सरदार सिंह ने अंतरराष्ट्रीय हॉकी से लिया संन्यास
नई दिल्ली। हॉकी इंडिया ने शुक्रवार को भारतीय हॉकी में लंबे योगदान के लिए पूर्व भारतीय कप्तान सरदार सिंह को बधाई दी है। खेल रत्न से नवाजे गए 32 वर्षीय सरदार सिंह ने 12 साल के लंबे कैरियर के बाद बुधवार को अंतरराष्ट्रीय हॉकी से संन्यास ले लिया है।
उन्हें हॉकी का एक सच्चा दूत बताते हुए हॉकी इंडिया के अध्यक्ष राजिंदर सिंह ने कहा कि सबसे अच्छे और बुरे समय में सरदार सिंह ने दृढ़ संकल्प का उदाहरण दिया है। एक खिलाड़ी के रूप में उनके गुण और समर्पण ने उन्हें खेल का एक असली दूत बनाया है।
सिंह ने कहा कि सरदार ने युवाओं को अपने प्रदर्शन और कप्तान के रूप में प्रेरित किया है। उन्होंने 2014 एशियाई खेलों में टीम का शानदार नेतृत्व किया था और चैम्पियन बनाया था। वह विश्व रैंकिंग में भारतीय हॉकी के पुनरुत्थान और उन्नयन का हिस्सा रहे हैं। इस खेल में उनके योगदान की सराहना की जाएगी। हॉकी इंडिया उनकी उपलब्धियों के लिए उन्हें बधाई देता है और उन्हें अपने भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं देता है।
सरदार ने भारतीय टीम के जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वह वर्ष 2010 और 2014 में राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक, वर्ष 2007 और 2017 एशिया कप में स्वर्ण पदक व वर्ष 2013 में रजत पदक, वर्ष 2014 में एशियन खेलों में स्वर्ण पदक,वर्ष 2015 में रायपुर में हुए विश्व लीग फाइनल में कांस्य पदक व वर्ष 2011 में चैम्पियन चैलेंज में रजत पदक,एफआईएच चैम्पियन ट्रॉफी 2018 में रजत पदक और एशियन खेल 2018 में कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा रहे।
हरियाणा के सिरसा जिले के संत नगर में जन्मे सरदार ने अपना पहला अंतरराष्ट्रीय मैच जूनियर राष्ट्रीय टीम के लिए वर्ष 2003-04 में पोलैंड दौरे पर खेला था। उन्होंने वरिष्ठ राष्ट्रीय टीम के लिए वर्ष 2006 में पाकिस्तान के खिलाफ अपना पहला अंतरराष्ट्रीय मैच खेला था। वर्ष 2008 में उन्होंने सुल्तान अजलान शाह कप में भारत की कप्तानी की थी।