टी-20 विश्वकप में 'टॉस' बना 'बॉस'
टी-20 विश्वकप 2021 के राउंड रॉबिन आधार में इस समय लगभग आधे मैच खेले जा चुके हैं। इसमें क्रिकेट का रोमांच अपने चरम पर है। अभी तक कुछ बड़ी टीमों और कुछ बड़े खिलाडिय़ों ने बेहद निराश किया है तो कुछ नए सितारे उभरे हैं और उन्होंने उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन किया है। किसी ने भी नहीं सोचा होगा कि इंग्लैण्ड के सामने अपने पहले ही मैच में पूर्व चैम्पियन वेस्टइंडीज मात्र 55 रन पर सिमट जाएगी। वहीं पूरी दुनिया के क्रिकेट प्रेमियों की बात करें तो 15 से 17 प्रतिशत को छोड़कर किसी ने भी नहीं सोचा होगा कि विश्वकप जैसी प्रतियोगिता में पांच बार हरा चुकी भारतीय टीम पाकिस्तान से पराजित हो जाएगी।
विश्वकप की शुरुआत में सट्टा बाजार ने जिन टीमों पर दांव लगाया था। वह टीमें उम्मीदों पर उतनी खरी नहीं उतरी, जितनी उनसे उम्मीद की जा रही थी। रविवार को न्यूजीलैंड से मिली हार के बाद भारतीय टीम को सेमीफाइल की दौड़ से लगभग बाहर हो गई है। जबकि सट्टा बाजार में भारत के अलावा पूर्व चैम्पियन वेस्टइंडीज को इस विश्वकप का दावेदार बताया जा रहा था। और अब दोनों ही टीमों की सेमीफाइनल की उम्मीदें लगभग खत्म हो गईं हैं। न ही भारत और पूर्व चैम्पियन वेस्टइंडीज के खिलाडिय़ों के खेल में कोई अंतर आया है और न ही रणनीति में कोई टीम कमजोर दिखीं। बल्कि पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम की जीत का प्रतिशत देखें तो यह कहना गलत नहीं होगा कि इस विश्वकप में अब तक 'टॉस' ही 'बॉस' साबित हुआ है। टॉस की जीत में अहम भूमिका नजर आ रही है। हो यह रहा है कि टीमें टॉस जीतने के बाद पहले गेंदबाजी कर रही हैं और अधिकतर लक्ष्य का पीछा करने वाली टीमें ही जीत रही हैं। 16 मैचों में से 14 मैचों में लक्ष्य का पीछा करने वाली टीमें ही जीती हैं। पहले बल्लेबाजी करते हुए सिर्फ अफगानिस्तान की टीम ने ही दोनों मैचों में जीत हांसिल की है। वो भी अपने से कम रैंकिंग वाली टीमों को हराया है।
धीमी पिच पर पहले बल्लेबाजी करना मुश्किल मैच चाहे अबुधाबी में हो या शारजाह में या दुबई की धीमी पिचों के कारण ही पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम यह समझ ही नहीं पा रही है कि कितना लक्ष्य रखा जाए, जिसे बचाया जा सके। इसी हड़बड़ाहट में पहले बल्लेबाजी करने वाली टीमें विपक्षी टीम को एक अच्छा लक्ष्य देने में नाकाम साबित हो रही हैं। पहले बल्लेबाजी करते हुए बड़ा लक्ष्य तय करने में सभी टीमों को मुश्किल हो रही है। इन 16 मैचों में सिर्फ दो में पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम 170 रन से अधिक बना सकीं हैं।
ओस गिरने से बाद में बल्लेबाजी आसान यूएई में अक्टूबर माह के आखिर से रात में काफी ओस गिरती है। इससे गेंदबाजों को गेंद पर ग्रिप बनाने में मुश्किल होती है और बल्लेबाजी आसान हो जाती है। इसका लाभ बाद में बल्लेबाजी करने वाली टीम को मिलता है।