World Boxing Cup: विश्व मुक्केबाज़ी कप में भारत का शानदार प्रदर्शन, छह पदकों के साथ अभियान समाप्त...

छह पदकों के साथ अभियान समाप्त
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छह पदकों के साथ अभियान समाप्त

World Boxing Cup: ब्राजील के फोज डू इगुआकू में आयोजित वर्ल्ड बॉक्सिंग कप में भारत ने अपने पहले ही अभियान में शानदार प्रदर्शन करते हुए कुल छह पदक अपने नाम किए। इस ऐतिहासिक टूर्नामेंट में भारत ने विश्व मुक्केबाजी द्वारा आयोजित किसी शीर्ष स्तरीय अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में पहली बार हिस्सा लिया।

भारतीय मुक्केबाजों के इस प्रदर्शन में सबसे खास रहा हितेश का स्वर्ण पदक, जिसने देश के लिए गौरव का क्षण रचा। यह प्रदर्शन भारतीय मुक्केबाजी के बढ़ते स्तर को दर्शाता है और अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की मजबूत उपस्थिति का भी संकेत देता है।

हितेश ने विश्व मुक्केबाजी कप में भारत को दिलाया पहला स्वर्ण

भारतीय मुक्केबाज हितेश ने इतिहास रचते हुए वर्ल्ड बॉक्सिंग कप में गोल्ड मेडल जीतने वाले पहले भारतीय बनकर देश का नाम रोशन किया। 70 किग्रा वर्ग के फाइनल में उनके प्रतिद्वंद्वी, इंग्लैंड के ओडेल कामारा चोटिल होने के कारण मुकाबले में शामिल नहीं हो सके, जिससे हितेश को विजेता घोषित किया गया। वहीं 65 किग्रा वर्ग में भारत के अभिनाश जामवाल ने भी शानदार प्रदर्शन करते हुए फाइनल तक का सफर तय किया।

हालांकि, उन्हें ब्राजील के यूरी रेइस के खिलाफ कड़ी टक्कर देने के बावजूद रजत पदक से संतोष करना पड़ा। भारतीय मुक्केबाज़ों का यह प्रदर्शन देश के लिए गर्व का विषय है।

हितेश ने बताया सफलता का राज

स्वर्ण पदक जीतने वाले भारतीय मुक्केबाज हितेश ने अपने शानदार प्रदर्शन का श्रेय टूर्नामेंट से पहले ब्राजील में आयोजित 10 दिवसीय तैयारी शिविर को दिया। उन्होंने कहा कि इस कैंप ने उन्हें और पूरी टीम को बहुत मदद पहुंचाई।

हितेश ने बताया, "शिविर ने मुझे कुछ रणनीतिक बारीकियां सीखने में मदद की, जिससे प्रतियोगिता के दौरान मेरा आत्मविश्वास बढ़ा। यह टूर्नामेंट हमारे लिए एक उच्च स्तर का अनुभव था और मुझे खुशी है कि मैं भारत के लिए गोल्ड मेडल जीत सका।"

चार भारतीय मुक्केबाज़ों ने दिलाए कांस्य

चार भारतीय मुक्केबाजों, जादुमणि सिंह मंदेंगबाम (50 किग्रा), मनीष राठौड़ (55 किग्रा), सचिन (60 किग्रा) और विशाल (90 किग्रा) ने विश्व मुक्केबाजी कप में शानदार प्रदर्शन करते हुए कांस्य पदक जीते। भारत ने इस प्रतियोगिता में 10 सदस्यीय टीम उतारी थी, जो पेरिस ओलंपिक के बाद टीम का पहला बड़ा अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट था। इस दमदार प्रदर्शन से निश्चित रूप से भारतीय मुक्केबाजों का आत्मविश्वास बढ़ेगा और इससे उन्हें 2028 लॉस एंजिल्स ओलंपिक की तैयारी के लिए मजबूत आधार मिलेगा।

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