घरेलू क्रिकेट के परफ़ॉर्मेंस को नजरअंदाज: विजय हजारे ट्रॉफी में रनों का तूफान,फिर भी टीम इंडिया के दरवाजे बंद...
Team India Selection
Domestic Cricket: BCCI ने हाल ही में खिलाड़ियों के लिए नई गाइडलाइन्स जारी की हैं, जिनमें घरेलू क्रिकेट को प्राथमिकता देने की बात कही गई है। सवाल यह है कि खिलाड़ी घरेलू क्रिकेट को गंभीरता से क्यों लें, जब इसका प्रदर्शन टीम इंडिया में चयन का मानदंड ही नहीं बनता?
अगर घरेलू क्रिकेट के प्रदर्शन का महत्व होता, तो विजय हजारे ट्रॉफी 2024-25 में शीर्ष पांच रन बनाने वाले खिलाड़ियों में से किसी एक को इंग्लैंड सीरीज या चैंपियंस ट्रॉफी के लिए भारतीय टीम में जगह मिलती। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन करने वाले इन बल्लेबाजों को चयनकर्ताओं ने नजरअंदाज कर दिया। यह सवाल खड़ा करता है कि घरेलू क्रिकेट को महत्व देने की बात कितनी व्यवहारिक है, जब इसका प्रदर्शन राष्ट्रीय टीम में जगह पाने का आधार नहीं बनता।
घरेलू क्रिकेट के सितारे अनदेखे
विजय हजारे ट्रॉफी 2024-25 में शानदार प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को नजरअंदाज कर भारतीय चयन प्रक्रिया पर सवाल खड़े हो रहे हैं। करुण नायर, मयंक अग्रवाल, सिधेश वीर, प्रभसिमरन सिंह और ध्रुव शोरे जैसे बल्लेबाजों ने रन बनाने में झंडे गाड़े, लेकिन उन्हें इंग्लैंड सीरीज और चैंपियंस ट्रॉफी के लिए भारतीय टीम में जगह नहीं मिली।
करुण नायर: सबसे ज्यादा रन, फिर भी नजरअंदाज
विदर्भ के कप्तान करुण नायर ने इस टूर्नामेंट में 8 पारियों में 779 रन बनाए, जिसमें 5 शतक शामिल रहे। उनका औसत 389.5 रहा, जो इस टूर्नामेंट में अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था। इसके बावजूद चयनकर्ताओं ने उन्हें टीम इंडिया में मौका नहीं दिया।
मयंक अग्रवाल: कप्तानी के साथ दमदार प्रदर्शन
कर्नाटक के कप्तान मयंक अग्रवाल ने 10 पारियों में 93 की औसत से 651 रन बनाए, जिसमें लगातार तीन शतक शामिल थे। यह निरंतरता और फॉर्म के बावजूद उनकी अनदेखी की गई।
सिधेश वीर, प्रभसिमरन और ध्रुव शोरे भी छूटे
महाराष्ट्र के सिधेश वीर ने 9 पारियों में 520 रन (औसत 86.66) बनाए, जबकि पंजाब के प्रभसिमरन सिंह ने 8 पारियों में 498 रन (औसत 83) और 3 शतक लगाए। ध्रुव शोरे ने विदर्भ के लिए क्वार्टर फाइनल, सेमीफाइनल और फाइनल में लगातार 3 शतक जड़ते हुए 494 रन बनाए। इन सभी का प्रदर्शन चयनकर्ताओं का ध्यान खींचने के लिए काफी था, लेकिन उन्हें मौका नहीं मिला।
BCCI की चयन प्रक्रिया पर उठे सवाल
BCCI और चयनकर्ता हमेशा घरेलू क्रिकेट में प्रदर्शन को टीम इंडिया में चयन का आधार बताते हैं, लेकिन विजय हजारे ट्रॉफी में शानदार प्रदर्शन के बावजूद किसी भी खिलाड़ी को मौका नहीं दिया गया। यह स्थिति खिलाड़ियों को घरेलू क्रिकेट की अहमियत पर सवाल उठाने के लिए मजबूर कर रही है।
अब सभी की नजरें रणजी ट्रॉफी पर हैं। क्या यहां अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को इंग्लैंड दौरे के लिए टीम इंडिया में जगह मिलेगी? या फिर घरेलू क्रिकेट के प्रदर्शन को एक बार फिर नजरअंदाज किया जाएगा?