इंदौरः नए मीटिंग हॉल के नाम नामकरण पर हंगामा, ताई बोलीं- मैं अभी जिंदा हूं

इंदौरः नए मीटिंग हॉल के नाम नामकरण पर हंगामा, ताई बोलीं- मैं अभी जिंदा हूं
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इंदौर (Indore)। इंदौर नगर निगम (Indore Municipal Corporation) के परिषद सम्मेलन (Council conference) का पहला सत्र हंगामेदार रहा। परिषद के नए मीटिंग हॉल का नाम (Name of the new meeting hall) लोकसभा की पूर्व स्पीकर सुमित्रा महाजन ताई (Former Speaker of Lok Sabha Sumitra Mahajan Tai) के नाम पर नहीं करने पर कांग्रेस ने हंगामा किया। उन्होंने कहा कि यह महिला का अपमान है। भाजपा वालों ने आडवाणीजी को नहीं छोड़ा, अब ताई की बारी है। सम्मेलन में पूरा घटनाक्रम ताई के सामने हुआ तो उन्होंने माइक संभाल लिया। उन्होंने कहा कि मैं अभी जिंदा हूं और खुद ही नाम बदलने की सच्चाई बता दी। इस दौरान वे भावुक भी नजर आईं।

गुरुवार को इंदौर नगर निगम परिषद के सम्मेलन में कांग्रेस पार्षदों ने नए मीटिंग हॉल के नामकरण में हुए बदलाव का मुद्दा उठाया और हंगामा किया। उनका कहना था कि जब दो साल पहले पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन के नाम पर हॉल के नामकरण का प्रस्ताव मंजूर हो चुका है तो फिर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी के नाम पर हॉल का नाम क्यों रखा। यह सुमित्रा महाजन का अपमान है। जिस वक्त यह हंगामा हो रहा था, परिषद हॉल में सुमित्रा महाजन खुद मौजूद थीं। उन्होंने हंगामा रोकने के इरादे से माइक संभाला और कहा कि मैं खुद हैरान थी कि मेरे नाम पर प्रस्ताव कैसे पास हो गया। मैं तो अभी जिंदा हूं। मेरे नाम से भवन के नामकरण की क्या जरुरत है। उन्होंने भवन का नाम बदलने के फैसले का समर्थन किया और कहा कि इसमें अपमान जैसी कोई बात नहीं। मेरे सम्मान को कोई ठेस नहीं पहुंचा सकता। इस शहर ने मुझे प्यार दिया है।

पार्षदों का ग्रुप फोटो सेशन के बाद नगर निगम का परिषद सम्मेलन नए परिषद हॉल में हुआ। नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे और पार्षद रुबीना इकबाल खान ने हॉल के नामकरण का मुद्दा उठाया। ताई के हस्तक्षेप के बाद यह मामला शांत हुआ और दूसरे मुद्दे उठाए गए। इसके बाद सदन की कार्यवाही पांच मिनट के लिए स्थगित कर दी गई। प्रश्नोत्तर काल के दौरान पार्षदों ने शहर से जुड़े मुद्दे उठाए। पार्षद विनितिका यादव ने विकास के कामों में भेदभाव का मुद्दा उठाते हुए कहा कि सफाई भी कांग्रेस पार्षदों के वार्ड में ठीक नहीं होती। स्वास्थ्य समिति प्रभारी अश्विनी शुक्ला ने कहा कि निगम भेदभाव नहीं होता। जो पार्षद टास्क फोर्स मांगते है, उन्हें उपलब्ध कराते हैं।

पार्षद रुबीना इकबाल खान ने खजराना में संकरी सड़क का मुद्दा उठाया। उन्होंने एमआर-10 से कालिका मंदिर तक रोड चौड़ा करने की मांग की। जनकार्य समिति प्रभारी राजेन्द्र राठौर ने कहा कि सड़क को चौड़ा किया जाएगा, लेकिन वहां काफी अतिक्रमण है। पार्षद कृणाल सोलंकी ने निगम की वेबसाइट बंद होने का मुद्दा उठाया। महापौर परिषद सदस्य राजेश उदावत ने कहा कि आचार संहिता के कारण वेबसाइट बंद थी। अब शुरू हो चुकी है। पार्षद राकेश सोलंकी ने कहा कि 29 गाँव नगर निगम सीमा में जुड़े, लेकिन वहां विकास के काम नहीं हो रहे हैं।

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