छत्‍तीसगढ़ में मंत्रियों के विभागों का बंटवारा ,विजय शर्मा को गृह तो ओपी चौधरी को वित्त मंत्रालय

प्रदेश में पहली बार विधायक निर्वाचित होने वाले नेताओं को मंत्री बनाकर उन्हें बड़े विभागों की जिम्मेदारी देकर सबको चौंका दिया गया है। वरिष्ठ नेताओं के बावजूद विजय शर्मा को गृह और ओपी चौधरी को वित्त मंत्री की जिम्मेदारी देकर साय सरकार ने नई पीढ़ी के नेताओं का कद बढ़ाने का फार्मूला पेश किया है।

रायपुर । छत्तीसगढ़ में शुक्रवार देर शाम मंत्रियों के विभागों का निर्धारण कर दिया गया। विजय शर्मा गृह मंत्री बनाए गए हैं। साथ ही उन्हें तकनीकी शिक्षा और रोजगार की भी जिम्मेदारी दी गई है। डिप्टी सीएम अरुण साव को लोक निर्माण, विधि और नगरीय प्रशासन दिया गया है। पूर्व आईएएस रहे और अब भाजपा से विधायक और मंत्री बने ओपी चौधरी वित्त विभाग संभालेंगे।

प्रदेश में पहली बार विधायक निर्वाचित होने वाले नेताओं को मंत्री बनाकर उन्हें बड़े विभागों की जिम्मेदारी देकर सबको चौंका दिया गया है। वरिष्ठ नेताओं के बावजूद विजय शर्मा को गृह और ओपी चौधरी को वित्त मंत्री की जिम्मेदारी देकर साय सरकार ने नई पीढ़ी के नेताओं का कद बढ़ाने का फार्मूला पेश किया है। इस बार नए मंत्रियों में शपथ लेने वाले पांच विधायकों में अरुण साव, विजय शर्मा, ओपी चौधरी, लक्ष्मी राजवाड़े और टंकराम वर्मा पहली बार विधायक बने हैं। जबकि श्यामबिहारी जायसवाल और लखनलाल देवांगन पहले विधायक रह चुके हैं और पहली बार मंत्री बने हैं। पूर्व मंत्रियों में बृजमोहन अग्रवाल, रामविचार नेताम, दयालदास बघेल और केदार कश्यप को विभाग तो दिए गए हैं मगर प्रदेश के महत्वपूर्ण विभाग नए मंत्रियों के पास हैं।बृजमोहन को स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा, संसदीय कार्य, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व, पर्यटन एवं संस्कृति विभाग की जिम्मेदारी मिली है। वह पहले भी स्कूल शिक्षा, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व, पर्यटन एवं संस्कृति की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं।

मंत्री राम विचार नेताम को आदिवासी समाज से होने के कारण उन्हें आदिम जाति विकास, अनुसूचित जाति विकास, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक विकास की जिम्मेदारी मिली है। इसके अलावा उनके पास कृषि विकास एवं किसान कल्याण विभाग की भी जिम्मेदारी है। मंत्री दयाल दास बघेल को खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग और मंत्री केदार कश्यप को वन एवं जलवायु परिवर्तन, जल संसाधन, कौशल विकास एवं सहकारिता विभाग की जिम्मेदारी मिली है। झंडा विवाद में जेल गए और कवर्धा से मोहम्मद अकबर को हराने वाले उप मुख्यमंत्री विजय को गृह एवं जेल का जिम्मा मिला है। इसके अलावा उन्हें पंचायत एवं ग्रामीण विकास, तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग भी सौंपा गया है।

पहली बार विधायक से मंत्री बने ओपी चौधरी मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सरकार का वित्त मंत्रालय संभालेंगे। उन्हें वित्त, वाणिज्यिक कर, आवास एवं पर्यावरण, योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग जैसे महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी मिली है। 2005 के आईएएस अफसर रहे ओपी ने 2018 में 36 साल की उम्र में नौकरी छोड़कर भाजपा प्रवेश किया था। वह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के करीबी उप मुख्यमंत्री बने अरुण साव बिलासपुर से पहली बार लोकसभा सदस्य बने, पहली बार भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बने और अब पहली बार विधायक बनने के साथ उप मुख्यमंत्री बने हैं। वह वकील होने के कारण कानून के अच्छे ज्ञाता हैं। साव को लोक निर्माण, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, विधि और विधायी कार्य और नगरीय प्रशासन जैसे बड़े विभागों की जिम्मेदारी मिली है।

पहली बार विधायक बने श्याम बिहारी जायसवाल को लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण जैसा बड़ा विभाग मिला है। मनेंद्रगढ़ विधायक जायसवाल ओबीसी वर्ग के हैं।जायसवाल पहले जिपं खड़गवां के अध्यक्ष भी रहे हैं। श्याम बिहारी जायसवाल भाजपा किसान मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं। युवा नेत्री, ओबीसी चेहरा, लो प्रोफाइल और संगठन की पसंद के कारण लक्ष्मी राजवाड़े को मंत्री बनाया है। अब उन्हें महिला एवं बाल विकास व समाज कल्याण की बड़ी जिम्मेदारी मिली है।ओबीसी वर्ग के लखनलाल को साधने की कोशिश की गई है। उन्हें वाणिज्य, उद्योग और श्रम विभाग की जिम्मेदारी मिली है। विधायक से मंत्री टंकराम वर्मा को मंत्रालय में कामकाज का लंबा अनुभव है। वे दयालदास बघेल और केदार कश्यप के निजसचिव रहे कुर्मी समाज से आने वाले टंकराम वर्माको प्रदेश के खेलकूद एवं युवा कल्याण, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग की जिम्मेदारी दी गई है ।

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