नीरज ने बताया ओलंपिक में मिली सफलता का राज, कहा - ये घटना बनी करियर का महत्वपूर्ण मोड़
नईदिल्ली। भारतीय भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा ने मंगलवार को कहा कि राष्ट्रीय शिविर में शामिल होना उनके खेल करियर का महत्वपूर्ण मोड़ था। नीरज चोपड़ा टोक्यो ओलंपिक में ट्रैक और फील्ड में स्वर्ण जीतने वाले देश के पहले खिलाड़ी बन गए। उन्होंने ओलंपिक में 87.58 मीटर की दूरी का भाला फेंकर इतिहास रच दिया था।
नीरज ने एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एएफआई) द्वारा आयोजित सम्मान कार्यक्रम में कहा,"जब मुझे राष्ट्रीय खेल 2015-16 के बाद राष्ट्रीय शिविर के लिए चुना गया तो यह मेरे खेल करियर का एक महत्वपूर्ण मोड़ था। इससे पहले मैं खुद खाना बनाता था, हमने ठीक से प्रशिक्षण लिया लेकिन अच्छी सुविधाएं मुझे प्रशिक्षण शिविर में आने के बाद ही मिलीं।उन्होंने कहा, "मुझे अपने वरिष्ठ एथलीटों को देखकर प्रेरणा मिलती थी। देशों में सर्वश्रेष्ठ एथलीटों के बीच प्रशिक्षण की एक अलग भावना थी। मैंने बस कड़ी मेहनत की और परिणाम यहां है।"
दिल्ली में हुआ भव्य स्वागत -
नई दिल्ली में इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचने पर समर्थकों ने नीरज चोपड़ा का जोरदार और भव्य स्वागत किया।स्टार एथलीट ने कहा कि जब उन्होंने स्वर्ण पदक जीता तो उन्हें विश्वास नहीं हुआ क्योंकि प्रतियोगिता काफी कठिन थी।नीरज ने कहा, "हर एथलीट ओलंपिक में पदक जीतने का सपना देखता है, मैंने स्वर्ण जीता और मुझे विश्वास नहीं हो रहा था क्योंकि प्रतियोगिता काफी कठिन थी और कई अच्छे थ्रोअर थे लेकिन मैंने अच्छा प्रदर्शन किया और स्वर्ण पदक जीता।"
मैं एक सपना जी रहा था -
उन्होंने कहा,"मैंने सोचा था कि मैं एक सपना जी रहा था, लेकिन जब मैं अपना पदक देखता हूं तो मुझे एहसास होता है कि 'हां मैंने ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीता है'। जब मैं भारत वापस आया, तो मुझे एहसास हुआ कि मैंने लोगों से सम्मान पाने के लायक कुछ किया है।उन्होंने कहा "मैं एएफआई, साई, टॉप्स, भारतीय सेना और मेरे प्रायोजक जेएसडब्ल्यू स्पोर्ट्स को धन्यवाद देता हूं जिन्होंने हर बार मेरी मदद की और उनके योगदान के कारण ही मैं यहां हूं।"