018 से 2022 तक पांच साल के लिए 2190 करोड़ रुपये में (प्रत्येक वर्ष 440 करोड़ रुपए) आईपीएल टाइटल प्रायोजन अधिकार हासिल किए थे। अगले साल वीवो मुख्य प्रायोजक के रूप में लौट सकती है।

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