आईआईटी इंदौर के उज्जैन सैटेलाइट परिसर को मिली सैद्धांतिक स्वीकृति

आईआईटी इंदौर के उज्जैन सैटेलाइट परिसर को मिली सैद्धांतिक स्वीकृति
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- आईआईटी दिल्ली के सहयोग से कौशल उन्नयन नवाचारों का शुभारंभ करेंगे केंद्रीय मंत्री प्रधान

भोपाल (Bhopal)। उज्जैन के सैटेलाइट परिसर (Satellite Campus of Ujjain) को सैद्धांतिक सहमति मिल गई है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (Chief Minister Dr. Mohan Yadav) ने गुरुवार को नई दिल्ली प्रवास के दौरान केंद्रीय शिक्षा व कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (Union Minister of Education, Skill Development and Entrepreneurship Dharmendra Pradhan) से उनके निवास पर भेंट कर शिक्षा और कौशल विकास से संबंधित विभिन्न विषयों पर विस्तृत चर्चा की। मुख्यमंत्री डॉ यादव ने बताया कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, इंदौर द्वारा उज्जैन में सैटेलाइट परिसर स्थापित करने की परियोजना तैयार कर वर्ष 2023 में शिक्षा मंत्रालय को स्वीकृति के लिये भेजी गई थी।

उन्होंने बताया कि उज्जैन सैटेलाइट परिसर एक महत्वपूर्ण परियोजना है, जिससे पूरे भारत और विशेष रूप से मध्य प्रदेश के छात्रों, शिक्षकों और औद्योगिक कर्मियों को लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री डॉ यादव ने केंद्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान को जानकारी दी कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली द्वारा मध्य प्रदेश में चार फ्यूचर स्किल कोर्स चलाए जा रहे हैं।

उन्होंने बताया कि महिला पॉलिटेक्निक कॉलेज, भोपाल में ऑगमेंटेड रियलिटी/वर्चुअल रियलिटी (एआर/वीआर), जबलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज में इंटरनेट आफ थिंग्स (आईओटी) और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) तथा उज्जैन इंजीनियरिंग कॉलेज में ब्लाकचैन कोर्स स्थापित किए गए हैं जो कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय की संकल्प योजना के अंतर्गत चलाए जा रहे हैं। प्रत्येक कोर्स में राज्य के एक हजार युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा है।

मुख्यमंत्री डॉ यादव ने बताया कि राज्य द्वारा स्थापित संत शिरोमणि रविदास ग्लोबल स्किल पार्क में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली द्वारा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तथा ऑगमेंटेड रियलिटी/वर्चुअल रियलिटी के क्षेत्र में सेंटर आफ एक्सीलेंस स्थापित किया जा रहे हैं। उन्होंने जानकारी दी कि संत शिरोमणि रविदास ग्लोबल स्किल पार्क में संचालित किए जाने वाले कोर्स में तकनीकी सलाहकार के रूप में आईटीई, सिंगापुर के स्थान पर अब भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली को तकनीकी सलाहकार बनाए जाने का भी निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री डॉ यादव ने केंद्रीय मंत्री प्रधान का इन सभी नवाचारों में सहयोग प्रदान करने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने धर्मेन्द्र प्रधान को इन कौशल उन्नयन नवाचारों के शुभारंभ के लिए मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया। केंद्रीय मंत्री प्रधान ने आमंत्रण सहर्ष स्वीकार किया।

असीरगढ़ किले में बनेगा वीर सुरेंद्र साईं का स्मारक

बैठक के दौरान केंद्रीय मंत्री प्रधान ने मुख्यमंत्री डॉ यादव को उड़ीसा के महान स्वतंत्रता सेनानी वीर सुरेन्द्र साईं के बारे में अवगत कराया, जिन्होंने असीरगढ़ किले के कारावास में लगभग 35 साल से अधिक समय गुजारा था। मुख्यमंत्री डॉ यादव ने केंद्रीय मंत्री को आश्वासन दिया कि राज्य सरकार द्वारा शीघ्र ही असीरगढ़ किले में स्वतंत्रता सेनानी वीर सुरेंद्र साईं की प्रतिमा स्थापित कर उनके सम्मान में स्मारक बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि इस स्मारक से मध्य प्रदेश और उड़ीसा राज्यों के सांस्कृतिक संबंध मधुर और प्रगाढ़ होंगे।

इससे पहले मुख्यमंत्री डॉक्टर यादव ने केंद्रीय मंत्री प्रधान को पुष्पगुच्छ और अंगवस्त्र भेंट कर अभिवादन किया। प्रधान ने भी मुख्यमंत्री डॉ यादव को अंगवस्त्र भेंट किया।।

केन्द्रीय वित्त मंत्री से मिले मप्र के मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गुरुवार को नई दिल्ली प्रवास के दौरान केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से उनके निवास पर शिष्टाचार भेंट की। इस दौरान उन्होंने प्रदेश की वित्तीय स्थिति और प्रबंधन से संबंधित विविध विषयों पर विस्तार से चर्चा की।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारमण से प्रदेश की विधानसभा के आगामी सत्र में प्रस्तुत किए जाने वाले बजट के लिए मार्गदर्शन भी प्राप्त किया। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार का प्रयास है कि आगामी बजट प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मंशानुसार तकनीक आधारित, पारदर्शी और विकासोन्मुखी हो।

बैठक के दौरान केंद्रीय वित्त मंत्री ने प्रदेश के वित्तीय प्रबंधन और सुधार के कार्यों को सराहा और आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार प्रदेश सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन में किसी भी प्रकार की वित्तीय कठिनाई नहीं आने देगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने केंद्रीय वित्तीय मंत्री का पुष्पगुच्छ और अंगवस्त्र भेंट कर अभिवादन किया। उन्होंने केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारमण को उज्जैन स्थित महाकाल लोक भी पधारने का न्योता दिया, जिसे उन्होंने सहर्ष स्वीकार किया।

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