धमतरी : जिलेभर में बनाए गए अटल चौक की अब ली जा रही सुध

धमतरी : जिलेभर में बनाए गए अटल चौक की अब ली जा रही सुध
राज्य में भारतीय जनता पार्टी की सरकार आने के बाद अटल चौक की सुध ली जा रही है, वहीं कई स्थानों पर रंग-रोगन का प्रयास भी शुरू कर दिया गया है।

धमतरी । देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की पुण्य स्मृति को संजोने के लिए भाजपा शासन काल में धमतरी जिले के विभिन्न स्थानों पर बनाए गए अटल चौक वर्तमान स्थिति में जीर्णशीर्ण हो गए हो चुके हैं। एक बार फिर से राज्य में भारतीय जनता पार्टी की सरकार आने के बाद अटल चौक की सुध ली जा रही है, वहीं कई स्थानों पर रंग-रोगन का प्रयास भी शुरू कर दिया गया है।

धमतरी जिले के चारों ब्लाॅक धमतरी, कुरूद, नगरी व मगरलोड में अटल चौक का निर्माण किया गया गांव के प्रमुख स्थान पर चौक का निर्माण होने से लोग पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हैं। लंबे समय तक देखरेख नहीं होने से यह अटल चबूतरे अटल चौक टूटने लगे तो कहीं जर्जर होने लगे। लंबे समय तक इसकी देखरेख नहीं हो रही थी। इस बार विधानसभा चुनाव में जीत के बाद भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी है। एक बार फिर से अटल चौक की सुध ली जा रही है। 25 दिसंबर को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी की जयंती है और उस दिन को सरकारी क्षेत्र में पूरा देश सुशासन दिवस के रूप में मनाता है।

नगर पंचायत नगरी के अंतर्गत भाजपा शासन के कार्यकाल में अटल चौक का निर्माण कर अटल स्तंभ बनाया गया था जो उचित रखरखाव नहीं होने से आज उपेक्षित है। अटल स्तंभ का उपयोग मात्र 25 दिसंबर को पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन पर होता है। नगर पंचायत के पास बड़ा स्वच्छता अमला होने के बावजूद अटल स्तंभ के आसपास कचरे का ढेर है। बाजू में होटल संचालित है, इसके ऊपर बैठकर लोग नाश्ता करते हैं। लोगों का कहना है कि आगामी 25 दिसंबर के पूर्व नगर पंचायत के द्वारा शायद उस स्तंभ के आसपास साफ-सफाई कराई जाएगी।

भाजपा सरकार के समय बने थे अटल चौक

2003 में प्रदेश में डाॅ. रमन सिंह के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनने पर छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माता पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी के सम्मान में ग्राम पंचायतों में अटल चौक का निर्माण 2004-2005 में शुरू किया गया था। इसके बाद लगातार पांच साल चरणबद्ध रूप से अटल चौक का निर्माण जारी रहा। रखरखाव के अभाव में अटल चौक के स्तंभ धराशायी अथवा खंडहर हो गए। नई सरकार बनने के बाद अब अटल चौक का गौरव दोबारा स्थापित करने में पंचायतें लग गई हैं।

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