लोकायुक्त, आयकर छापों के बाद ईडी की होगी एंट्री!: परिवहन का पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा लापता, संपत्ति की पड़ताल जारी…

परिवहन का पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा लापता, संपत्ति की पड़ताल जारी…
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दोनों एजेंसियों ने साधी चुप्पी, मप्र सरकार के अधिकारियों में हड़कंप

भोपाल। प्रदेश में आयकर और लोकायुक्त की दो दिन की छापेमारी में बडी मात्रा में सोना, चांदी और करोड़ों की नकदी मिलने के बाद अब इस मामले में ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) की एंट्री हो सकती है। दोनों एजेंसियों ने परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के ठिकानों से बडी मात्रा में सोना, 234 किलो चांदी, विदेशी मुद्रा, विदेशी पेंटिंग के अलावा अन्य संपत्ति बरामद की है।

बड़ी संख्या में जमीनों के दस्तावेज भी मिले हैं। इनकी पड़ताल से विदेश में निवेश की जानकारी मिली है। मप्र में पड़े छापों के बाद दिल्ली में केंद्रीय एजेंसियों की आगामी रणनीति पर चर्चा हुई है। संभावना है कि इस प्रकरण में ईडी की एंट्री भी हो सकती है।

बेनामी संपत्ति मिलने के बाद मप्र सरकार के अधिकारी, पूर्व मंत्रियों के स्टाफ में रहे अधिकारी एवं उनके करीबियों में हड़कंप है। राजधानी में शुक्रवार से शुरू हुई आईएएस मीट के दूसरे दिन भी आयकर छापा चर्चा में रहा।

परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के ठिकानों से बेशकीमती संपत्ति जब्त होने और लावारिस कार से 54 किलो सोना और करोड़ों की नकदी बरामद होने के बाद से अभी तक आयकर विभाग ने आधिकारिक रूप से किसी भी तरह की जानकारी नहीं दी है।

सामान्यत: विभाग ऐसे मामलों में जानकारी देने से बचता है। वहीं मप्र लोकायुक्त हर ट्रैप या छापामार कार्रवाई के बाद प्रेसनोट जारी करता है, लेकिन सौरभ शर्मा के ठिकानों पर छापामार कार्रवाई को लेकर उसने भी किसी तरह की जानकारी नहीं दी है। लोकायुक्त के अधिकारी भी इससे बच रहे हैं।

7 साल की नौकरी में अकूत दौलत

परिवहन सूत्रों के अनुसार पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा को 2015 में अनुकंपा नियुक्ति मिली भी। 2023 के बाद वह नौकरी पर नहीं गया। हालांकि विभाग में चर्चा है कि उसने वीआरएस ले लिया, लेकिन ऐसे कोई दस्तावेज नहीं मिले हैं।

यहां बता दें कि 2015 से 2018 तक परिवहन विभाग के मंत्री भूपेन्द्र सिंह थे, जबकि 2018 से 2023 तक गोविंद सिंह राजपूत परिवहन मंत्री थे। कांग्रेस सरकार में भी गोविंद राजपूत परिवहन मंत्री थे। बताया गया कि सौरभ शर्मा ने परिवहन की नौकरी के कुछ सालों में ही अकूत संपत्ति जोड़ ली। इसी दौरान वह कई अधिकारियों एवं नेताओं का करीबी बन गया था।

सौरभ शर्मा के ठिकानों पर छापों के बाद यदि ईडी की एंट्री होती है, तो मप्र सरकार के कई वरिष्‍ठ अधिकारी, पूर्व परिवहन मंत्रियों के स्टाफ में रहे अधिकारी, परिवहन के अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

सौरभ शर्मा लापता या विदेशा भागा?

छापों के बाद से ही सौरभ शर्मा लापता बताया जा रहा है। वहीं, घर से पासपोर्ट नहीं मिलने पर उसके विदेश भागने की चर्चा भी चल रही है।

हालांकि कोई भी एजेंसी उसकी लोकेशन बताने की स्थिति में नहीं है। प्रशासनिक गलियारों में चर्चा है कि सौरभ के करीबी ताकतवर लोगों ने उसे विदेश भागने की सलाह दी है, ताकि वह किसी भी एजेंसी के हाथ नहीं लगे। सौरभ के बयान के आधार पर ही जांच एजेंसियों की अगली दिशा तय होगी।

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